गर्भावस्थाः महिलाओं का दिन में 10 से ज्यादा सिगरेट पीना नवजात में 41 फीसदी बढ़ा सकता है फ्रेक्चर का खतरा

गर्भावस्था में मां का धूम्रपान करना नवजातों में फ्रेक्चर का खतरे को बढ़ा देता है। एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है।
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गर्भावस्थाः महिलाओं का दिन में 10 से ज्यादा सिगरेट पीना नवजात में 41 फीसदी बढ़ा सकता है फ्रेक्चर का खतरा


शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया कि वे महिलाएं, जो गर्भावस्था की शुरुआत में धूम्रपान करती हैं उनके नवजातों में जीवन के पहले वर्ष के दौरान फ्रेक्चर होना का खतरा थोड़ा बढ़ा हुआ होता है। कई अध्ययनों में गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और नवजातों में विकास संबंधी समस्याओं के बीच संबंध पाया गया है। लेकिन गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान के हड्डी स्वास्थ्य पर प्रभाव और जीवन के विभिन्न चरणों में बच्चों में फ्रेक्चर के खतरे के सबूत दुर्लभ और असंगत है।

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स्वीडन की ओरेब्रो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखकों का कहना है कि इस अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान मां का धूम्रपान करना बच्चे के जन्म के पहले वर्ष में ही फ्रेक्चर के बढ़े हुए खतरे से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने कहा कि हालांकि, जन्म से पहले सिगरेट के धुएं के संपर्क में आने का जोखिम, बचपन से लेकर व्यस्क होने तक फ्रैक्चर के जोखिम के लंबे समय तक चलने वाले जैविक प्रभाव को प्रदर्शित नहीं करता है। जर्नल द बीएमजे में प्रकाशित निष्कर्षों के लिए शोध दल ने गर्भावस्था के दौरान मां के धूम्रपान का गर्भावस्था से लेकर युवावस्था तक होने वाले फ्रैक्चर के प्रभाव का अध्ययन किया।

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ये निष्कर्ष स्वीडन में 1983 से 2000 के बीच जन्में 16 लाख से ज्यादा लोगों के सवालों पर आधारित हैं। इनमें से धूम्रपान करने वाली महिलाओं की संख्या 377,367 जबकि 1,302,940 महिलाओं ने गर्भावस्था की शुरुआत में धूम्रपान नहीं किया था। अध्ययन में जन्म से लेकर 21 साल की उम्र तक बच्चों पर नजर रखी गई। इसके साथ ही कुछ बच्चों पर 32 साल तक की उम्र तक नजर रखी गई।

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अध्ययन के मुताबिक, इस अवधि के दौरान 377,970 फ्रेक्चर की पहचान की गई, जिसकी दर साल में प्रति 1000 पर 11.8 रही। शोधकर्ताओं ने एक परिवार के भाई-बहनों द्वारा साझा किए गए बेमिसाल पारिवारिक (आनुवांशिक और पर्यावरणीय) कारकों के किसी अवांछित प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए उनका तुलनात्मक विश्लेषण भी किया, जिससे परिणामों के विश्वसनीय होने की संभावना भी बढ़ गई।

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कुल-मिलाकर अध्ययन से जो जरूरी जानकारी सामने आई है कि मां का धूमप्रान करना बच्चे के जन्म के पहले वर्ष में फ्रेक्चर के अधिक जोखिम से जुड़ा हुआ है। अगर सटीक संख्या की बात की जाए तो मां के धूम्रपान के संपर्क में आने से फ्रेक्चर का खतरा साल में प्रति1000 में 1.59 बच्चों को था जबकि धूम्रपान के संपर्क में नहीं आने वाले बच्चों में यह दर 1.28 रही। इस मामूली दर का  अंतर 0.31 फीसदी जीवन के पहले वर्ष में पाया गया है। 

ये खतरा एक प्रकार के खास डोज के रूप में इंगित किया गया। अध्ययन में बताया गया कि गर्भावस्था में धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं की तुलना में दिन में 1 से लेकर 9 सिगरेट पीने वाली महिलाओं के नवजातों में फ्रेक्चर का खतरा 20 फीसदी बढ़ा हुआ होता है और 10 से ज्यादा सिगरेट पीने वाली महिलाओं में ये खतरा 41 फीसदी ज्यादा होता है।

अध्ययन के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान मां का धूम्रपान करना 5 से 32 साल की उम्र तक बच्चों में फ्रेक्चर के बढ़े हुए खतरे से जुड़ा हुआ है।

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