बहुत कम या ज्यादा नींद लेना मानसिक रूप से हो सकता है खतरनाक, जानें कितनी नींद लेना है स्वास्थ्य के लिए सही

अगर आप बहुत कम नींद लेते हैं या फिर बहुत ज्यादा नींद लेते हैं तो जानें ये स्थिति आपके दिमाग पर कैसे डालती है बुरा असर।
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बहुत कम या ज्यादा नींद लेना मानसिक रूप से हो सकता है खतरनाक, जानें कितनी नींद लेना है स्वास्थ्य के लिए सही

नींद हर व्यक्ति के लिए जरूरी है, इससे आपके शरीर को सही ऊर्जा मिलती है और आप अगले दिन काम करने के लिए तैयार हो जाते हैं। किसी को ज्यादा नींद लेने की आदत होती है तो किसी को बहुत कम नींद आती है। ये हर किसी की अलग-अलग आदतें बन जाती है। नींद को लेकर एक नए अध्ययन से पता चला है कि सभी के लिए नींद लेना जरूरी तो है लेकिन बहुत कम नींद लेने वाले और बहुत ज्यादा नींद लेने से आपके दिमाग पर इसका असर पड़ता है। रात में कम नींद को 4 घंटे या उससे कम के रूप में दिखाया गया था, जबकि ज्यादा नींद 10 घंटे या उससे ज्यादा के रूप में दिखाया गया था। 

पेकिंग यूनिवर्सिटी क्लिनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट, चीन के लेखक यंगुन मा (Yanjun Ma, Peking University Clinical Research Institute, China) ने बताया कि कम या ज्यादा नींद लेने वाले सभी व्यक्तियों पर नजर रखी जानी चाहिए। मा अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि अध्ययन यह साबित नहीं करता कि जरूरी नहीं कम नींद या ज्यादा नींद लेने वाले लोगों को मानसिक गिरावट का सामना करना ही पड़े। वहीं, नेशनल स्लीप फाउंडेशन (National Sleep Foundation) के अनुसार, नींद हर किसी के लिए जरूरी होती है क्योंकि यह आपके शरीर और दिमाग को रिचार्ज कर देती है। इसके अलावा बेहतर और पूरी नींद से आप कई बीमारियों को रोक सकती है और आप लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं। 

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मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पर्याप्त नींद

जैसा कि आप जानते हैं नींद हर किसी के लिए जरूरी है और वो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और एक्टिव रखने में मदद करती है। इसलिए पर्याप्त नींद के बिना आपका मस्तिष्क भी ठीक से काम नहीं कर सकता, ये आपकी एकाग्रता, स्पष्ट सोच और किसी भी चीज को याद करने की क्षमता को बिगाड़ सकता है। न्यूयॉर्क शहर में माउंट सिनाई अल्जाइमर रोग अनुसंधान केंद्र के एसोसिएट निदेशक डॉक्टर सैम गैंडी (Dr. Sam Gandy, associate director of the Mount Sinai Alzheimer's Disease Research Center in New York City) ने कहा, "सर्कैडियन चक्र में किसी भी अन्य समय से अधिक, नींद के दौरान, मस्तिष्क का ग्लाइफैटिक सिस्टम विषाक्त पदार्थों के अतिरिक्त स्तर को धोने में सक्रिय है और इसके साथ अमाइलॉइड-बीटा पेप्टाइड भी। 

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कम या ज्यादा नींद से क्या होता है असर

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को (University of California, San Francisco) में मनोचिकित्सा के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर यू. लेंग ने इस नए अध्ययन के साथ संपादकीय का सह-लेखन किया। जिसमें उन्होंने बताया कि अध्ययन की बढ़ती संख्या में नींद की अवधि और अनुभूति के बीच एक यू-आकार का संबंध पाया गया है, जहां छोटी और लंबी नींद की अवधि बुरे संज्ञान से जुड़ी थी। इसके साथ ही लेंग बताते हैं कि नींद की अवधि को पहले बड़े वयस्कों में संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के साथ जोड़कर किया जाने का सुझाव दिया गया था, जबकि इस विषय को बेहतर अध्ययन डिजाइन और ज्यादा वैध और विश्वसनीय जरूरत है। 

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नींद के लिए नेशनल स्लीप फाउंडेशन की सलाह

  • 9 घंटे की नींद लेना जरूरी।
  • कमरे को ठंडा और अंधेरा रखें।
  • अपने कमरे से टीवी, कंप्यूटर और टैबलेट, सेलफोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को दूर करें।
  • सोने से कुछ घंटे पहले कैफीन, शराब या बड़े भोजन का सेवन करने से बचें। 
  • तंबाकू का इस्तेमाल न करें। 
  • दिन में कुछ समय व्यायाम जरूर करें, जो आपकी नींद को बेहतर करने में आपकी मदद करता है। 

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