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स्लीप पैरालिसिस (नींद में हाथ-पैर न हिला पाना) होने पर क्या करना चाहिए? जानें बचने के उपाय

Sleep Paralysis Prevention: स्लीप पैरालिसिस नींद से जुड़ी एक समस्या है, जानें स्लीप पैरालिसिस होने पर क्या करना चाहिए और इससे बचाव के उपाय।
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स्लीप पैरालिसिस (नींद में हाथ-पैर न हिला पाना) होने पर क्या करना चाहिए? जानें बचने के उपाय


Sleep Paralysis Prevention in Hindi: स्लीप पैरालिसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें इंसान के शरीर और दिमाग के बीच का तालमेल बिगड़ जाता है। इसकी वजह से कुछ सेकंड के लिए इंसान नींद में प्रयास करने पर भी हाथ-पैर तक नहीं हिला पाता है। ज्यादातर मामलों में यह स्थिति 10 से 15 सेकंड तक के लिए रहती है। लेकिन इतनी ही देर में इंसान की हालत गंभीर हो सकती है। स्लीप पैरालिसिस में आप जग तो रहे होते हैं, लेकिन शरीर का मूवमेंट चाहते हुए भी नहीं कर पाते हैं। बार-बार स्लीप पैरालिसिस का शिकार होने पर आपको लकवा यानी पैरालिसिस का खतरा भी रहता है। अब सवाल यह उठता है कि स्लीप पैरालिसिस होने पर क्या करना चाहिए? इस स्थिति से बचने के लिए क्या करें?

स्लीप पैरालिसिस होने पर क्या करना चाहिए?- What To Do When Sleep Paralysis Happens?

स्लीप पैरालिसिस की समस्या कई कारणों से हो सकती है। नींद की कमी, अत्यधिक तनाव और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ स्थितियों के कारण आप स्लीप पैरालिसिस के शिकार हो सकते हैं। स्लीप पैरालिसिस एक तरह का स्लीप डिसऑर्डर है जिसे नॉक्टर्नल पैरालिसिस के नाम से भी जाना जाता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजिशियन डॉ. समीर कहते हैं कि स्लीप पैरालिसिस होने पर आपको घबराना नही चाहिए। इस स्थिति में घबराहट होना आम है लेकिन बहुत ज्यादा घबरा जाने से आपकी परेशानियां बढ़ सकती हैं। स्लीप पैरालिसिस आने पर शरीर नार्मल होने के बाद आपको थोड़ी देर हवा में घूमना चाहिए और इसके बाद पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।

Sleep Paralysis Prevention in Hindi

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स्लीप पैरालिसिस के कारण- What Causes Sleep Paralysis?

स्लीप पैरालिसिस की समस्या REM स्लीप में गड़बड़ी की वजह से होती है। इस स्थिति में सोने वाले व्यक्ति की आंखे मूवमेंट करती हैं और ब्रेन एक्टिव रहता है। लेकिन ब्रेन और बॉडी में तालमेल सही से नहीं बैठ पाता है जिसकी वजह से यह समस्या होती है। स्लीप पैरालिसिस की समस्या के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं। ऐसे लोग जो तनाव, चिंता और डिप्रेशन आदि से पीड़ित हैं, उन्हें इसका खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा नींद की कमी के कारण भी स्लीप पैरालिसिस की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। स्लीप पैरालिसिस के कुछ प्रमुख जोखिम कारण इस तरह से हैं-

  • ड्रग्स का सेवन
  • नींद की कमी 
  • तनाव, चिंता और अवसाद
  • बहुत ज्यादा नींद लेना
  • पीठ के बल ज्यादा देर तक सोना
  • बाइपोलर डिसऑर्डर की वजह से
  • आनुवांशिक कारणों की वजह से

स्लीप पैरालिसिस से बचाव के उपाय- Sleep Paralysis Prevention Tips in Hindi

स्लीप पैरालिसिस की समस्या वैसे तो आम समस्या है और इसे बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं माना जाता है। लेकिन अगर किसी भी व्यक्ति को यह समस्या बार-बार होती रहे तो इसे बहुत खतरनाक माना जाता है। स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए हेल्दी और संतुलित भोजन का सेवन, तनाव को कम करना, अच्छी नींद लेना चाहिए। सोते समय टीवी या फोन चलाने से बचें। इसके अलावा स्लीप पैरालिसिस से बचने के लिए रोजाना योग और मेडिटेशन का अभ्यास करना फायदेमंद होता है। 

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रोजाना मेडिटेशन करने से आपको स्लीप पैरालिसिस की समस्या में बहुत फायदा मिलता है। रोजाना कुछ देर टहलना और मेडिटेशन करने से स्लीप पैरालिसिस का खतरा कम होता है। इस स्थिति में परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

(Image Courtesy: Freepik.com)

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