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आप भी मन में दबा लेते हैं गुस्‍सा? शरीर को हो सकते हैं ये 5 नुकसान

Side Effects of Repressed Anger: आप अक्‍सर क‍िसी बात पर गुस्‍सा होकर उसे मन में दबा लेते हैं? अगर हां तो ये आपकी सेहत के ल‍िए हान‍िकारक हो सकता है। 
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आप भी मन में दबा लेते हैं गुस्‍सा? शरीर को हो सकते हैं ये 5 नुकसान


Side Effects of Repressed Anger: गुस्‍सा एक भाव है ज‍िसके अध‍िक बढ़ जाने से व्‍यक्‍त‍ि के मानसिक और शारीर‍िक स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर पड़ता है। लेक‍िन क्‍या आपको पता है ज‍िस तरह गुस्‍सा करना हान‍िकारक होता है उसी तरह गुस्‍से को कंट्रोल करने से भी व्‍यक्‍त‍ि पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग के शोधकर्ताओं की टीम ने गुस्‍सा दबाने से स्‍ट्रोक के खतरे को भी उजागर क‍िया है लेक‍िन इस पर सीम‍ित जानकारी होने के कारण फ‍िलहाल इस पर कोई प्रमुख चर्चा सामने नहीं आई है। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि कैसे गुस्‍सा दबाने से व्‍यक्‍त‍ि के शारीर‍िक और मानस‍िक स्‍वास्‍थ्‍य पर बुरा असर पड़ सकता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्‍सलिंग साइकोलॉज‍िस्‍ट डॉ नेहा आनंद से बात की।   

anger side effects

1. तनाव बढ़ सकता है- Increases Stress 

अगर आप गुस्‍सा दबाते हैं, तो तनाव का श‍िकार हो सकते हैं। गुस्‍सा दबाने के कारण व्‍यक्‍ति‍ को तनाव महसूस होता है। तनाव के कारण व्‍यक्‍त‍ि दुखी हो सकता है। कुछ लोगों को इससे अन‍िद्रा की समस्‍या भी हो सकती है। तनाव बढ़ने के कारण पसीना आना, द‍िल की मांसपेश‍ियों को नुकसान आद‍ि समस्‍याएं हो सकती हैं।

2. गुस्‍सा बढ़ता है- Increases Anger 

कई लोगों को ऐसा लगता है, क‍ि गुस्‍से को काबू कर लेने से मन शांत होता है और गुस्‍सा कम हो जाता है। लेक‍िन ऐसा नहीं है। गुस्‍सा दबाने से भले ही आप कुछ देर शांत रहें, लेक‍िन बाद में गुस्‍सा बढ़ सकता है। मनोच‍िक‍ित्‍सक ऐसा मानते हैं क‍ि गुस्‍से में व्‍यक्‍त‍ि को अपने करीबी से बात करनी चाह‍िए। बात को मन में रखने से गुस्‍सा कम होने के बजाय बढ़ता है।  

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3. शारीर‍िक समस्‍याएं हो सकती हैं- Physical Problem Increases

गुस्‍सा आने या गुस्‍से को काबू करने के कारण एड्र‍ि‍नाल‍िन और नोराड्र‍िनल‍िन हार्मोन का स्‍तर बढ़ जाता है। अगर आप गुस्‍सा कंट्रोल करते हैं, तो उच्‍च रक्‍तचाप, सीने में दर्द, स‍िर दर्द, अपच, एस‍िड‍िटी जैसी शारीर‍िक समस्‍याएं हो सकती है। जो लोग छोटी-छोटी बातों पर गुस्‍सा हो जाते हैं, उन्‍हें स्‍ट्रोक, क‍िडनी, मोटापा आद‍ि समस्‍याएंं भी हो सकती हैं।   

4. स‍िर दर्द हो सकता है- Headache  

गुस्‍सा कंट्रोल करने के कारण मानस‍िक समस्‍याएं हो सकती हैं। जो लोग अपनी बात को ज्‍यादा लोगों के साथ शेयर नहीं करते, उन्‍हें स‍िर दर्द, हार्ट ड‍िसीज की श‍िकायत हो सकती है। ज्‍यादा पसीना आना, अल्‍सर या माइग्रेन जैसी समस्‍याएं भी गुस्‍से के बुरे प्रभाव हैं। ज्‍यादा गुस्‍से के कारण द‍िल की मांसपेश‍ियों को भी नुकसान पहुंचता है। लगातार गुस्‍से के कारण रैशेज, मुंहासे जैसी समस्‍याएं भी हो सकती हैं।

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5. बीपी बढ़ सकता है- High Blood Pressure  

जो लोग मन में गुस्‍से को दबाते हैं उन्‍हें हाई बीपी की समस्‍या हो सकती है। गुस्‍से को काबू करने की ज्‍यादा कोश‍िश का असर मन और शरीर दोनों पर पड़ता है। हाई बीपी के कारण ब्रेन स्‍ट्रोक की समस्‍या हो सकती है। जब हम क‍िसी बात पर र‍िएक्‍ट करते हैं, तो शरीर में रक्‍त का प्रभाव तेज होने लगता है ज‍िससे बीपी बढ़ता है।

गुस्‍सा दबाने के कारण हाई बीपी, स‍िर दर्द, अपच, सीने में दर्द, तनाव और ड‍िप्रेशन जैसी समस्‍याएं हो सकती हैं। इसका सही प्रबंधन सीखना चाहते हैं, तो मनोच‍िक‍ित्‍सक से म‍िलें।  

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