आज के दौर में मोबाइल हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। हमारी आदतों का असर धीरे-धीरे हमारे बच्चों पर भी पड़ने लगा है। बच्चे स्कूल जाने से पहले ही मोबाइल फोन को इस्तेमाल करने के आदी हो जाते हैं और घंटों मोबाइल पर गेम्स खेलते हैं। भले ही इस आदत के लिए अभिभावक खुद जिम्मदार क्यों न हों। लेकिन इसके नुकसान तो बच्चों को ही झेलने पड़ते हैं। छोटी आयु में बच्चों को मोबाइल देने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इस लेख में आप आगे जानेंगे बच्चों को ज्यादा मोबाइल देखने से क्या बीमारियां हो सकती है और इससे बच्चे को कैसे बचा सकते हैं। आगे जानते हैं मोबाइल से बच्चों को होने वाली बीमारियों के बारे में।
मोबाइल से बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव
मोबाइल बच्चों को बहलाने का एक बेहतरीन साधन अवश्य हो सकता है, लेकिन बच्चों पर इसके कई दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। मोबाइल फोन के नियमित उपयोग के कुछ नकारात्मक प्रभावों में शामिल हैं:
ट्यूमर का खतरा
अगर आपका बच्चा भी ज्यादा मोबाइल देखता है तो उसको ट्यूमर होने की संभावना अधिक होती है। एक अध्ययन में पाया गया कि मोबाइल से निकलने वाली रेडिएशन की वजह से बच्चों को ट्यूमर हो सकता है। साथ ही मोबाइल बच्चों के ब्रेन ट्यूमर के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है।
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मानसिक विकास में बाधा
मोबाइल के इस्तेमाल से बच्चों के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है। मोबाइल के सामने घंटों बिताने से बच्चा अन्य किसी भी काम में रुचि नहीं लेता है। साथ ही मोबाइल की वजह से वह दूसरों से मिलना-जुलना भी पसंद नहीं करता है। इसकी वजह से बच्चों के मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है।
न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
मोबाइल से बच्चों को न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर हो सकता है। एक स्टडी में पाया गया है कि मोबाइल की रेडिएशन की वजह से बच्चों को न्यूरोलॉजिलक डिसऑर्डर होने का खतरा रहता है। इस तरह के डिसऑर्डर से आपके बच्चे के चलने, सांस लेने के तरीके, किसी नए काम को सीखने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
बच्चे की आदतों में बदलाव
मोबाइल के लगातार उपयोग से बच्चे की आदतों में बदलाव आने लगता है। बच्चा मोबाइल की वजह से किसी भी काम को करने में ध्यान नहीं देता। यदि आप उससे मोबाइल ले लेते हैं तो वह रोने लगता है या अपनी बात को मनाने के लिए जिद करने लगता है।
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डिप्रेशन होने की समस्या
मोबाइल के अधिक उपयोग से बच्चे को डिप्रेशन की समस्या हो सकती है। साथ ही आपका बच्चा गुस्सैल बनने लगता है। मोबाइल के लगातार इस्तेमाल से बच्चे के अंदर गुस्से की आदत पनपने लगती है। साथ ही कई बार उसको डिप्रेशन भी होने लगता है।
मोबाइल से बच्चे की दूरी कैसे बनाएं
- बच्चे को बाहर ले जाकर खेलने पर जोर दें। हमेशा उनको घर पर ही खेलने के लिए कहेंगे तो वह बोर हो जाएंगे।
- बच्चे के साथ समय बिताएं। क्योंकि कई बार बच्चा अकेला होने पर मोबाइल देखने लगता है।
- बच्चे को पेंटिंग, डांसिंग या किसी अन्य एक्टिविटी का हिस्सा बनाएं।
- बच्चे के रोने पर उसे मोबाइल देने की जगह कोई खिलौना दें।
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