Side Effects Of Eating Chemically Treated Roasted Grams in hindi: सेहतमंद रहने के लिए जब डाइट में बदलाव की सलाह दी जाती है, तो उस लिस्ट में भुने चनों को भी शामिल किया जाता है। भुने चने खाने से कई फायदे मिलते हैं। यहीं, वजह है कि जब भी हमें थोड़ी भूख महसूस होती है, तो ऐसे में हम भुने चने खाना पसंद करते हैं। इसकी बड़ी वजह इनका हेल्दी होना है, भुने चने में फाइबर, प्रोटीन,आयरन, फोलेट और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। भुने चनों में पाए जाने वाले विटामिन और मिनरल्स कई बीमारियों को दूर करने में मदद करते हैं। साथ ही, भूख को शांत करने का एक बेहतरीन ऑपशन होते हैं। लेकिन, लोगों की बढ़ती मांग के चलते इसमें भी कुछ केमिकल्स का उपयोग किया जाने लगा है। बाजार में पीले और फूले हुए चने मिल रहे हैं। दरअसल, चने के आकार को बड़ा करने और इसके रंग को ज्यादा पीला करने के लिए कई केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये केमिकल्स सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आगे मेडिकवर अस्पताल, नवी मुंबई के न्यूट्रिशनिस्ट एंड डाइटिक विभाग की एचओडी डॉक्टर राजेश्वरी पांडा से जानते हैं कि केमिकल युक्त चने से सेहत पर क्या असर पड़ता है।
भुने चनों में इस्तेमाल किए जाने वाले केमिकल्स - Common Chemicals Used in Adulteration in Roasted Gram In Hindi
- कृत्रिम रंग (Artificial Colors): चने को ज्यादा आकर्षक बनाने के लिए कुछ लोगों द्वारा उसमें चमकीले पीले या दूसरे चटकीले रंग मिलाए जाते हैं।
- पॉलिशिंग एजेंट (Polishing Agents): चने को ज्यादा चमकदार बनाने के लिए टैल्कम पाउडर या सोपस्टोन जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है।
- सिंथेटिक रंग (Synthetic Dyes): मेटानिल येलो या दूसरे सिंथेटिक रंगों चने के रंग के लिए इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं।
- चने की शेल्फ लाइप बढ़ाने वाले केमिकल (Preservatives:): चने की शेल्फ लाइफ (जिस समय तक वह खराब नहीं होता) बढ़ाने के लिए नॉन फूड ग्रेड प्रीजर्वेटिव्स मिलाए जा सकते हैं।
केमिकल युक्त भुने चने से सेहत को होने वाले साइड इफेक्ट्स - Roasted Grams Could Be Harmful For Health In Hindi
कृत्रिम रंग से होने वाले नुकसान - side effect of artificial colour
- एलर्जिक रिएक्शन होना: त्वचा पर चकत्ते, खुजली और सांस संबंधी समस्याएं होना।
- कार्सिनोजेनिक प्रभाव: कुछ रंगों को कार्सिनोजेनिक माना जाता है और ये कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
- विषाक्तता (Toxicity): केमिकल युक्त चने का लंबे समय तक सेवन से विषाक्तता हो सकती है, जिससे कई अंग प्रभावित हो सकते हैं।
पॉलिशिंग एजेंट से वाले नुकसान
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं: पेट दर्द, मतली, उल्टी और दस्त।
- श्वसन संबंधी समस्याएं (Respiratory Problems): केमिकल्स के छोटे-छोटे कण सांस में जाने से श्वसन संबंधी समस्याएं (रेस्पिरेटरी समस्याएं) हो सकती हैं।
- किडनी को नुकसान (Kidney Damage): लंबे समय इनके सेवन से किडनी को नुकसान पहुंच सकता है और किडनी के कार्य में बाधा आ सकती है।
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं: सिरदर्द, चक्कर आना और एकाग्रता में समस्या।
- हार्मोनल असंतुलन: हार्मोनल संतुलन में बाधा के कारण मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
- प्रजनन स्वास्थ्य: प्रजनन स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
प्रीजर्वेटिव से होने वाले नुकसान
- लिवर को होने वाले नुकसान (Liver Damage:): नॉन फूड ग्रेड प्रीजर्वेटिव्स से लिवर टॉक्सिटी का कारण बन सकते हैं।
- इम्यून सिस्टम पर दबाव पड़ना: प्रीजर्वेटिव्स व्यक्ति के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे शरीर में इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ सकती है।
- क्रोनिक डिजीज: हानिकारक केमिकल्स के लंबे समय तक उपयोग से आपको क्रोनिक डिजीज (लंबे समय तक होने वाली बीमारियां) का खतरा बढ़ जाता है।
भुने चनों में मिलावट की पहचान कैसे करें? - How To Identify of Adulteration In Roasted Grams
- भुने चनों का रंग ज्यादा पीलापन लिए हो, तो यह मिलावट का संकेत हो सकता है।
- चनों का आकार नॉर्मल चनों की तुलना में बहुत अधिक बड़ा हो तो यह भी मिलावट का संकेत करता है।
- चनों को हाथ में लेने पर सफेद रंग का पाउडर हाथ में लगना।
- चने के स्वाद में बदलाव होना, आदि।
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भुने चनों में केमिकल्स के उपयोग से व्यक्ति की सेहत को कई समस्याएं हो सकती है। इससे बचाव के लिए आप चनों की क्वालिटी और अच्छे ब्रांड को ही चुनें। भुने चनों को खाने को खाने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट व इसमें मिक्स की गई अन्य चीजों के बारे में अवश्य पढ़ें।