
आंखें शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और सेंसिटिव हिस्सा हैं। आंखों की सही केयर न होने पर आपको कई गंभीर परेशानियां हो सकती है। आज के समय में हर दूसरे व्यक्ति को आंखों से जुड़ी कोई न कोई समस्या है। पुराने समय में आंखों से जुड़ी बीमारियां आमतौर पर बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब कम उम्र में आंखों की बीमारियां आम हैं। आंखों से जुड़ी बीमारियों के बारे में और इसके इलाज को लेकर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के बीच में जागरूकता की कमी है। यही कारण है कि समाज के पिछले तबके के लोग आंखों से जुड़ी बीमारियों के इलाज से वंचित रह जाते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित लोगों के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI Foundation) और अरुणोदय डेसरेट आई हॉस्पिटल ने एकसाथ मिलकर एक नई पहल शुरू की है। इस पहल को SBI फाउंडेशन की तरफ से आर्थिक मदद मिल रही है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, इसके बारे में।
SBI फाउंडेशन और अरुणोदय आई हॉस्पिटल की पहल- SBI Foundation and Arunoday Eye Hospital's Initiative
SBI फाउंडेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय प्रकाश ने बताया, "अरुणोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ साझेदारी में प्रोजेक्ट एसबीआईएफ जीवनम - आई केयर की शुरुआत की गई है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सीएसआर की पहल करने के लिए 2015 में एसबीआई फाउंडेशन के रूप में एक समर्पित सीएसआर शाखा की स्थापना की थी। अरुणोदय आई हॉस्पिटल के साथ मिलकर 1.5 साल के लिए SBI फाउंडेशन समाज के वंचित और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के आंखों के इलाज में मदद करेगा।"

अरुणोदय आई हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक ऑप्थल्मोलॉजिस्ट डॉ आदित्य सेठी ने बताया, "इस सराहनीय पहल के तहत 1.5 साल के भीतर 30 हजार लोगों की फ्री स्क्रीनिंग, 850 लोगों का फ्री मोतियाबिंद की सर्जरी और गरीबों का कम खर्च में इलाज किया जाएगा। इलाज के लिए फाउंडेशन ने अरुणोदय आई हॉस्पिटल को एक मोबाइल वैन यूनिट भेंट की है। इस वैन की मदद से मरीजों को अस्पताल तक लाने और ले जाने का प्रबंध किया जाएगा।" आर्थिक रूप से ऐसे मरीज, जिनकी इलाज के अभाव में आंखों की रोशनी चली गई है, उनका मोतियाबिंद का फ्री इलाज और सर्जरी की जाएगी। इसके अलावा हॉस्पिटल में कम खर्च पर गरीब मरीजों का इलाज भी किया जाएगा।
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आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति की मदद है लक्ष्य
अरुणोदय आई हॉस्पिटल के फाउंडर और सुप्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अरुण सेठी ने बताया, "यह परियोजना मार्च 2024 से मई 2025 तक एसबीआई फाउंडेशन की वित्तीय सहायता से शुरू की गई है। हरियाणा के वंचित क्षेत्रों और दिल्ली एनसीआर की शहरी बस्तियों में, आंखों की बीमारी से जुड़ी देखभाल की कमी के कारण मरीज बढ़ रहे हैं। इलाज न मिलने के कारण मरीजों को अंधापन जैसी गंभीर स्थिति का शिकार होना पड़ रहा है।"

फरवरी 2024 के महीने में, एसबीआई फाउंडेशन ने 15 महीने की अवधि के लिए हरियाणा के नूंह जिले और दिल्ली एनसीआर के फरीदाबाद और जामिया जिले में 850 मोतियाबिंद सर्जरी करने के लिए 'एसबीआईएफ आई केयर' परियोजना का समर्थन करने के लिए अरुणोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ साझेदारी करने का फैसला किया। एसबीआई फाउंडेशन और अरुणोदय चैरिटेबल ट्रस्ट की साझेदारी के तहत इन कामों पर जोर दिया जाएगा-
स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन: 70 गांवों में मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान के लिए अरुणोदय की मेडिकल टीम द्वारा हर महीने 70 आई स्क्रीनिंग कैंप आयोजित किए जाएंगे। अस्पताल में भी मरीजों की काउंसलिंग और परामर्श आयोजित किया जाएगा।
मोतियाबिंद सर्जरी: 850 मोतियाबिंद से पीड़ित रोगियों की फ्री में मोतियाबिंद सर्जरी की जाएंगी।
मरीजों को दवा और आवास: ऑपरेशन के बाद मरीजों को दवाएं और एहतियाती उपायों के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा। साथ ही एक मरीज और एक परिजन को आवास भी दिया जायेगा. उन्हें मुफ्त दवाएँ, एक जोड़ी काला चश्मा उपलब्ध कराया जाएगा और उन्हें उनके संबंधित गाँवों तक वापस भी छोड़ा जाएगा।
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जागरूकता और रेफरल कार्यक्रम: समुदाय को नेत्र स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करने, नियमित जांच को प्रोत्साहित करने और नेत्र रोगों से जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए लक्षित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना।
सामुदायिक जुड़ाव: स्थानीय समुदायों को सक्रिय रूप से शामिल करना, दृष्टि मित्रों को खराब दृष्टि वाले व्यक्तियों की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित करना और समुदाय के भीतर नेत्र स्वास्थ्य के लिए जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देना।
एसबीआई फाउंडेशन और अरुणोदय चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में श्री अमिताभ कांत आईएएस, श्री रानेश सी. बिधान आईएएस आयुक्त, गुरुग्राम मंडल, हरियाणा और श्री फणेन्द्र बाबू नुकेला, सीईओ, विजन 2020, भारत समेत तमाम लोग मौजूद थे।
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