
एक्ट्रेस समीरा रेड्डी की 2014 में बिजनेसमैन अक्षय वर्दे के साथ शादी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने 2015 में एक बेटे को जन्म दिया। फिलहाल समीरा दूसरी बार मां बनने वाली हैं। समीरा द्धारा दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होनें अपनी
एक्ट्रेस समीरा रेड्डी की 2014 में बिजनेसमैन अक्षय वर्दे के साथ शादी हुई थी। जिसके बाद उन्होंने 2015 में एक बेटे को जन्म दिया। फिलहाल समीरा दूसरी बार मां बनने वाली हैं। समीरा द्धारा दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होनें अपनी पहली प्रेग्नेंसी के बारे में बताया। जिसमें उन्होनें इस बात का खुलासा किया कि उन्हें प्रेगनेंसी के बाद प्लेसेंटा प्रेविया हो गया था। समीरा का प्लान था कि वह प्रेग्नेंसी के बाद दुबारा लाइमलाइट में आएंगी, मगर ऐसा संभव नहीं हो पाया। प्रेग्नेंसी के दौरान समीरा का वजन 102kg हो गया था। समीरा कहती हैं, कि हर कोई करीना की तरह नहीं हो सकता, जो प्रेग्नेंसी के बाद वजन कम कर सके। मैं हमेशा ग्लैमरस नहीं दिख सकती, लेकिन यह भी ठीक हे।
क्या है प्लेसेंटा प्रेविया
प्लेसेंटा बच्चे के विकास में अहम भूमिका निभाता है। प्लेसेंटा महिला के गर्भाशय में वह स्थिति है जिसे भ्रूण की पोषक थैली कहते हैं। जिसके एक सिेरे से महिला की गर्भनाल जुड़ी होती है और दूसरे सिरा बचचे की नाभी से जुड़ा होता है। महिला जो कुछ खाती पीती है वह पाचक और पोषक रसों के रूप में इसी प्लेसेंटा में एकत्र होता है। नाल गर्भस्थ में शिशु को पोषक तत्व और ऑक्सीजन प्रदान करती है। प्लेसेंटा प्रेविया होने पर बच्चे की गर्भनाल गर्भाशय के मुंह में आ जाती है। इस स्थिति में महिला का बैड रेस्ट दिया जाता है। क्योंकिे प्लेसेंटा प्रेविया में भारी रक्तस्त्राव होता है और कई बार इसके परिणाम खतरनाक भी होते हैं। प्लेसेंटा प्रेविया में डिलवरी के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है क्योंकि गर्भाशय का मुंह प्लेसेंटा से ढका होता है। जिससे सामान्य डिलिवरी संभव नहीं होती।
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प्लेसेंटा प्रेविया के लक्षण
प्लेसेंटा प्रेविया की स्थिति प्रग्नेंसी की शुरूआत में ज्यादा खतरनाक नहीं मानी जाती। इसलिए आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। लेकिन प्लेसेंटा प्रेविया के लक्षण का पता होना भी बहुत जरूरी है। प्लेसेंटा प्रेविया का शुरूआती लक्षण दर्द के साथ अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होना है। इसके अलावा महिला को गर्भाशय में ऐंठन महसूस होती है। प्लेसेंटा प्रेविया में कुछ समय के लिए ब्लीडिंग रूक जाती है, लेकिन फिर कुछ समय बाद फिर शुरू हो जाती है। ऐसी स्थिति को नजरअंदाज न करें और तुरंत चिकित्सक की राय लें।
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किन महिलाओं को ज्यादा खतरा होता है
- जो महिलाएं तीस या चालीस की उम्र में गर्भधारण करती हैं, उनमें प्लेसेंटा प्रेविया की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।
- इसके अलावा यदि महिला धूम्रपान या किसी अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करती है, तब भी प्लेसेंटा प्रेविया का खतरा बढ़ जाता है।
- महिलाओं में गर्भपात की समस्या भी ज्यादा देखने को मिलती है। यदि पहले किसी महिला का गर्भपात हुआ हो या गर्भाशय की सर्जरी हुई हो, तो इस कारण भी प्लेसेंटा प्रेविया की समस्या हो जाती है।
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