पुरूषों की तुलना महिलाओं में ज्यादा स्वास्थ्य समसयाएं देखने को मिलती हैं, जिसकी वजह उनका अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरतना है। महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं जिसके कारण कई बार स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान करना मुश्किल होता है। ज्यादातर महिलाएं बीमारी के गंभीर लक्षण महसूस होने पर ही चिकित्सक के पास जाती हैं। लेकिन यह यही आदत नहीं है, यदि आप अपने शरीर में कोई भी बदलाव महसूस करती हैं या कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या होती है, तो तुरन्त सचेत हो जांए। आइए आज हम आपको बताते हैं कि महिलाओं में ऐसे कौन से संकेत हैं, जिनके महसूस होते ही उन्हें चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
पेट का फूलना
कई महिलाओं में पीरियड्स के दौरान पेट का फूलना आम समस्या है। लेकिन यदि यह समस्या हफ्ते दो हफ्ते से या उससे अधिक समय तक रहती है, तो यह खतरे का संकेत हो सकता है। इसका मतलब आपका शरीर संतुलन से बाहर है। यह एंडोमेट्रियोसिस भी हो सकता है, इसमें पेट फुला हुआ होता है और एंडोमेट्रियोसिस ऊतक टूट जाते हैं। इसका असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ सकता है और गर्भधारण में भी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके अलावा, लगातार सूजन पेट का ट्यूमर, हार्निया, लिवर इंफेक्शन, ओवरियन कैंसर या युट्रस कैंसर का संकेत हो सकता है।
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पीठ के निचले हिस्से व पैरों में दर्द
महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पीठ के निचले हिस्से व पैरों में दर्द होना बहुत आम है, इसलिए इसे सामान्य माना जाता है। लेकिन यदि आपको पीरियड्स से पहले व पीरियड्स के बाद तक पीठ के निचले हिस्से में दर्द व थकान व दोनों पैरों में दर्द महसूस कर रहे हैं, तो यह आम नही है। यह एंडोमेट्रियोसिस का खतरा हो सकता है। इसमें पीरियड्स से पहले मांसपेशियों में खिचाव और दर्द शुरू हो सकता है, जो पीरियड्स के बाद भी बना रहता है और शरीर के निचले हिस्से को पूरी तरह जकड़ लेता है। इस स्थिति में मल-मूत्र त्यागनें में भी समस्या आती है।
पीरियड्स में गहरे लाल या भूरे खून के थक्के
पीरियड्स के दौरान किसी को हल्के लाल रंग तो किसी को थोड़ा गहरे रंग में रक्त स्त्राव होता है और यह बिलकुल ठीक है। लेकिन अगर आपको पीरियड्स के दौरान खून के थक्के देखने को मिलते हैं तो इसे नजरअंदाज न करें। कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान गहले लाल व भूरे रंग में खून के थक्के आते हैं। जिनका आकार पहली बार आए खून के थक्के से बड़ा हो सकता है, और यह नियमित रूप से पीरिसड्स में देखने को मिलते हैं। यह एक संकेत हो सकता है कि आपके गर्भाशय में फाइब्रॉएड यानि रसौली है। यह आपके गर्भाशय में पनपने वाला एक प्रकार का ट्यूमर है, जिसका आकार धीरे-धीरे बढ़ता है। इससे अनियमित पीरियड्स व रक्त स्त्राव के अलावा बांझपन भी हो सकता है।
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आपको गर्मी सर्दी ज्यादा लगती हो
यदि आप आप कमरे के तापमान में कभी भी सहज महसूस नहीं करते हैं, तो इसका मतलब आपके हार्मोन असंतूलन हैं। इस असंतुलन का एक मुख्य कारण एस्ट्रोजन का स्तर हो सकता है। एस्ट्रोजन हार्मोन महिलाओं और पुरूषों दोनों में पाया जाता है, लेकिन एस्ट्रोजन हर्मोन की भूमिका महिलाओं में अधिक होती है। एस्ट्रोजन महिलाओं में प्रजनन और यौन विकास के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए इसे फीमेल सेक्स हार्मोन भी कहते हैं। यह महिलाओं में शरीरिक बदलाव की मुख्य भूमिका निभाता है, यही कारण है कि इसे फीमेल डेवलपमेंट हार्मोन भी कहा जाता है। एस्ट्रोजन हर्मोन आपके शरीर के तापमान को प्रभावित करता है। एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी और स्तर में बदलाव के कारण आप हर समय अपने हाथों और पैरों में ठंड महसूस करते हैं।
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बालों का झड़ना
बालों का झड़ना टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के लक्षणों में से एक है। यह एक हार्मोन जो स्वस्थ बालों के उत्पादन और इसके रखरखाव का मदद करता है। इसके असंतुलन का एक संकेत है आपके पतले बाल व बालों का झाड़ना हो सकता है। टेस्टोस्टेरोन पुरूषों व महिलाओं दोनों में पाया जाता है। टेस्टोस्टेरॉन महिलाओं के ओवरी में बहुत थोड़ी मात्रा में होता है। महिलाओं के बाल पतले हो कर झड़ना शुरु हो जाएं तो यह शरीर में हाई टेस्टोस्टेरोन का संकेत हो सकता है। इसके अलावा इससे वजन बढ़ना, चेहरे व अन्य अंगों पर बालों का आना और आपके किलोट्रिस का साइज बढ़ सकता है।
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