
Safe Spices During Pregnancy In Hindi: गर्भावस्था के दौरान, महिला क्या खा रही हैं और क्या नहीं खा रही हैं, इस पर विशेष ध्यान देती हैं। लेकिन, इसी तरह की सतर्कता वे अपनी डाइट में मसालों को चुनते वक्त नहीं करतीं। जबकि, कई मसाले ऐसे होते हैं, गर्भावस्था में जिनका सेवन उचित नहीं माना जाता है। इसके अलावा, कुछ मसाले ऐसे भी होते हैं, जिनका सेवन विशेषज्ञों द्वारा निर्देषित मात्रा में ही करना चाहिए। इस लेख में डाइट एन क्योर क्लीनिक की डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से जानेंगे कि गर्भवती महिलाओं के लिए कौन से मसाले सुरक्षित है और कौन से नहीं।
गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित मसाले
दालचीनीः दालचीनी को गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित माना जाता है और इसका उपयोग भोजन या पेय को स्वादिष्ट बनाने के लिए किया जा सकता है। इसके सेवन से गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए काफी फायदेमंद होता है।
अदरकः अदरक मतली और मॉर्निंग सिकनेस के लिए यूजफुल है और यह मॉर्निंग सिकनेस को दूर करने का एक नैचुरल तरीका है। इसका मतलब यह है कि जिन गर्भवती महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस की प्रॉब्लम होती है, उन्हें अदरक का सेवन करना चाहिए। अदरक को किसी अन्य सब्जी में डालकर इसका सेवन किया जा सकता है।
हल्दीः हल्दी एक मसाला है, जो आमतौर पर हमारे यहां लगभग हर घर में मिलता है। यह इम्यून को बेहतर करने, ह्दरय स्वास्थ्य के लिए, पेट साफ रखने के लिए और मूड को बेहतर करने के लिए काफी उपयोगी माना जाता है। असल में, इसमें इसमें कई ऐसी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो पुरानी बीमारियों को ठीक करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। इस तरह देखा जाए, तो गर्भावस्था के दौरान हल्दी का सेवन किया जाना काफी लाभकारी है और सुरक्षित भी माना जाता है।
लहसुनः गर्भावस्था के दौरान लहसुन का सेवन करना भी सुरक्षित माना जाता है। आमतौर पर, इसका उपयोग भोजन में स्वाद जोड़ने के लिए किया जा सकता है। हालांकि, इस संबंध में अब तक पर्याप्त अध्ययन मौजूद नहीं हैं, जो यह साबित करें कि लहसुन की कितनी मात्रा गर्भावस्था में सुरक्षित होती है। इसके बावजूद, विशेषज्ञों की सलाह है कि पूरे दिन में लहसुन के दो से चार कौर पर्याप्त होते हैं।
लाल शिमला मिर्चः लाल मिर्च, जिसे अंग्रेजी में पपरिका कहा जाता है, एक हल्का मसाला है। इसका अक्सर हंगेरियन फूड में प्रयोग किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन करना भी सुरक्षित है। लाल शिमला मिर्च में एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी होती है, यह कैंसर के रिस्क को कम करता है और हार्ट डिजीज के जोखिम में भी कमी आती है। इसके अलावा, लाल शिमला मिर्च इम्युनिटी को भी बेहतर बनाता है। इस तरह देखा जाए, तो गर्भावस्था में लाल शिमला मिर्च का सेवन सुरक्षित और उपयोगी है।
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किन मसालों का सेवन सिमित मात्रा में करें
काली मिर्चः गर्भावस्था के दौरान काली मिर्च का सेवन सुरक्षित है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जाना चाहिए। काली मिर्च के अधिक सेवन से सीने में जलन हो सकती है।
जायफलः हालांकि, गर्भावस्था के दौरान जायफल का सेवन सुरक्षित होता है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में जायफल खाने से गर्भ में पल रहे शिश को नुकसान हो सकता है।
सरसोंः ऐसा नहीं है कि प्रेग्नेंट महिलाएं सरसों का सेवन नहीं कर सकती हैं। हालांकि, इसका सेवन कम मात्रा में ही किया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में सरसों का सेवन करने से सीने में जलन जैसी समस्या हो सकती है।
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गर्भावस्था के दौरान किन मसालों से परहेज करें
ऋषि, मेंहदी और अजवायन के फूल का सेवन गर्भावस्था के दौरान नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल, प्रेग्नेंसी में इनमें से किसी भी मसाले का सेवन करने से गर्भावशय में संकुचन या गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है।
कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि गर्भावस्था के दौरान अपने आहार में कोई महत्वपूर्ण बदलाव करने से पहले अपने प्रोफेशनल की मदद लें, किसी भी मसाले का सेवन अधिक मात्रा में न करें और जो चीजें प्रेग्नेंसी के लिए रिस्क बन सकती है, उनसे दूर रहें।