शरीर के विभिन्न अंगों, कोशाणुओं और टिश्यु की सही कार्यशीलता के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम जैसे खनिज पदार्थ का होना बहुत ज़रूरी होता है। यह एक तरह का इलेक्ट्रोलाइट (एक ऐसा पदार्थ जो सोडीयम, कलोराइड और मैग्नीशियम के साथ मिलकर शरीर में विद्युत् शक्ति का संचालन बनाए रखता है) भी होता है । पोटैशियम ह्रदय की सही कार्यशीलता के लिए भी ज़रूरी होता है और हड्डियों और मांसपेशियों की सिकुडन, पाचन क्रिया और मांसपेशियों की कार्यशीलता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है ।
शरीर में पोटैशियम की अधिकता को हाईपरक्लेमिया कहा जाता है, और पोटैशियम की कमी को हाईपोक्लेमिया कहा जाता है। शरीर में पोटैशियम की संतुलित मात्रा बनाये रखने के लिए रक्त में सोडीयम और मैग्नीशियम की मात्रा पर निर्भर रहना पड़ता है। अधिक मात्रा में सोडीयम, जो कि पश्चिम देशों के आहार में नमक की अधिकता के कारण पाया जाता है, को संतुलित रखने के लिए पोटैशियम की ज़रुरत पड़ती है। दस्त, उल्टियाँ, अधिक मात्रा में पसीना आना, कुपोषण, ह्रदय रोग की दवाई लूप एवं डाईयुरेटिक के प्रयोग के कारण भी शरीर में पोटैशियम की कमी हो जाती है।
पोटैशियम की कमी से उच्च रक्तचाप ( हाईपरटेंशन), स्ट्रोक, ह्रदय रोग वगैरह होने का खतरा होता है।
पोटैशियम युक्त आहार का महत्व
कई लोग अपने शरीर में पोटैशियम की कमी फल और सब्जियों से भरपूर आहार की सहायता से पूरी करते हैं। सब्जियों और फलों के अलावा पोटैशियम होल ग्रेन, और दूध के उत्पादनों में भी पाया जाता है। मांस, पोल्ट्री के उत्पादन, मछली वगैरह में भी पोटैशियम की मात्रा भरपूर होती है, पर अधिक मांसाहारी आहार का सेवन करने से आपके स्वास्थ्य को हानि पहुँच सकती है, जिससे एसिड का स्तर बढ़ सकता है और पोटैशियम के स्तर में कमी हो सकती है।
अन्य आहार जो पोटैशियम से भरपूर हैं वे हैं: केला, संतरा, एप्रिकॉट, अवोकेडो, स्ट्राबेरी, आलू, टमाटर, खीरा, गोभी, फूल गोभी, शिमला मिर्च, बैंगन, ब्रसेल स्प्रोउट, अजवायन, पालक,ब्रोकोली, कुकरमत्ता, हल्दी, ट्यूना और हलिबट मछली।
पोटैशियम सप्लीमेंट
बाज़ार में अनेक पोटैशियम सप्लीमेंट भी उपलब्ध हैं जैसे कि पोटैशियम एसीटेट, पोटैशियम बायकार्बोनेट, पोटैशियम साइट्रेट, पोटैशियम क्लोराइड, पोटैशियम ग्लूकोनेट वगैरह। यह गोलियों, केप्सूल, पाउडर, तरल पदार्थ के रूप में उपलब्ध होते हैं। मल्टीविटामिन की गोलियों और केप्सुलों में पोटैशियम भरपूर मात्रा में होता है।
सलाह
पोटैशियम सप्लीमेंट, मल्टी विटामिन में अल्प मात्रा में पाए गए पोटैशियम को छोड़कर, डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेने चाहियें। और बिना अपने चिकित्सक की सलाह के बच्चों को पोटैशियम सप्लीमेंट बिल्कुल भी ना दें।
आहार संबंधी पोटैशियम लेने की नियमित मात्रा नीचे दी गयी है:
बच्चों के लिये:
- 0 से 6 महीने के बच्चे 500 मिलीग्राम
- 7 से 12 महीने के बच्चे 700 मिलीग्राम
- 1 वर्ष के बच्चे 1000 मिलीग्राम
- 2 से 5 वर्ष के बच्चे 1400 मिलीग्राम
- 6 से 9 वर्ष के बच्चे 1600 मिलीग्राम
- 10 वर्ष से ऊपर के बच्चे 2000 मिलीग्राम
व्यस्कों के लिये:
2000 मिलीग्राम, गर्भवती और नर्सिंग महिलाओं को मिलाकर।
सावधानी
पोटैशियम सप्लीमेंट लेने से पहले चिकित्सक की सलाह इसलिए ज़रूरी होती है क्योंकि इससे अनेक दुष्प्रभाव हो सकते, हैं, जैसे कि दस्त, पेट की तकलीफ, मतली वगैरह। उच्च मात्रा में पोटैशियम सप्लीमेंट लेने से मांसपेशियों में कमजोरी, धीमी हृदय गति, वगैरह का खतरा भी हो सकता है।
हाईपरक्लेमिया और गुर्दे के रोग से पीड़ित लोगों को पोटैशियम सप्लीमेंट बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए ।
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