
Fish For Kids: छोटे बच्चों को खाना खिलाना किसी टास्क से कम नहीं है। जितना समय उन्हें खाना खिलाने में लगता है, उससे कहीं ज्यादा वक्त ये सोचने में चला जाता है कि उन्हें ऐसा क्या खिलाया जाए, जिसमें पर्याप्त मात्रा में पोषण भी हो। खासकर जब बात बच्चों को नॉनवेज खिलाने की आती है, जो पेरेंट्स समझ नहीं पाते हैं कि उन्हें किस उम्र में यह देना सही रहेगा। छोटे बच्चों को मछली देते समय अक्सर पेरेंट्स कंफ्यूज रहते हैं कि क्या उन्हें ये देना सही है। मछली में कांटे होते हैं इसलिए पेरेंट्स समझ नहीं पाते हैं कि इसे किस उम्र में देना सही होता है। पेरेंट्स के मन में आने वाले इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने लखनऊ की डाइटिशियन कीर्ति शर्मा से बातचीत की।
मछली के पोषक तत्व - Nutrients of fish
एक्सपर्ट का कहना है कि मछली में ओमेगा -3 फैटी एसिड, विटामिन डी और विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) पाया जाता है। मछली कैल्शियम और फास्फोरस में भी समृद्ध है। मछली जिंक, जस्ता, आयोडीन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्वों का भी अच्छा सोर्स माना जाता है। नियमित तौर पर मछली का सेवन करने से दिमाग तेज होता है और ये शारीरिक विकास में भी मददगार साबित होती है। मछली में कम वसा वाले उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन होते हैं। जिसका सेवन हर उम्र के लोगों को करने की सलाह दी जाती है।
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बच्चों को कब दें मछली ? - When to give fish to children?
डाइटिशियन कीर्ति शर्मा का कहना है कि बच्चों को 6 महीने से ठोस आहार देने की शुरुआत आमतौर पर की जाती है। लेकिन जब बात बच्चों को मछली खिलाने की आती है तो इसकी शुरुआत 1 साल से पहले नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को मछली खिलाने से पहले ये जरूर देखें कि उन्हें इससे एलर्जी न हो। उन्होंने कहा कि अगर आप बच्चे को घर पर बना हुआ खाना खिलाते हैं, तो मछली खिलाने में कोई समस्या नहीं है। छोटे बच्चों को मछली देते समय में ये सुनिश्चित कर लें आपके परिवार में किसी इंसान को सी-फूड से एलर्जी तो नहीं है। अगर परिवार के किसी सदस्य को किसी भी तरह के सी-फूड से एलर्जी है, तो बच्चे के मछली देते समय डॉक्टर से संपर्क करें।
बच्चे को मछली खिलाना कैसे शुरू करें? - How to start feeding fish to baby?
किसी भी बच्चे को ठोस खाद्य पदार्थ खिलाते समय बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। बच्चों को मछली खिलाते वक्त ध्यान दें कि उन्हें अलग-अलग तरह की मछली एक वक्त में न दें। शुरुआत में बच्चे को एक ही प्रकार की मछली खिलाएं और देखें कि क्या वो उसे सही तरीके से खा पा रहा हैं या नहीं। यदि बच्चे को एक तरह की मछली खाने में किसी तरह की समस्या नहीं है, तो इसे सप्ताह में एक बार उसे खिलाएं।
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बच्चे को मछली खिलाने का सही तरीका क्या है?
डाइटिशियन का कहना है कि 1 साल के बाद बच्चों स्टीम करके दें। स्टीम मछली बच्चों की पाचन क्रिया के लिए बेहतरीन मानी जाती है। इसके अलावा आप बच्चों को बेक और शैलो फ्राई करके भी मछली खिला सकते हैं। बच्चे को मछली देते वक्त ध्यान दें कि इसके कांटे निकाल जा चुके हैं। अगर आप बच्चों को कांटे के साथ मछली देते हैं, तो ये उनके गले में फंस सकती है।
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