
कमर दर्द से बचना चाहते हैं तो अपने वजन को नियंत्रित रखें। आपका ज्यादा वजन बन सकता है आपकी रीढ़ की हड्डी के लिए परेशानी का सबब।
यह तो आप जानते ही हैं कि मोटापे (Obesity) से आपको बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जैसे डायबिटीज, हृदय रोग व स्ट्रोक आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन बीमारियों के साथ साथ कमर में भी दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है? एक अध्ययन में यह संभावना व्यक्त की गई है कि बढ़ते वजन के साथ पीठ, कूल्हे और घुटने आदि अंगों में दर्द भी बढ़ सकता है। यदि दूसरे शब्दों में कहें तो, आपका शरीर जितना ज्यादा भारी होगा, उतनी ही अधिक संभावना कमर दर्द (Back pain) बढ़ने की रहेगी।
हमारी रीढ़ की हड्डी हर प्रकार की शारीरिक गतिविधियों में चाहे आप आराम करें या कोई काम करें, सपोर्टर का काम करती हैं। जबकि, बढ़ता शरीर का वजन आपकी पीठ को अतिरिक्त बोझ उठाने के लिए मजबूर करता है। जिसका असर आपके पूरे स्वास्थ्य व आपकी लाइफ को प्रभावित करता है। मोटापा (Weight Gain) बहुत सी समस्याओं का जनक है। यह न केवल हृदय रोग, मधुमेह (Sugar) या उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) को जन्म देता है, बल्कि यह पीठ से संबंधित बहुत सी स्वास्थ्य परेशानियों कारण भी बनता है।
किस प्रकार मोटापा प्रभावित करता है
हमारी रीढ़ की हड्डी के दो काम होते हैं। पहला तो यह कि वह हमारे पूरे शरीर के वजन को उठाती है और दूसरा यह कि वह हमें एक लचक उपलब्ध कराती है। यदि आपके शरीर का वजन अधिक हो जाता है तो इससे आपकी रीढ़ की हड्डी पर बोझ बढ़ जाता है और इससे हमारी स्पाइन की सेहत पर असर पड़ने लगता है।
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स्पाइन पर सीधा प्रेशर (Pressure On Spine)
यदि किसी संरचना को आपके पूरे शरीर का भार उठाना पड़ता है तो उसमें उसी के मुताबिक ताकत होती है। लेकिन जब उस पर अधिक भार पड़ने लगता है तो वह अपनी क्षमता से परे रास्ता देने लगती है। इसी तरह यदि आपकी रीढ़ की हड्डी अपनी क्षमता से अधिक भार उठाने लग जाती है तो उस पर धीरे धीरे अधिक प्रेशर बनने लगता है। हमारे शरीर का वजन हमारी कमर से हमारे हिप्स पर फिर अंत में पैरों पर रहता है और यहां पर अधिक प्रेशर बनने से ही कमर दर्द शुरू होता है।
मांसपेशियां कमजोर होती हैं (Low Muscles Strength)
स्पाइन को अपना काम करने के लिए कमर की मांसपेशियों की आवश्यकता होती है। यदि आपका लाइफस्टाइल हेल्दी नहीं है तो इस कारण आपके शरीर में मोटापा शुरू होने लगता है। जिससे आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर जाता है और फिर आपकी कमर की मांसपेशियों में भी कमजोर होना शुरू हो जाती हैं। अधिक वजन अपने आप में ही आपकी मांसपेशियों पर ज्यादा दबाव डालता है और इसलिए वह कमजोर होना शुरू हो जाती हैं।
स्पाइनल कर्व में बदलाव (Spinal Curvature Problems)
स्पाइन को हर काम करने के लिए अलग अलग कर्व की आवश्यकता होती है। इसलिए इसमें अलग अलग डिजाइन की बहुत सारी कर्व होती हैं। वजन का अधिक बढ़ना स्पाइन की कर्व के बदलाव का भी कारण बनता है। मोटापे के कारण स्पाइन का सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला भाग है सबसे नीचे वाला कर्व।सबसे नीचे होने की वजह से आपकी कमर में भी सबसे ज्यादा दर्द होता है।
मोटापे के कारण होने वाली अन्य बीमारियां
ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)
यह एक प्रकार की बीमारी होती है जो आपकी हड्डियों व आपके जोड़ों में किसी प्रकार के डिफेक्ट होने के कारण होती है। मोटापे के कारण हड्डियों के रिपेयर होने की प्रक्रिया बहुत धीमी पड़ जाती है। इसलिए आपका दर्द और अधिक बढ़ने लगता है। यह ज्यादातर बड़ी उम्र के लोगों में देखने को मिलती है।
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इंटरवर्टेब्रल डिस्क रोग (Intervertebral Disc)
इंटरवर्टेब्रल डिस्क रीढ़ में कुशन का काम करती हैं। अत्यधिक वजन के कारण सबसे पहले इंटरवर्टेब्रल डिस्क की लंबाई घटती है। जो रीढ़ के लिए जगह को कम कर दर्द को बढ़ाती हैं। मोटापे की वजह से कमर की स्ट्रेंथ में कमी बहुत अधिक दर्द व डिस्क प्रोलैप्स का कारण बन सकती है।
वजन कम करने से मिलेगा कमर दर्द में आराम
यदि आप अपना वजन कम कर लेते हैं तो इससे अवश्य ही आपके कमर दर्द में लाभ मिलेगा। लेकिन आपको यह ध्यान रखना होगा कि आपको वजन कुछ ज्यादा कमर में डैमेज होने से पहले कम करना होगा। वरना इसका कोई ज्यादा लाभ आपको नहीं मिलेगा।
एक्सरसाइज का प्रभाव (Exercise Impact)
स्पाइनल कर्व को सही करती है: यदि आप एक्सरसाइज करते हैं तो इससे आपकी स्पाइन के कर्व में यदि मोटापे के कारण कोई हानि होती है तो वह धीरे धीरे ठीक होने लगती है। इससे आपकी लचकता आपको वापिस मिल सकती है। इसके लिए कौन सी एक्सरसाइज सही रहेगी यह आप अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं।
कमर दर्द में राहत: जैसे जैसे आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपका वजन भी कम होता है और इससे आपकी स्पाइन पर प्रेशर में भी कमी आती है जिस कारण स्वयं ही आपकी कमर का दर्द कम होने लगता है। इसलिए धीरे धीरे एक्सरसाइज अवश्य करें।
हमारी रीढ़ कुछ इस तरह से डिजाइन है कि यह एक ही समय में शक्ति और गतिशीलता दोनों प्रदान करती है। जबकि गतिहीन जीवन शैली मोटापे को जन्म देती है जिससे कमर दर्द होता है। अपनी रीढ़ को फिट के लिए जीवन शैली में बदलाव और मोटापे पर कंट्रोल बहुत जरूरी है।
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