रेड मीट खाना सेहत के लिए फायदेमंद होने के साथ ही कई तरीकों से नुकसानदायक भी साबित होता है। कुछ लोग इस मीट को खाने के काफी शैकीन होते हैं। हाल ही में द अमेरिकन जर्नल ऑप क्लीनिकल न्यूट्रीशन (The American Journal of Clinical Nutrition) में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक हफ्ते में केवल दो बार रेड मीट खाना भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है।
रेड मीट खाने से बढ़ता है डायबिटीज का खतरा
यह स्टडी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं द्वारा की गई है। स्टडी के मुताबिक बहुत से लोग प्रोटीन को रिप्लेस करने के लिए रेड मीट खाना पसंद करते हैं। जबकि प्रोसेस्ड और अनप्रोसेस्ड रेड मीट दोनों का ही सेवन करना डायबिटीज के जोखिम को बढ़ाते हैं। स्टडी की मानें तो नियमित तौर पर प्रोसेस्ड रेड मीट खाने से 46 प्रतिशत और अनप्रोसेस्ड मीट को नियमित तौर पर खाने से डायबिटीज होने का जोखिम 24 प्रतिशत तक बढ़ता है।
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2 लाख से भी ज्यादा लोगों पर हुई स्टडी
इस स्टडी में कुल 216,695 लोगों को शामिल किया गया, जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे। स्टडी के तहत इन लोगों के खाने की आदत को 36 सालों तक फॉलो अप किया गया। जिसके बाद देखा गया कि ज्यादा रेड मीट खाने वालों में रेड मीट नहीं खाने या फिर कम खाने वालों की तुलना में डायबिटीज का खतरा 62 प्रतिशत तक बढ़ा था।
रेड मीट खाने के अन्य नुकसान
- रेड मीट खाना सेहत के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- इसे खाने से कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है, जिससे दिल की बीमारियों का भी खतरा बढ़ता है।
- इसे ज्यादा मात्रा में खाने से कोलेस्ट्रॉल और मोटापे का भी खतरा बढ़ता है।
- रेड मीट का ज्यादा सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर के साथ ही साथ स्ट्रोक की भी आशंका बढ़ जाती है।
- यह पाचन से जुड़ी समस्याओं का भी कारण बन सकता है, जिससे खाना पचाने में कठिनाई हो सकती है।
- इसे ज्यादा मात्रा में खाने से किडनी और लिवर पर भी बल पड़ सकता है।