
बार-बार मिसकैरेज के कारण आपको भी मां बनने में परेशानी हो रही है, तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। अस्वस्थ गर्भाशय के कारण भी गर्भपात की समस्या हो सकती है। आपको प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से जरूरी चेकअप करवाने चाहिए। बार-बार गर्भपात होने के कारण महिलाएं तनाव महसूस करने लगती है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान तनाव भी गर्भपात का एक कारण हो सकता है। बार-बार मिसकैरेज की समस्या होना ठीक नहीं है। इस लेख में हम आपको बताएंगे 5 मुख्य कारण जिनकी वजह से बार-बार गर्भपात की समस्या हो सकती है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. उम्र ज्यादा होना- Overage
अगर आपकी उम्र ज्यादा है, तो बार-बार गर्भपात (miscarriage) की समस्या हो सकती है। उम्र बढ़ने के बाद शरीर में कई शारीरिक समस्याएं बढ़ जाती हैं जिसका असर भ्रूण के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। वहीं कुछ महिलाओं में क्रोमोजोम के लक्षण नजर आते हैं। क्रोमोजोम होने पर भ्रूण का पूर्ण विकास नहीं हो पाता और इसी कारण से बार-बार गर्भपात होता है।
इसे भी पढ़ें- क्या प्रेगनेंसी में पपीता खाने से गर्भपात हो सकता है ? डॉक्टर से जानें ये मिथक है या सच्चाई
2. वजन ज्यादा होना- Obesity
ज्यादा वजन के कारण भी गर्भपात की समस्या हो सकती है। जिन महिलाओं को डायबिटीज (diabetes) या थायराइड (thyroid) की समस्या होती है उनमें गर्भपात की आशंका ज्यादा होती है। अगर आपको थायराइड है और आप गर्भवती हैं, तो समय पर दवाओं का सेवन करें। ब्लड शुगर लेवल चेक करती रहें और हेल्दी डाइट पर फोकस करें।
3. फायब्रॉइड्स- Fibroids
गर्भाशय में फायब्रॉइड्स यानी बच्चे दानी में गांठ होने के कारण बार-बार गर्भपात हो सकता है। अगर समय पर इसके लक्षणों का पता लगा लिया जाए, तो इलाज संभव होता है। लेप्रोस्कोपिक और हिस्टेरोस्कोपिक सर्जरी की मदद से इलाज किया जाता है। गर्भाशय में संक्रमण के कारण भी बार-बार गर्भपात की समस्या हो सकती है। हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए आप प्रसव पूर्व जांचों (antenatal checkup) पर जोर दें।
4. यौन संचारित रोग होना
यौन संचारित रोग होने के कारण बार-बार गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है। अगर कोई महिला यौन संचारित रोग से पीड़ित है, तो उसे क्लैमाइडिया और पोलिसिस्टिक नाम के दो दोष हो सकते हैं। अगर आप पहली बार गर्भपात से गुजर चुकी हैं, तो दूसरी बार प्रेगनेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और जरूरी जांच करा लें।
5. हार्मोनल बदलाव- Hormonal Changes
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होना भी बार-बार गर्भपात होने का एक कारण हो सकता है। जिन महिलाओं को थायराइड, डायबिटीज, मोटापा या अन्य बीमारियां होती हैं उनमें हार्मोन्स से जुड़ी समस्याएं होने की आशंका ज्यादा होती है। प्रेनगेंसी के दौरान ज्यादा या असामान्य हार्मोनल बदलाव से बचने के लिए आपको हेल्दी डाइट, कसरत और मेडिटेशन का सहारा लेना चाहिए।
गर्भपात होने का पता सोनोग्राफी की मदद से लगाया जाता है। इसकी मदद से पता लगाया जाता है कि गर्भ जीवित है या नहीं।आपको बता दें कि प्रेगनेंसी के शुरुआती 20 हफ्ते जटिल होते हैं। इस दौरान गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए आपको इस दौरान खास ख्याल रखना चाहिए।