स्मोकिंग करना सेहत के लिए कई तरीकों से हानिकारक साबित होता है। इससे फेफड़ों के साथ-साथ हार्ट को भी नुकसान पहुंचता है। स्मोकिंग करने की आदत फेफड़ों को कमजोर बनाने के साथ ही साथ फेफड़ों के कैंसर का भी कारण बनती है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक स्मोकिंग छोड़ने से डायबिटीज पर 30 से 40 प्रतिशत तक नियंत्रण लग सकता है।
30 से 40 प्रतिशत तक कम होता है डायबिटीज का खतरा
डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक स्मोकिंग की आदत छोड़ने पर डायबिटीज का खतरा 30 से 40 प्रतिशत तक कम होता है। यूएन एजेंसी के मुताबिक टाइप 2 डायबिटीज एक क्रॉनिक डिजीज है, जिसके मामले 95 प्रतिशत तक सामने आते हैं। मंगलवार को वर्ल्ड डायबिटीज डे पर ये डब्ल्यूएचओ ने यह घोषणा की। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक डायबिटीज को बढ़ाने में स्मोकिंग का बड़ा हाथ है।
स्मोकिंग से कैसे बढ़ता है डायबिटीज का खतरा
डब्लूएचओ के मुताबिक स्मोकिंग करने से ब्लड शुगर नियंत्रण करने की क्षमता प्रभावित होती है, जो टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ाती है। दरअसल, निकोटीन शरीर में मौजूद सेल्स को की प्रतिक्रिया को कम कर देती है, जिससे डायबिटीज बढ़ जाता है। इसमें मिलने वाले कैमिकल्स सेल्स में सूजन पैदा कर सकते हैं, जिससे इंसुलिन की प्रतिक्रिया बंद हो जाती है।
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स्मोकिंग छोड़ने के फायदे
- स्मोकिंग छोड़ने से शरीर में कई प्रकार के बदलाव देखने को मिलते हैं।
- स्मोकिंग छोड़ने से कुछ समय बाद से ही कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम में बदलाव होने लगते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा कम होता है।
- स्मोकिंग छोड़ने से शरीर में ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो तेज होता है।
- इस आदत को कम करने या छोड़ने से शरीर में कार्बन मोनोऑक्साइड का स्तर भी कम हो जाता है।
- स्मोकिंग छोड़ने से फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है और सांस लेने की प्रक्रिया में भी सुधार होता है।
- ऐसा करने से आपको घबराहट और चिड़चिड़ापन होने जैसी समस्या भी कम होती है।
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