यूरिन में पस सेल्‍स कितना होना चाहिए? डॉक्टर से जानें इसकी नॉर्मल रेंज

अगर आपकी यूरिन में भी पस आ रहा है तो इस स्थिति नजरअंदाज न करें। डॉक्टर से जानें यूरिन में पस आना क्या सामान्य स्थिति होती है?
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यूरिन में पस सेल्‍स कितना होना चाहिए? डॉक्टर से जानें इसकी नॉर्मल रेंज


यूरिन में होने वाली किसी भी तरह की समस्‍या व्‍यक्ति के लिए खतरनाक हो सकती है। खासकर यूरिन में पस आना भी आपके लिए समस्या का संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज न करें। पारस हॉस्पिटल के चीफ यूरोलॉजिस्ट, डॉक्टर अनुराग खैतान के अनुसार इस समस्‍या को प्‍यूरिया कहा जाता है। ये एक ऐसी स्थिति है जिसका संबंध व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स से होता है। प्‍यूरिया होने पर व्यक्ति की यूरिन में असामान्‍य मात्रा में पस निकलता है। ये पस प्रोटीन युक्‍त सीरम, मृत सफेद रक्त कोशिकाओं (डेड व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स) से बना होता है, जो पीले रंग का होता है। वैसे तो कुछ पस सेल्‍स का यूरिन में मौजूद होना सामान्‍य है, लेकिन इसकी अधिक संख्‍या होना किसी इंफेक्‍शन का संकेत हो सकती है। अब सवाल ये उठता है कि यूरिन में कितनी पस सेल्‍स का होना सामान्‍य माना जाता है। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

क्‍या है पस सेल्‍स

पस सेल्‍स डेड व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स (मृत सफेद रक्त कोशिकाएं) का संग्रह होता है, जो तब जमा होता है जब शरीर का इम्‍यून सिस्‍टम इंफेक्‍शन के खिलाफ एक्टिव होता है। तब ये सेल्‍स इंफेक्‍शन के स्‍थान पर सफेद या पीले रंग के प्रोटीनयुक्‍त द्रव का निर्माण करते हैं। इस द्रव को लिकरप्‍यूरीज के नाम से जाना जाता है। इस स्थिति में यूरिन में व्‍हाइट ब्‍लड सेल्‍स पाया जाता है, जिसे प्‍यूरिया कहते हैं।  

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urine pus cells in hindi

क्‍या यूरिन में पस आना सामान्‍य है?

यूरिन में पस सेल्‍स की उपस्थिति उनके स्‍तर के आधार पर सामान्‍य हो भी सकती हैं और नहीं भी। पस सेल्‍स एक स्‍वस्‍थ व्‍य‍क्ति के यूरिन के सैंपल में बहुत कम मात्रा में मौजूद हो सकते हैं। हालांकि यूरिन के सैंपल में अधिक पस सेल्‍स का होना यूटीआई यानी मूत्राशय संबंधी संक्रमण का संकेत हो सकता है। 

यूरिन में पस सेल्‍स की नॉर्मल रेंज कितनी होती है?

यूरिन में पस सेल्‍स की संख्‍या कम होना सामान्‍य है। यूरिन में पस सेल्‍स की संख्‍या महिला और पुरुष दोनों में अलग-अलग हो सकती है। पुरुष के यूरिन सैंपल में पस सेल्‍स की सामान्‍य संख्‍या लगभग 4 सेल्‍स/एचपीएफ से कम होती है, जबकि महिलाओं में लगभग 5-7 सेल्‍स/ एचपीएफ होती है। इंफेक्‍शन अधिक होने पर यूरिन अधिक गाढ़ा हो सकता है और पस की तरह धुंधला दिखाई दे सकता है। इसलिए यदि आप यूरिन की बनावट और रंग में परिवर्तन देखते हैं तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करें। 

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यूरिन में पस सेल्‍स क्‍यों मौजूद होती हैं?

यूरिन में पस सेल्‍स कई कारणों से हो सकते हैं, लेकिन इसका मुख्‍य कारण बैक्‍टीरिया या वायरस से होने वाला इंफेक्‍शन होता है। इस समस्या के अन्य कारण निम्न प्रकार से बताए गए हैं-

इस तरह के किसी भी लक्षण को देखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाही आपके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इससे बचाव करना बेहद जरूरी है। 

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