बढ़ती उम्र के साथ-साथ सेहत पर ध्यान न देने से शारीरिक समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में मेमोरी पावर कम होने का भी अधिक खतरा रहता है, जो अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसे रोगों का कारण बन सकता है। खान-पान हेल्दी रखने से भी काफी हद तक इस समस्या को कम किया जा सकता है।
169 लोगों को शोध में किया गया शामिल
शोधकर्ताओं ने 52 से लेकर 75 साल के बीच के 169 लोगों को इस शोध में शामिल कर उन्हें दो भागों में बांटा, जिसमें कुछ लोगों को मेमोरी कमजोर थी तो कुछ में उम्र के साथ मेमोरी कम होने के कुछ लक्षण शामिल थे। ऐसे में प्रोबायोटिक्स लेने वाले लोगों में मेमोरी कम होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में कम होता देखा गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि उम्र बढ़ने के साथ होने वाली याददाश्त और सोचने-समझने की क्षमता कमजोर होने को वास्तव में रोका जा सकता है।
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प्रोबायोटिक्स के स्त्रोत
प्रोबायोटिक्स सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होते हैं। इसके लिए आप दूध, दही छांछ या अन्य डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप कोंबुचा, मिसो, नाटो, सोय, चीज, टेंपेह, किमची का अचार आदि का सेवन कर सकते हैं। प्रोबायोटिक्स इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ हड्डियों के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। इसे खाने से बच्चों में एलर्जी होने का खतरा कम होने के अलावा इंफेक्शन का जोखिम भी काफी कम होता है। प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से पेट में हेल्दी बैक्टीरिया बढ़ते हैं, जिससे पेट की समस्याएं कम होती हैं।
उम्र बढ़ने पर मेमोरी पावर कैसे ठीक रखें
उम्र बढ़ने पर मेमोरी पावर का खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में मेमोरी कमजोर होने लगती है, जिससे अल्जाइमर, डिमेंशिया और तनाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में खान-पान को हेल्दी रखें साथ ही योग, मेडिटेशन और व्यायाम का भी नियमित तौर पर अभ्यास करें। ऐसे में आप नट्स जैसे बादाम, पिस्ता और अखरोट आदि का भी सेवन कर सकते हैं।