
अगर आप 40 के बाद गर्भधारण के बारे में सोच रही हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत हैं। जानें कौन सी सावधानियां हैं जरूरी।
40 के बाद प्रेग्नेंसी भी धीरे धीरे एक आम बात होती जा रही है। यह दर लगातार बढ़ रही है। 2015 के बाद 40 की उम्र में पहली बार मां बनने वाली महिलाओं की संख्या दोगुनी हो गई है। जबकि हमारे समाज में महिलाओं का 30-35 उम्र से पहले ही मां बनना अच्छा माना जाता है। महिलाओं के इतनी उम्र तक प्रेगनेंट न होने के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं। जैसे फर्टिलिटी उपचार, कैरियर व लेट सैटल होना। यदि आप के मन में भी 40 के बाद प्रेगनेंट होने की इच्छा है तो आप को इसके सारे रिस्क, लाभ व अन्य फैक्ट्स के बारे में जान लेना चाहिए। आइए इनके बारे में जानते हैं डॉ रंजना बेकन, गायनेकोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद से।
40 की उम्र में गर्भवती होने पर रिस्क की संभावना (Risk Getting Pregnant At 40)
35-40 की उम्र के बाद गर्भ धारण करने में बहुत से रिस्क जुड़े हुए हैं। क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रिस्क भी बढ़ते जातें हैं।परन्तु आप को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अधिकतर प्रेग्नेंसी हेल्दी ही होती हैं। आप की उम्र का प्लेसेंटा के विकास पर प्रभाव पड़ता है। यह अन्य चीज़ों को भी थोड़ा मुश्किल बना सकता है। जैसे-
- पैदा होते समय बच्चे का वजन कम होता है।
- प्लेसेंटा का प्रिविया
- अबॉर्शन
- बड़ी उम्र की महिलाओं में मिसकैरिज के चांस बहुत अधिक होते हैं। 45 से उपर की महिलाओं में हर 2 महिलाओं में से एक महिला का मिसकैरिज हो जाता है।
आप को 40 की उम्र में प्रेगनेंट होने से पहले किसी कंसल्टेंट की सहायता ले लेनी चाहिए। बहुत सारे अस्पतालों में 40 से ऊपर उम्र की गर्भवती महिलाओं के पास एक कंसल्टेंट होना आवश्यकता होता है।
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उम्र लेबर व डिलीवरी को कैसे प्रभावित करती है (Age Affects Delivery)
40 की उम्र के बाद वेजाइनल डिलीवरी बहुत कम ही होती हैं। ऐसा कुछ फर्टिलिटी उपचारों के कारण होता है, जो प्री मैच्योर बर्थ करवा सकते हैं। कुछ एक केस में तो दोनों बच्चे व मां की जान बचाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ता है। यदि आप की वेजाइनल डिलीवरी होती है तो आप की यह प्रक्रिया एक चुनौती पूर्ण हो सकती है। हालांकि बहुत सी महिलाएं इस उम्र में भी अपने बच्चे को स्वस्थ रूप से जन्म दे देती हैं। इसके बारे में आप को अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए। यदि आप एक वेजाइनल डिलीवरी की उम्मीद करती हैं तो आप को डिलीवरी के समय किन किन बातों का ध्यान रखना होगा यह सब अपने डॉक्टर से पहले ही पता कर लेना चाहिए।
फर्टिलिटी में कमी आना (Low Fertility)
जैसे जैसे महिला की उम्र बढ़ती है वैसे वैसे उसके शरीर में अंडों की कमी होती जाती है। जैसे कि हम जानते हैं कि महिला के अंदर कितने अंडे हैं यह उसके जन्म लेते ही निश्चित हो जाता है। इसलिए उम्र बढ़ती है वैसे वैसे उनकी बॉडी से अंडे कम होने लगते हैं और गर्भवती होना एक चुनौती भरा काम हो जाता है। इसलिए यदि आप के साथ भी यह समस्या है तो आप अपने डॉक्टर से कुछ तकनीकों जैसे आईवीएफ, सेरोगेसी आदि के बारे में जान सकती हैं।
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पैरंटरल स्क्रीनिंग (Parental Test)
क्रोमोसोम की क्षमता जांचने के लिए आप पैरेंटल स्क्रीनिंग टेस्ट करा सकती है। इस स्क्रीनिंग के दौरान बच्चे व मां का डीएनए निकाल लिया जाता है और उन्हें किसी खास क्रोमोसोम से जुड़ी समस्या को जांचने के लिए जांचा जाता है। यदि आप को इस प्रेग्नेंसी मे किसी भी प्रकार की दिक्कत होने वाली है तो वह सब इस स्क्रीनिंग मे पता चल जाता है।
जेनेटिक कंडिशन (Genetic condition)
बड़ी उम्र में गर्भधारण करने पर समान्य बच्चे की तुलना में जेनेटिक सिंड्रोम बच्चे की पैदाइश की ज्यादा संभावना रहती है।लेकिन हर किसी के साथ ऐसा होगा यह जरूरी नहीं। यदि आप चाहतीं हैं, तो आप शुरुआत में अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट से जांच करवा सकतीं हैं। यदि कोई समस्या है तो आपकोरियोनिक विलस सैंपलिंग और एमनियोसेंटेसिस टेस्ट के द्वारा बच्चे के क्रोमोजोम संबंधी जांच भी करवा सकती हैं। आपकी इस उम्र में गर्भपात करवाना भी कम जोखिम भरा नहीं है। किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए चाहे वह आपके लाइफस्टाइल से जुड़ी हो या बच्चे के स्वास्थ्य से डॉक्टर से विचार विमर्श करना सही है।
पहले के मुकाबले आज के समय में 40 की उम्र में बच्चे पैदा करना बहुत आम हो गया है। यदि आप 40 की उम्र में मां बनने वाली हैं तो आप के जैसी बहुत सी महिलाएं हैं। यदि यह आप का पहला बच्चा है और आप को आज तक कंसीव करने में दिक्कतें आई हैं तो आप को अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर बातें करनी चाहिए।
डॉ रंजना बेकन, गायनेकोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल, गाज़ियाबाद से बातचीत पर आधारित
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