ये 2 चीजें करने से होगा 50 की उम्र के बाद दिमाग तेज, आज से करें शुरू

जर्नल ऑफ जरियाट्रिक साइकियाट्री में प्रकाशित एक नए अध्ययन में  पाया गया है कि 50 से अधिक उम्र के व्यक्ति, जो सुडोकू या क्रॉसवर्ड जैसे पहेलियों को खेलते हैं, उनका मस्तिष्क दूसरों की तुलना में बेहतर तरीके से काम करता है।
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ये 2 चीजें करने से होगा 50 की उम्र के बाद दिमाग तेज, आज से करें शुरू

शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में खुलासा किया है कि 50 से अधिक उम्र के व्यक्ति, जो सुडोकू या क्रॉसवर्ड जैसे पहेलियों को खेलते हैं, उनका मस्तिष्क दूसरों की तुलना में बेहतर तरीके से काम करता है। जर्नल ऑफ जरियाट्रिक साइकियाट्री में प्रकाशित एक नए अध्ययन में  पाया गया है कि बड़ी उम्र के वे लोग,  जो नियमित रूप से वर्ड और नंबर वाली पहेलियां खेलते हैं, उनका दिमाग तेज होता है।

अध्ययन के मुताबिक, 50 या उससे अधिक उम्र के लोग, जो नियमित रूप से  क्रॉसवर्ड या सुडोकू जैसी पहेलियां खेलने में रूचि रखते हैं, उनका मस्तिष्क दूसरों की तुलना में बेहतर तरीके से काम करता है।

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए बुजर्गों से यह पूछा कि वे नियमित रूप से कितनी बार वर्ड और नंबर वाली पहेलियां खेलते हैं। उन्होंने उन लोगों की मस्तिष्क गतिविधियों में आए परिवर्तन के आंकलन के लिए संवेदनशील ज्ञान संबंधी परीक्षणों की एक श्रृंखला में भाग लेने को भी कहा। शोधकर्ताओं ने पाया कि वे लोग, जो नियमित रूप से पहेलियों को सुलझाने से जुड़े थे, उन्होंने  उतना ही बेहतर तरीके से टास्क को पूरा किया। इसके अलावा उनमें ध्यान, तर्क और याददाश्त भी तेज देखी गई।

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शोधकर्ताओं ने अपने परिणामों में पाया कि वे लोग, जिन्होंने शब्द पहेलियों में भाग लिया उनकी मस्तिष्क गतिविधियां व्याकरणिक तर्क का आकलन करने वाले परीक्षणों पर अपने से 10 साल कम उम्र के लोगों के समान थी जबकि शॉर्ट टर्म मेमोरी के परीक्षण पर उनकी मस्तिष्क गतिविधियां अपने से आठ वर्ष कम उम्र के लोगों के समान थीं।

अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. ऐनी कॉर्बेट ने कहा, ''हमने पाया कि वे लोग, जो नियमित रूप से क्रॉस वर्ड और सुडोकू जैसे पहेलियों से जुड़े रहते हैं उनकी याददाश्त, ध्यान और तर्क का आकलन करने वाले कार्यों में प्रदर्शन काफी तेज होता है।''

उन्होंने कहा, ''मस्तिष्क गतिविधियों में सुधार उनके प्रदर्शन की गति और सटीकता के जरिए विशेष रूप से स्पष्ट प्रतीत होता है। कुछ क्षेत्रों में सुधार काफी नाटकीय था जैसे समस्या-समाधान के उपायों पर।''

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उन्होंने कहा कि वे लोग, जो नियमित रूप से इन पहेलियों में रूचि रखते हैं वे दिमागी तौर पर उन लोगों की तुलना में औसतन आठ साल छोटे हैं, जो ऐसा नहीं करते। हम यह नहीं कह सकते हैं कि इन पहेलियों को खेलने से अधिक उम्र में मनोभ्रंश का खतरा कम हो जाता है, लेकिन यह शोध पिछले उन निष्कर्षों का समर्थन करता है, जिसमें शब्द व संख्या पहेली के नियमित उपयोग से दिमाग के लंबे समय तक बेहतर काम करने में मदद करने का हवाला दिया गया था।

उम्र से संबंधित बीमारियों के प्रोफेसर क्लाइव बलार्ड का कहना है कि ये अध्ययन इस दशक के सबसे रोमांचक शोध में से एक साबित हो रहा है। अगर आप 50 या उससे अधिक आयु के हैं, तो आप अनुसंधान में भाग लेने के लिए साइन अप कर सकते हैं, जो कि हम सभी को हमारी उम्र के मुताबिक स्वस्थ मस्तिष्क बनाए रखने में मदद करेगा।

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