दुनिया में पैदा होने वाले हर 7 में से 1 बच्चे का वजन बेहद कम, चिंताजनक है स्थिति: स्टडी

दुनियाभर में पैदा होने वाले हर 7 में से 1 बच्चा का वजन सामान्य (2.5 किलोग्राम) से कम है। हर साल दुनिया में 2.5 करोड़ से ज्यादा बच्चों की मौत जन्म के 1-2 साल के भीतर हो जाती है। ये स्थिति चिंताजनक है। जानें महिलाएं किन बातों का ख्याल रखकर नवजात के विकास को बेहतर बना सकती हैं।
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दुनिया में पैदा होने वाले हर 7 में से 1 बच्चे का वजन बेहद कम, चिंताजनक है स्थिति: स्टडी


जन्म के समय अगर बच्चे का वजन सामान्य से कम है, तो उसके जीने और स्वस्थ रहने की संभावना बहुत कम होती है। पैदा होने वाले शिशु का वजन 2.5 किलोग्राम या इससे ज्यादा है, तो उसे स्वस्थ माना जाता है। मगर पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में ऐसे शिशुओं की संख्या तेजी से बढ़ी है, जिनका वजन जन्म के समय 2.5 किलोग्राम से बहुत कम था।

आपको जानकर हैरानी होगी की हाल में हुई एक स्टडी में पाया गया है कि दुनिया में पैदा होने वाला हर 7 में से 1 बच्चा 'लो बर्थ वेट' यानी कम वजन वाला है।
इसके अलावा ये तथ्य भी आपको हैरान कर सकते हैं कि हर साल लगभग 2.5 करोड़ नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है, जिनमें से 80% से ज्यादा शिशु वो होते हैं, जो 'लो बर्थ वेट' होते हैं। ये स्टडी विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और लंदन स्कूल और हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के द्वारा की गई है, जिसे 'द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ' नामक पत्रिका में छापा गया है।

क्यों खतरनाक है जन्म के समय बच्चे का कम वजन होना?

पैदा होने वाले शिशु का वजन अगर 2.5 किलोग्राम से कम है, तो इसका मतलब है कि गर्भ में उसका विकास पूरी तरह नहीं हो पाया है। ऐसे ज्यादातर बच्चों की मृत्यु जन्म के पहले-दूसरे साल में ही हो जाती है। अगर किसी तरह बच्चे को बचा भी लिया जाए, तो ये बच्चे जीवनभर कुपोषण का शिकार रहते हैं और जल्दी-जल्दी बीमार पड़ते हैं।

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चिंताजनक है ये स्थिति

2012 में WHO के सभी 195 मेंबर देशों ने ये संकल्प लिया था कि वे सभी अपने देशों में 2025 तक लो बर्थ वेट वाले बच्चों की संख्या तत्कालीन संख्या से 30% तक कम कर लेंगे। लेकिन 2015 तक ये संख्या सिर्फ 14.6% ही कम हो पाई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये स्थिति चिंताजनक है। आने वाले सालों में दुनियाभर में कमजोर और कुपोषित बच्चों की संख्या ज्यादा बढ़ जाएगी।

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कैसे कर सकते हैं लो बर्थ वेट को कंट्रोल?

प्रेग्नेंसी के दौरान अगर महिला कुछ बातों का ध्यान रखे, तो लो बर्थ वेट की समस्या को बहुत हद तक कम किया जा सकता है। इसके लिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पौष्टिक चीजों का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा संक्रामक रोगों से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर-परिवार के सदस्यों को गर्भवती महिला की प्रसव के दौरान सहायता करनी चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को भारी काम करने से रोकना चाहिए। मगर ये सभी सुविधाएं गांवों और गरीबी में जी रहे परिवार की महिलाओं के लिए संभव नहीं हो पाती हैं। यही कारण है कि भारत में हर साल 60-80 लाख बच्चे लो बर्थ वेट पैदा होते हैं।

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