
COVID-19 जैसे-जैसे लोगों में पैर पसार रहा है, इसके नए लक्षण सामने आते जा रहे हैं। हाल ही कोरोनावायरस से जुड़े एक नए शोध की मानें, तो इसके कई सारे संक्रमित व्यक्तियों में आंखों का गुलाबी हो जाना, एक नए लक्षण के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। दरअसल कुछ चीनी शोधकर्ताओं ने इस पर शोध किया है और उनका मानना है कि ये न्यू कोरोनावायरस आंखों के आंसूओं द्वारा भी फैल रहा है। शोध COVID-19 के 38 रोगियों पर किया गया है और इसमें पाया गया है कि लगभग एक दर्जन संक्रमित व्यक्तियों की आंखे गुलाबी यानी कि पिंक कलर की हो गई हैं। वहीं दो रोगियों में, कोरोनोवायरस नाक और आंखों के तरल पदार्थों में भी मौजूद थे।
COVID-19 रोगियों में नेत्र संबंधी लक्षण
COVID-19 रोगियों में नेत्र संबंधी लक्षणों को जानने के लिए येचंग में चाइना थ्री गोरजेस यूनिवर्सिटी (Three Gorges University in Yichang) के नेत्र विज्ञान विभाग के शोधकर्ता डॉ. लियांग लियांग (Dr. Liang Liang) ने इस पर शोध किया है। डॉ. लियांग लियांग की मानें, तो COVID-19 फ्लू के लक्षणों को पैदा करने के अलावा, Pink Eye यानी गुलाबी आंख जैसे लक्षणों को भी पैदा कर रहा है। चीनी शोधकर्ताओं का कहना है कि वायरस अब आंसू द्वारा फैल सकता है। लियांग की मानें, तो ये आंखों के कंजंक्टिवा टिशू, जो कि एक पतली, पारदर्शी परत होती है और आंतरिक पलक को खींचती है और आंख के सफेद हिस्से को कवर करती है, वायरस इस पर भी हमला कर सकता है। वहीं इसका मतलब ये भी है कि ये वायरस तब भी फैल सकता है, जब कोई संक्रमित आंख को रगड़ता है और फिर किसी और को छूता है।
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रोगी में वायरस जितना गंभीर होगा, उसकी आंख उतनी ही पिंक होगी
JAMA नेत्र विज्ञान में 31 मार्च को ऑनलाइन प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, रोगी की COVID-19 जितनी गंभीर होती है, उतनी ही अधिक संभावना है कि उसकी गुलाबी आंख भी होगी। इन निष्कर्षों को देखते हुए, डॉक्टरों और नर्सों को COVID-19 वाले रोगियों का इलाज करने में अन्य सुरक्षात्मक कपड़ों के साथ टोपी और दस्ताने भी पहनने का भी सुझाव देना शुरू कर दिया है। शोध के अनुसार, न्यूयॉर्क शहर के एक नेत्र चिकित्सक ने कहा कि लोगों को गुलाबी आंख द्वारा फैलने वाले संक्रमण से बचाने के लिए भी कदम उठाने चाहिए। जिसमें उनकी आंखों और चेहरे को छूने से परहेज करना और कोरोनावायरस के प्रकोप के दौरान कॉन्टैक्ट लेंस के बजाय चश्मे का उपयोग करना आदि भी शामिल है।
मैनहट्टन आई, ईयर एंड थ्रोट हॉस्पिटल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. प्राची दुआ की मानें, तो हालांकि कंजंक्टिवाइटिस इस बीमारी का एक दुर्लभ लक्षण है, लेकिन अब हमें कंजंक्टिवाइटिस को रोकने के लिए सभी आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए। डॉ. प्राची दुआ की मानें, तो मरीजों और चिकित्सकों को पता होना चाहिए कि सीओवीआईडी -19 ओकुलर रेडनेस, सूजन और आंखों से पानी आ सकता है। इन रोगियों को उचित निदान और ट्रांसमिशन की रोकथाम के लिए उचित देखभाल चाहिए होगी।
अमेरिका में कोरोना से पीड़ित लोगों ने आंख में दर्द की भी शिकायत की है
अर्थशास्त्री और डेटा विशेषज्ञ सेठ स्टीफेंस-डेविडोवित्ज ने कोरोनोवायरस के सभी लक्षणों पर और रिसर्च किया है और पता लगाया कि कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों को आंख में दर्द जैसे परेशानी भी आ रही है। उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखा कि इस संक्रमण से संबंधित तीन खोजों में फ्लू, बुखार और सांस लेने में तकलीफ आदि शामिल था लेकिन, अमेरिका के कुछ सबसे प्रभावित राज्यों में आंख का दर्द चौथा सबसे ज्यादा पाया जाने वाला लक्षण के रूप में पाया गया है। वहीं डायरिया और नाक बहना कोविड -19 के अन्य सामान्य लक्षणों में शामिल है। शोध में ये भी बताया गया है कि पिछले महीने ईरान में भी यह लगभग 50 प्रतिशत मामलों में इटालियंस ने "जलती हुई आंखें" की शिकायत की थी। वहीं कोरोनावायरस के साथ आंखों से संबंधित लक्षणों की कुछ पिछली रिपोर्टें आई हैं। चीनी अध्ययन में COVID-19 के एक तिहाई रोगियों ने आंखों से संबंधित स्वास्थ्य स्थितियों का विकास किया। कुछ शोधकर्ताओं ने यह भी सुझाव दिया है कि गुलाबी आंख को कोरोनावायरस संक्रमण से जोड़ा जा सकता है। लेकिन, आंखों में दर्द और आंखों से संबंधित अन्य स्थितियों को कोरोनोवायरस के लक्षण के रूप में आधिकारिक तौर पर अभी पुष्टि नहीं की गई है।
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आंखों के आंसू से फैल सकता है संक्रमण
वहीं बाल्टीमोर में 'जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ' में महामारी विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य के प्रोफेसर डॉ. अल्फ्रेड सोमर ने भी इस पर एक संपादकीय लिखा है जो अध्ययन के साथ है। डॉ. अल्फ्रेड सोमर की मानें, तो यह लोगों के लिए एक चेतावनी है कि ये संक्रमण अब लोगों में और तेजी से फैल सकता है। इसका मतलब है कि यह लोगों के आंसू से फैल रहा है, तो आपकी आंख की जांच करने वाले डॉक्टर या यहां तक कि कोई व्यक्ति, जिसे संक्रमित व्यक्ति ने अपनी आंख को रगड़ने के बाद छूआ है, उसे भी ये संक्रमण फैल सकता है। ऐसे मे अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के दिशानिर्देश महामारी के दौरान नियमित आंखों की परीक्षा नहीं कराने की सलाह देते हैं।
Source: WebMd
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