अधिकांश लोग सेल्फी लेने के शौकीन होते हैं। लोग अपने आप को खूबसूरत दिखने के लिए सेल्फी लेना पसंद करते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर यह सेल्फी लेकर अपलोड करने का ट्रेंड काफी चलन में है। हाल ही में open-access journal PLOS ONE में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक सेल्फी लेना कहीं न कहीं लोगों में ईटिंग डिसऑर्डर का कारण बन रहा है। आइये जानते हैं।
सेल्फी कैसे बनती है ईटिंग डिसऑर्डर का कारण
वैज्ञानिकों की मानें तो सेल्फी लेना का चलन लगातार बढ़ रहा है और ये ईटिंग डिसऑर्डर का कारण बन लोगों की सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहा है। सेंट जॉन यूनिवर्सिटी एंड केथेराइन प्रेस्टॉन के प्रोफेसर रुथ क्नाइट के मुताबिक आजकल नए-नए फिल्टर्स आ गए हैं, जिन्हें लोग सेल्फी लेने के दौरान इस्तेमाल करते हैं। यह फिल्टर इंसान को स्मार्ट और पतला दिखाते हैं। जिसे देखकर लोग अपना बॉडी साइज जज करने लगते हैं।
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बन सकता है ओवरईटिंग का कारण
रुथ क्नाइट की मानें तो सेल्फी में कई बार पतले आने की वजह से लोग खुद को कमजोर और अन्य लोगों से पतला समझ लेता है, जिस कारण वह वजन बढ़ाने के लिए ओवरईटिंग तक करने लगता है। ऐसा करना सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। इससे धीरे-धीरे आपको हार्ट से जुड़ी समस्याएं होने के साथ ही हाई बीपी और कोलेस्ट्रॉल भी हो सकता है।
ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण
- ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण सामान्य हैं, जिन्हें आप आसानी से पहचान सकते हैं।
- ईटिंग डिसऑर्डर होने पर शरीर में कमजोरी, थकान और चिड़चिड़ापन हो सकता है।
- इस डिसऑर्डर के कारण व्यक्ति वजन बढ़ाने या फिर खाने के बारे में ज्यादा सोचने लगता है।
- इस स्थिति में कई बार पेट दर्द होने के साथ ही साथ नींद आने में भी समस्या हो सकती है।
- ईटिंग डिसऑर्डर होने पर आपके बाल पतले होने के साथ ही ड्राई स्किन से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।
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