फोन जब से स्मार्टफोन में बदल गए हैं, लोग इसका इस्तेमाल कॉल करने के अलावा गेम खेलने, सोशल मीडिया पर चैटिंग करने, सेल्फी लेने और वीडियोज देखने के लिए करने लगे हैं। इस समय दुनिया की आबादी लगभग 7.7 अरब है, जिसेमें से 2.1 अरब लोग स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। यानी दुनिया की एक तिहाई आबादी स्मार्टफोन से जुड़ चुकी है। स्मार्टफोन का क्रेज सबसे ज्यादा युवाओं में देखने को मिल रहा है।
लगातार घंटों तक स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करने के कारण कई तरह के नए रोग और समस्याएं सामने आ रही हैं, जिन्हें स्मार्टफोन इंजरी कहा जा रहा है। ये समस्याएं उन लोगों को ज्यादा हो रही हैं, जो स्मार्टफोन पर घंटों गेम खेलते हैं, सेल्फी लेते हैं या इंटरनेट और वीडियोज का इस्तेमाल करते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या हैं ये स्मार्टफोन इंजरीज और कैसे कर सकते हैं इससे बचाव।
सेल्फी एल्बो
सेल्फी लेने के लिए आप अपने हाथों को मोड़ते हुए सामने की तरफ ज्यादा से ज्यादा खींचते हैं, ताकि तस्वीर में ज्यादा चीजें या ज्यादा लोग नजर आएं। अगर आप सेल्फीज के दीवाने हैं और हर समय हर जगह सेल्फी लेने को उतावले रहते हैं, तो आपको सेल्फी एल्बो की समस्या हो सकती है। सेल्फी लेने की कोशिश में कोहनियां लॉक हो सकती हैं, कलाइयां मुड़ती हैं और कंधों की फोरआर्म मसल्स पर दबाव पड़ता है। इससे कोहनी से जुड़ने वाले टेंडन मसल्स में परेशानी आ सकती है।
इस बात को ऐसे समझें कि अगर आपको 5 किलोग्राम भार की कोई चीज उठानी है, तो इस भार को आप अपने सीने से जितनी ज्यादा पास रखेंगे, चीज आपको उतनी ज्यादा हल्की लगेगी। जैसे-जैसे आप 5 किलोग्राम के भार को अपने सीने से आगे की तरफ बढ़ाना शुरू करेंगे, आपको वजन बढ़ता हुआ महसूस होगा। दरअसल इस दौरान वजन नहीं बढ़ता है, बल्कि आपके टेंडन मसल्स पर पड़ने वाला दबाव बढ़ जाता है। इसी तरह सेल्फी लेते समय भी इस मसल पर दबाव पड़ता है।
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टेक्सटिंग थंब या गेमर्स थंब
इस रोग का खतरा उन लोगों को ज्यादा होता है, जो स्मार्टफोन में दिनभर गेम खेलते हैं या मैसेज टाइप करते हैं। इस रोग में टेंडन मसल्स में सूजन आ जाती है, जिसके कारण हाथों में दर्द की समस्या हो सकती है। कई बार टेंडन मसल्स हमेशा के लिए डैमेज हो जाती हैं, जिसे ठीक करने के लिए सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है। दरअसल गेम खेलते समय या मैसेज टाइप करते समय आप बहुत जल्दी-जल्दी उंगलियों को चलाते हैं। मोबाइल का इस्तेमाल करते समय सबसे ज्यादा अंगूठे का प्रयोग किया जाता है। यही कारण है इसे टेक्सटिंग थंब या गेमर्स थंब कहा जाता है।
रेडिएशन भी है खतरनाक
एक शोध के अनुसार विकसित और विकासशील देशों में 11 से 12 साल के 60 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और ये आंकड़ा 70% तक हो जाता है, जब इसमें 18 साल से बड़ी उम्र तक के युवाओं और बुजुर्गों को शामिल किया जाता है। ज्यादातर लोग कम से कम 150 बार पूरे दिन में स्क्रीन देखते हैं। वहीं जो लोग स्मार्टफोन पर वीडियोज और गेमिंग के शौकीन होते हैं, वो दिन के औसत 5-6 घंटे स्मार्टफोन पर बिताते हैं। इससे निकलने वाला रेडिएशन शरीर और मस्तिष्क के लिए हानिकारक होता है। छोटे बच्चों और शिशुओं में इसका खतरा ज्यादा होता है।
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स्मार्टफोन इंजरीज से बचाव के टिप्स
सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश के चिकित्साधिकारी डॉ. राम आशीष बताते हैं कि स्मार्टफोन के कारण छोटे बच्चों और युवाओं में उंगलियों, कोहनियों और आंखों के रोगों का खतरा बढ़ रहा है। इससे बचाव के लिए मां-बाप को इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
- बच्चों को लगातार स्मार्टफोन का इस्तेमाल न करने दें।
- मोबाइल पर ज्यादा देर गेम न खेलें।
- वीडियोज देखने के लिए टीवी का इस्तेमाल करें क्योंकि मोबाइल में वीडियोज देखते समय स्क्रीन बहुत पास होती है।
- खाना खाते समय स्मार्टफोन का प्रयोग न करें।
- लंबी बातचीत के लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करें।
- फोन को गाल पर लगाकर बात करने या गर्दन टेढ़ी करके बात करने से गर्दन में समस्या हो सकती है।
- छोटे बच्चों को बाहर खेलने और लोगों से मिलने-जुलने के लिए प्रेरित करें।
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