कई बार संक्रमण की वजह से आपको गले में दर्द की शिकायत होती है। इसके साथ ही खाना निगलने और कभी-कभी पानी निगलने में भी परेशानी होती है। आमतौर पर गले में होने वाले संक्रमण का कारण फैरिन्जाइटिस नाम की बीमारी होती है। फैरिन्जाइटिस का कारण वायरस और बैक्टीरिया होते हैं, जो गले में पहुंचकर सूजन का कारण बनते हैं। सूजन के कारण ही आपको खाते-पीते समय तेज दर्द का अनुभव होता है। आइये आपको बताते हैं क्या है फैरिन्जाइटिस, इसके लक्षण और इसे ठीक करने के आसान उपचार।
क्या है फैरिन्जाइटिस
फैरिन्जाइटिस गले से जुड़ी एक बीमारी है। फेरिंग्क्स यानी ग्रसनी में सूजन फैरिन्जाइटिस कहलाती है। इसमें गले में सूजन के साथ-साथ खराश और दर्द का सामना भी करना पड़ता है। साथ ही, कुछ खाना-पीना निगलने में भी दिक्कत होती है। खासकर बरसात और सर्दियों में ये बीमारी काफी आम है। फैरिन्जाइटिस का मुख्य कारण वायरस हैं, लेकिन कुछ मामलों में बैक्टीरियल इन्फेक्शन की वजह से भी गले में दर्द होने लगता है। जिन लोगों को जुकाम होता है, या फिर जल्दी एलर्जी हो जाती है उन्हें फैरिन्जाइटिस होने का अधिक जोखिम होता है। सेकेंड-हैंड स्मोक और साइनस इन्फेक्शन भी इस बीमारी को उत्पन्न करते हैं।
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फैरिन्जाइटिस के लक्षण
- बार-बार छींक आना
- नाक बहना
- सिरदर्द की समस्या
- खांसी की समस्या
- थकान और आलस
- शरीर और बदन में दर्द
- बुखार
- खाने-पीने में तेज दर्द महसूस होना
- गले में अंदर का हिस्सा लाल होना और सफेद चकत्ते आ जाना
- लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाना
- भूख न लगना
- खाने-पीने में किसी चीज का स्वाद न मिलना
फैरिन्जाइटिस का उपचार
फैरिन्जाइटिस एक सामान्य इंफेक्शन है, जिसे खाने-पीने में थोड़ी सावधानी बरतकर और कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से आसानी से ठीक किया जा सकता है। आइए आपको बताते हैं कुछ आसान उपचार जिनसे आपको इस समस्या से राहत मिलेगी।
नमक पानी का गरारा
फैरिन्जाइटिस हो या गले की कोई भी दिक्कत, ये नुस्खा हमेशा काम आता है। गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। इससे लिम्फ नोड्स की सूजन कम होती है और दर्द में राहत मिलती है। गरारे करने के तुरन्त बाद कुछ ठंडा न लें। गुनगुना पानी पियें जिससे गले को आराम मिलेगा। एक दो दिन में आपको गले की सूजन से बहुत राहत मिलेगी।
लहसुन का प्रयोग
लहसुन में एंटी-माइक्रोबियल गुण होता है,जो बैक्टीरिया और वायरस को मारने में मदद करता है। लहसुन खाने से गले की सूजन और बैठना की समस्या खुद ही कम हो जाती है। इसके लिए लहसुन की एक छोटी सी कली लेकर अपने मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसे। जल्द राहत के लिए उपाय को दिन में कई बार करें।
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अदरक
अदरक, गले के चारों ओर श्लेष्मा झिल्ली को शांत कर, सूजन से तुरंत राहत प्रदान करता है। समस्या होने पर एक पैन में कटा हुआ अदरक उबाल लें और कुछ देर उबालने के बाद इसे थोड़ा ठंडा होने के लिए रख दें। आप इसमें नींबू के रस की कुछ बूंदे और मीठा करने के लिए शहद मिला सकते हैं। इस अदरक की चाय का सेवन दिन में कई बार करें। इसके अलावा, आप अदरक के टूकड़े को ऐसे भी मुंह में रखकर चूस सकते हैं।
मुलेठी
सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।
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