पेचिश, आंतों की सूजन है, जो मुख्य रूप से मलाशय में होती है। पेचिश के कारण पेट में हल्की से लेकर गंभीर रूप से ऐंठन होती है और साथ ही मल में रक्त के साथ गंभीर दस्त हो सकते हैं। अगर आगर पर्याप्त रूप से पानी नहीं पिएंगे तो यह घातक हो सकता है। दरअसल पेचिश गंभीर रूप से दस्त से जुड़ी एक संक्रामक बीमारी है। इसके लक्षण सामान्य रूप से हल्के होते हैं और आमतौर पर कुछ दिनों के भीतर गायब हो जाते हैं। ज्यादातर लोग इसपर ध्यान नहीं देते हैं। हर साल दुनिया भर में शिगेला (Shigella) संक्रमण से 12 करोड़ से लेकर 16 करोड़ मामले सामने आते हैं, जिनमें से 10 लाख लोगों में ये रोग घातक हो जाता है। विकासशील देशों में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में से 60 प्रतिशत से अधिक बच्चे इस संक्रमण से घातक रूप से बीमार होते हैं।
पेचिश के लक्षण (Symptoms of dysentery)
पेचिश के लक्षण हल्के से गंभीर तक हो सकते हैं। ये काफी हद तक उन क्षेत्रों में स्वच्छता की गुणवत्ता पर निर्भर करता है, जहां संक्रमण फैला हुआ हो। हल्के लक्षणों में शामिल हैं:
टॉप स्टोरीज़
- हल्का पेट-दर्द
- ऐंठन
- दस्त
ये आमतौर पर संक्रमण के 1 से 3 दिन बाद दिखाई देते हैं, और रोगी एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है।
इस दौरान कुछ लोग डेयरी उत्पादों के सेवन के प्रति दिक्कत महसूस करते हैं, जो लंबे समय तक रह सकी है। कभी-कभी इसे ठीक होने में सालों लग जाते हैं।
दण्डाणु पेचिश के लक्षण (Symptoms of bacillary dysentery)
संक्रमण के 1 से 3 दिनों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। इस स्थिति में आम तौर पर हल्का पेट दर्द और दस्त हो सकता है, लेकिन मल में रक्त नहीं आता है। अगर किसी को ये होता है तो उसे दस्त लग जाते हैं। इस स्थिति में आपको ये संकेत दिखाई सकते हैंः
- मल में रक्त
- पेट में तेज दर्द
- बुखार
- जी मिचलाना
- उल्टी
अक्सर, लक्षण इतने हल्के होते हैं कि डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती है, और समस्या कुछ दिनों में हल हो जाती है।
अमीबी पेचिश के संकेत (Symptoms of amoebic dysentery)
अमीबी पेचिश वाले व्यक्ति में ये ये संकेत दिखाई दे सकते हैं:
- पेट में दर्द
- बुखार और ठंड लगना
- मतली और उल्टी
- पानी वाले दस्त, जिसमें रक्त, बलगम या मवाद हो सकता है
- मल करते वक्त दर्द का अनुभव
- थकान
- कब्ज
अगर आंत की दीवार (intestinal wall) के माध्यम से अमीबा गुजरता है तो ये आपके रक्तप्रवाह में फैल सकता हैं और अन्य अंगों को संक्रमित कर सकता है। इसके कारण किसी व्यक्ति को अल्सर हो सकता है, जिसके कारण खूनी दस्त हो सकते हैं। इसके लक्षण कई हफ्तों तक जारी रह सकते हैं। अमीबा लक्षणों के चले जाने के बाद भी मानव के भीतर रह सकता है। फिर जब व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है तब लक्षण फिर से उभर सकते हैं। इस स्थिति में उपचार अमीबा के जीवित रहने के जोखिम को कम करता है।
इसे भी पढ़ेंः Fact Check: क्या आपको भी व्हाट्सएप पर मिला है डॉ. नरेश त्रेहन के नाम वाला ऑडियो क्लिप? जानें क्लिप की सच्चाई
पेचिश की जटिलताएं (Complications of dysentery)
पेचिश की जटिलताएं कम हैं, लेकिन ये गंभीर हो सकती हैं।
डिहाइड्रेशन : बार-बार दस्त और उल्टी के कारण शरीर जल्दी डिहाइड्रेट हो जाता है। शिशुओं और छोटे बच्चों में, यह जल्दी से जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
लिवर में फोड़ा: यदि अमीबा लिवर में फैलता है, तो आपके लिवर में फोड़ा बन सकता है।
संक्रमण से आर्थराइटिस : संक्रमण के बाद जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है।
हेमोलिटिक युरेमिक सिंड्रोम: शिगेला पेचिश किडनी में लाल रक्त कोशिकाओं को पहुंचने में रोकने का कारण बन सकता है, जिससे एनीमिया, कम प्लेटलेट और किडनी फेल्योर हो सकता है।
संक्रमण के बाद मरीजों को दौरे भी पड़ सकते हैं।
इसे भी पढ़ेंः 21 दिन के लॉकडाउन में घर बैठे-बैठे गिन रहे हैं मिनट?करें ये 4 अनूठे काम और रहें पूरे दिन एक्टिव, मन लगा रहेगा
पेचिश की रोकथाम (Prevention of dysentery)
पेचिश की समस्या ज्यादातर गंदगी के कारण होती है।
संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए, लोगों को अपने हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोना चाहिए, विशेष रूप से बाथरूम का उपयोग करने और भोजन तैयार करने के बाद। नियमित रूप से हाथ धोना शिगेला संक्रमण और अन्य प्रकार के दस्त की आवृत्ति को 35 प्रतिशत तक कम कर सकता है। जब जोखिम अधिक होता है, तब अन्य कदम, उदाहरण के लिए, यात्रा करते समय उठाने चाहिएः
केवल बोतलबंद पानी ही पीएं, जो साफ हो जैसे कि खट्टे पानी का सेवन करें।
बोतल को खोलें और पीने से पहले बोतल के सिर को साफ करें।
सुनिश्चित करें कि भोजन पूरी तरह से पकाया गया हो।
दांतों को साफ करने के लिए शुद्ध पानी का उपयोग करना सबसे अच्छा होता है। इसके साथ ही बर्फ के टुकड़ों से बचें, क्योंकि पानी का स्रोत अज्ञात हो सकता है।
पेचिश का उपचार (Treatment of dysentery )
लैब टेस्ट के परिणाम यह बताएंगे कि संक्रमण किस कारण से हुआ होता है। अगर उपचार आवश्यक है, तो यह इन परिणामों पर निर्भर करेगा। हालांकि, दस्त या उल्टी के किसी भी रोगी को डिहाइड्रेशन रोकने के लिए बहुत सारे तरल पदार्थ पीने चाहिए। अगर वे पीने में असमर्थ हैं और बार-बार दस्त और उल्टी हो रहे हैं तो (IV) द्रव लेना जरूरी हो जाता है। इसके अलावा शरीर में पानी की कमी होने पर रोगी को ड्रिप पर रखा जाएगा और उसकी निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही बाजर में बहुत सी एंटी-वायरल दवाएं भी मौजूद हैं।
Read More Articles On Other Diseases In Hindi