Tips For Parents During Board Exams In Hindi: जल्द ही फाइनल एग्जाम शुरू हो जाएंगे। इसके साथ, बोर्ड एग्जाम की जोर-शोर से तैयारी भी शुरू हो जाएगी। जो बच्चे पहली बार बोर्ड दे रहे हैं, उनके लिए यह फेज काफी चुनौतियों से भरा होता है। घर में बच्चे ही नहीं, पेरेंट्स भी खास किस्म के तनाव से गुजरते हैं। वैसे भी इन दिनों अच्छे मार्क्स का बच्चों पर इतना प्रेशर रहता है कि वे स्ट्रेस और एंग्जाइटी जैसी कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इस पर, पेरेंट्स भी बच्चों को बेस्ट परफॉर्म करने के लिए दबाव बनाते रहते हैं। जाहिर है, ऐसा किया जाना सही नहीं है। इसके उलट, पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चों को बोर्ड के एग्जाम के स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें। सवाल है, वे ऐसा कैसे कर सकते हैं। इस बारे में हमने Manav Rachna International Institute of Research and Studies (School of Behavioral & Social Sciences) में Professor & Dean डॉ तरनजीत से बात की है। आप भी उनकी सलाह को जरूर फॉलो करें।
बच्चों में बोर्ड एग्जाम को लेकर स्ट्रेस क्यों होता है- Understanding Board Exam Stress for Children In Hindi
- परफॉर्मेंस का प्रेशरः बोर्ड एग्जाम जैसे-जेसे नजदीक आ रहे हैं, हर बच्चा अपना बेस्ट परफॉर्मेंस देने की कोशिश में जुट जाता है। इसके लिए, बच्चा अपना ज्यादा से ज्यादा समय किताबों के इर्द-गिर्द बिताता है । वहीं, अगर कोई बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो वह और भी परेशान रहने लगता है।
- भविष्य की चिंताः अक्सर पेरेंट्स यह कहते हैं कि अगर बच्चा बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर लेकर नहीं आएगा, तो उसे अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलेगा। उसका फ्यूचर पूरी तरह खराब हो जाएगा। यह बात बच्चों के दिमाग में गहराई तक बैठ जाती है। इससे कई बच्चे अपने भविष्य को लेकर डरे रहते हैं। अगर अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं हुआ, तो क्या करेंगे, पेरेंट्स क्या कहेंगे? इस तरह के सवाल से छात्र घिर जाते हैं।
- सेल्फ आइडेंडिटी की चिंताः बोर्ड एग्जाम्स के नजदीक आते ही पेरेंट्स बच्चों को सिर्फ और सिर्फ पढ़ने की सलाह देते हैं। इससे होता ये है कि बच्चा अपनी सेल्फ आइडेंडिटी को लेकर डाउट में आ जाता है। उसे लगता है कि पढ़ने के अलावा, उसकी और कोई पहचान नहीं है।
- ओवर एक्सपेक्टेशनः बोर्ड एग्जाम्स आते ही पेरेंट्स भी बच्चों से बहुत ज्यादा उम्मीदें लगा बैठते हैं। वे चाहते हैं कि उनका बच्चा बोर्ड एग्जाम में सबसे अचछा करे। इस तरह की एक्सपेक्टेशन बच्चों को बहुत परेशान करती है और स्ट्रेस से भर देती है।
बच्चों का स्ट्रेस कम करने के लिए पेरेंट्स क्या करें- Strategies For Parents To Dealing With Stress In HIndi
- पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि वे बच्चों के साथ बातचीत करें। उनसे ओवर एक्सपेक्टेशन न रखें। बच्चा कहीं फंस रहा है, तो उसकी मदद करें।
- बच्चे की हेल्थ रूटीन का पूरा ध्यान रखें। पढ़ाई के कारण अक्सर बच्चे अच्छी तरह खा-पी नहीं पाते हैं। पेरेंट्स बच्चे की डाइट की अनदेखी न करें।
- पेरेंट्स को चाहिए कि वे अपने बच्चे को इमोशनल सपोर्ट दें। उनके स्ट्रेस को समझकर, कम करने की कोशिश करें।
- बच्चों को पूरा सपोर्ट दें। अगर बच्चे को आपकी गाइडेंस चाहिए या समय चाहिए, तो उसे जरूर दें।
- बच्चे के लिए बैलेंस्ड एन्वायरमेंट क्रिएट करें। इसका मतलब है कि बच्चों को दोस्तों से बात करने, हेल्दी लाइफस्टाइल और स्टडी टाइमिंग को सही तरह से मैनेज करें।
- बच्चों को पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक लेने के लिए मोटिवेट करें। इससे बच्चा मानसिक रूप से थकान महसूस नहीं करेगा और एग्जाम में अच्छा रिजल्ट कर सकेगा।
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