माता-पिता अपने बच्चे को सोता देख बड़ा सुकून महसूस करते हैं। लेकिन कभी-कभी उनकी गलती के कारण बच्चों की नींद में खलल पड़ सकता है। खास बात यह है कि माता-पिता को खुद नहीं पता होता कि ऐसी कौन सी गलतियां कर बैठते हैं, जिसके कारण शिशु ठीक से नहीं सो पाते और ठीक से ना सोने के कारण बच्चों को शारीरिक और मानसिक दोनों समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि माता-पिता की ऐसी कौन सी गलतियां हैं, जिनके कारण बच्चे की नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके लिए हमने गेटवे ऑफ हीलिंग साइकोथेरेपिस्ट डॉ. चांदनी (Dr. Chandni Tugnait, M.D (A.M.) Psychotherapist, Lifestyle Coach & Healer) से भी बात की है। पढ़ते हैं आगे...
1 - शिशु के नींद के संकेतों को ना समझना
बच्चों की आदतें बड़ों की आदतों से काफी अलग होती हैं। वे कभी भी थकान महसूस कर सकते हैं या उन्हें कभी भी नींद आ सकती है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि शिशु के उन संकेतों को समझना। लेकिन कभी-कभी माता-पिता उन संकेतों को समझने में असमर्थ हो जाते हैं, जिसके कारण उनकी नींद में खलल पड़ सकता है। बच्चे को चिड़चिड़ाहट महसूस हो सकती हैं।
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2 - बच्चे के सोने के समय को बार-बार बदलना
बार-बार बच्चे के सोने के समय को बदलना भी सही नहीं है। अगर आप बच्चे के सोने के समय को निश्चित नहीं कर पा रहे हैं तो इसके कारण बच्चे को अनिद्रा की समस्या हो सकती है। अनिद्रा के कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चे के सोने और जागने के समय को निश्चित करें।
3 - सुलाने के लिए किसी चीज का सहारा लेना
अक्सर माताएं अपने बच्चों को सुलाने के लिए किसी चीज का सहारा लेते हैं जैसे- झूला या लोरी गाकर। ऐसे में बच्चे इन चीजों के आदि हो सकते हैं और आगे चलकर जब वह अचानक से आधी रात को उठ जाए तो वह इन चीजों के बगैर नहीं सो पाते। यह आदत गलत है। बच्चों को सुलाने के लिए माताएं कभी-कभी चीजों का प्रयोग करें। रोज करने से बच्चे इन चीजों की आदि हो सकते हैं।
4 - अनिद्रा की समस्या को हल्के में लेना
बता दें कि शिशु अगर समय पर नहीं सो रहा है या वक्त बेवक्त जब सोता है तो इस परिस्थिति को हल्के में लेना सही नहीं है। बता दें कि इसके कारण बच्चे की मानसिक और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
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5 - बच्चे को अलग-अलग कमरे में सुलाना
शिशु को नींद आती है तो माता-पिता कभी उसे सोफे पर सुला देते हैं तो कभी कार की सीट पर लेकिन इसके कारण बच्चा खुद को कंफर्टेबल फील नहीं करा पाता और उसकी नींद पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में माता-पिता उसके सोने की जगह को ना बदलें। जितना हो सके उतना बच्चे को उसी जगह पर सुलाएं। बार-बार जगह बदलने से बच्चे की नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
6 - सोते वक्त आसपास आवाज करना
शिशु की नींद कच्ची होती है, ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चे के सोने के बाद उसके आसपास के माहौल को शांत रखें। ऐसा करने से बच्चे समस्या में भी फायदा होगा और बच्चे का विकास भी जल्दी होगा।
नोट - ध्यान दें कि माता पिता के कुछ गलत आदतें बच्चे की नींद पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसे में माता-पिता को उन गलतियों के बारे में पता होना चाहिए, जिससे कि बच्चों को नींद भरपूर मिल सके और उसका शारीरिक व मानसिक विकास अच्छे से हो सके।
इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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