लाइफस्टाइल और मोबाइल के कारण लोगों में कई तरह की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। एक शोध के मुताबिक भारत में हर व्यक्ति औसतन 3 घंटे मोबाइल पर समय बिताता है। कई युवा तो इससे भी ज्यादा समय मोबाइल पर बिताते हैं। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से 'टेक्स्ट नेक' सिंड्रोम तेजी से फैल रहा है। ये बीमारी मोबाइल के इस्तेमाल के दौरान लंबे समय तक नीचे झुके रहने के कारण होती है। आइये आपको बताते हैं क्या है ये बीमारी और कैसे करें इससे बचाव।
टेक्स्ट नेक सिंड्रोम
स्मार्ट उपकरणों ने जितना हमारी जिंदगी को बेहतर बनाया है, उतना ही वे स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन रहे हैं। मोबाइल, टैबलेट या लैपटॉप पर कुछ पढ़ते या काम करते वक्त यूज़र की गर्दन व पीठ अकसर झुके हुए पोस्चर में रहती है, जिससे गर्दन व पीठ के कुछ हिस्सों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और वहां दर्द रहने लगता है। दरअसल मोबाइल फोन के इस्तेमाल के दौरान आपकी गर्दन झुकी हुई रहती है और पीठ सिकुड़ी हुई होती है। इसी कारण लंबे समय तक इस्तेमाल से ये अंग प्रभावित होते हैं।
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क्यों होती है समस्या
कई बार अपनी गलत आदतों की वजह से हम कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार हो जाते हैं, जिनके बारे में कभी सुना तक नहीं होता है। डिजिटल उपकरणों पर काम करते समय आमतौर पर गर्दन नीचे की तरफ और रीढ़ या पीठ आगे की तरफ झुकी होती है। ऐसा माना जाता है कि गर्दन का ज़रा भी झुकना गर्दन और कंधों की मांसपेशियों व लिगामेंट्स पर काफी दबाव डालता है, जिससे कई तरह की समस्याएं होने की आशंका रहती है।
नजरअंदाज न करें ये लक्षण
- उपकरण का इस्तेमाल करते समय पीठ के ऊपरी हिस्से या गर्दन में दर्द होना
- झुकते समय सिर या कंधों में दर्द होना
- हाथ में दर्द या झनझनाहट महसूस होना
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आदतें बदलकर करें बचाव
- किसी भी डिजिटल उपकरण का लगातार इस्तेमाल न करें। थोड़ी-थोड़ी देर में उससे ब्रेक लेते रहें।
- गैजेट्स को आंखों के लेवल पर रखें व इनका इस्तेमाल करते समय अपने पोस्चर का ध्यान रखें।
- नियमित तौर पर व्यायाम करते रहें, विशेषकर गर्दन से जुड़े व्यायाम इस समस्या का समाधान कर सकते हैं।
- जीवनशैली में कुछ बदलाव कर टेक्स्ट नेक सिंड्रोम से बचा जा सकता है।
- स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें व दिन भर ऑनलाइन गेम्स या सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले बच्चों को इसके खतरों से अवगत करवाएं।
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