सीने में उठने वाला हर दर्द का कारण हार्ट बर्न या दिल का दौरा पड़ना नहीं होता है। उसी तरह हार्ट बर्ऩ और हार्ट अटैक सुनने में भले ही एक जैसा लगते हैं पर दोनो बीमारियां एक दूसरे से बिल्कुल अलग होती हैं। हार्ट बर्न की समस्या पेट की अपच से जुड़ी होती है तो हार्ट अटैक दिल का दौरा पड़ने को कहा जाता है। दोनों समस्यायें एक दूसरे से कोई संबंध नहीं रखती है। हार्ट बर्न दिल के दौरे का एक लक्षण हो सकता है पर इसके कई अन्य कारण होते हैं।

क्या है हार्ट बर्न और हार्ट अटैक
जब भोजन मुंह में प्रवेश करता है, तब लार भोजन में उपस्थित स्टार्च को छोटे-छोटे अणुओं में तोड़ने लगती है। इसके बाद भोजन इसोफैगस (भोजन नली) से होता हुआ पेट में जाता है, जहां पेट की अंदरूनी परत भोजन को पचाने के लिए पाचक उत्पाद बनाती है। इसमें से एक स्टमक एसिड है। कईं लोगों में लोवर इसोफैगियल स्फिंक्टर (एलईएस) ठीक से बंद नहीं होता और अक्सर खुला रह जाता है। जिससे पेट का एसिड वापस बहकर इसोफैगस में चला जाता है।
इससे छाती में दर्द और तेज जलन होती है। इसे ही जीईआरडी या एसिड रिफ्लक्स कहते हैं। हृदयघात से पहले दर्द और जकड़न शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकता है। इसमें बाहों, कमर, गर्दन और जबड़े में दर्द या भारीपन भी महसूस हो सकता है। कभी-कभी यह दर्द शरीर के किसी भी हिस्से से शुरू होकर सीधे सीने तक भी पहुंच सकता है। इसलिए लोग इसे हार्टबर्ऩ से जोड़ देते है। पर हमेशा ऐसा ही ये सही नहीं है।
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हार्ट अटैक और हार्ट बर्न में अंतर
हार्ट बर्न का हृदय से संबंध नहीं होता, बल्कि यह समस्या पेट में बनने वाले एसिड की वजह से पैदा होती है। सीने या गले में जलन और दर्द, खट्टी डकार आना, उल्टी का मन करना, पेट भारी-भारी लगना...यह सब हर्ट बर्न के लक्षण हैं। यदि एक ही बार में जरूरत से ज्यादा भोजन करते हैं, तो पेट और इसोफिजेस के बीच में एक वाल्व द्वार बन जाता है। यह वाल्व पेट में बनने वाले एसिड को इसोफिजेस की तरफ धकेलता है।
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इससे सीने में दर्द और जलन महसूस होने लगती है।शरीर के अन्य अंगों की तरह हमारे हृदय को भी लगातार काम करने के लिए आक्सीजन की जरूरत होती है। ररक्त वाहीनियां रक्त के साथ आक्सीजन को हृदय तक पहुंचाती हैं। हृदय तक रक्त ले जाने वाली रक्त वाहिकाओं को कोरोनरी धमनी कहते हैं। लेकिन जब कभी वसा, प्रोटीन या प्लेटलेट्स के कारण कोई धमनी अचानक से ब्लॉक हो जाती है, तो हृदयाघात होता है।
हार्टबर्ऩ की दवाईयों के सेवन से हार्ट अटैक पड़ सकता है। ये दवाइयां रक्त का थक्का बनाकर दिल के दौरे या स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है।
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