माना कि बुढ़ापा अपने साथ बहुत से शारीरिक बदलाव या कुछ परेशानियां लेकर आता है। आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सीनियर डायटिशियन डॉक्टर अनुजा गौड़ के मुताबिक जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है हमारा शरीर कमजोर पड़ने लगता है। शरीर में जो प्राकृतिक तत्व होते हैं उनकी मात्रा भी कम होने लगती है। इसलिए हमें अपनी डाइट के माध्यम से उन पौष्टिक तत्वों की जरूरत को पूरा करना पड़ता है। नहीं तो शरीर में काफी शारीरिक स्थितियां उत्पन्न होनी शुरू हो जाती हैं जैसे कि मांसपेशियों में कमजोरी, हड्डियों में कमजोरी आदि। यही नहीं स्किन पर भी एजिंग के लक्षण काफी जल्दी दिखने लगते हैं। यह जानना काफी जरूरी होता है कि उम्र बढ़ने के साथ साथ किन किन तत्वों की जरूरत हमारे शरीर को अधिक होती है ताकि हम उन जरूरतों को पूरा कर सकें। आइए जानते हैं उन पौष्टिक तत्वों के बारे में।
विटामिन बी 12
यह विटामिन ब्लड और नर्व सेल्स बनाने में मदद करता है। इसे पशुओं द्वारा मिलने वाले उत्पादों जैसे मीट, मछली, अंडे और डेयरी द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। वैसे तो इसकी जरूरत आराम से पूरी हो जाती है। लेकिन बुजुर्गों को इसकी जरूरत अधिक होती है। इसलिए अपनी डाइट में पशुओं के उत्पादों को जरूर शामिल करना चाहिए। कुछ दवाइयों और सप्लीमेंट्स को भी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
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विटामिन बी 6
हमारा शरीर इस विटामिन का प्रयोग जर्म्स से लड़ने और एनर्जी बनाने के लिए करता है। बुढ़ापे में अगर याददाश्त तेज रखना चाहते हैं तो भी इस विटामिन की जरूरत पूरी होनी काफी आवश्यक है। काबुली चने में इस विटामिन की भरपूर मात्रा होती है। फोर्टीफाइड ब्रेकफास्ट जैसे सीरियल आदि का भी सेवन किया जा सकता है।
कैल्शियम
कैल्शियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए बेहद जरूरी होता है। बुढ़ापे में शरीर इस तत्व को अब्सोर्ब करने से ज्यादा खोना शुरू कर देता है। इसलिए जोड़ों में दर्द और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं बुढ़ापे में ज्यादा देखने को मिलती हैं। डेयरी उत्पादों में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए अगर घर में कोई वृद्ध है तो उन्हें दूध, दही और चीज़ जरूर खाने को दें।
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मैग्नीशियम
यह शरीर को हड्डी और प्रोटीन बना पाने में मदद करता है। इससे आपकी ब्लड शुगर भी स्थिर रह सकती है। आप इसकी आवश्यकता नट्स, सीड्स और पत्तेदार सब्जियों को खा कर पूरी कर सकते हैं। बड़े बुजुर्ग आमतौर पर नट्स और सीड्स को चबा नहीं सकते। जिससे उनके शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो जाती है। उन्हें सप्लीमेंट्स दे सकते हैं।
ओमेगा 3 S
आपका शरीर अपने आप ही इन फैटी एसिड्स को नहीं बना पता। इसलिए डाइट में इनका होना तो काफी जरूरी होता है। यह आपके दिमाग, नर्व सेल्स और स्पर्म सेल्स के लिए आवश्यक होते हैं। अल्जाइमर, डिमेंशिया और अंधेपन से बचने के लिए ओमेगा 3 एस का शरीर में होना आवश्यक है। फैटी फिश, अखरोट आदि से इनकी कमी पूरी की जा सकती है।
विटामिन डी
शरीर को विटामिन डी की जरूरत कैल्शियम अवशोषण करने के लिए होती है। साथ ही विटामिन डी मांसपेशियों व नसों को स्ट्रांग बनाने और इम्युनिटी को बूस्ट करने में भी सहायक है। वैसे तो अधिकांश विटामिन डी सूरज की रोशनी से मिल सकता है। पर बढ़ती उम्र के साथ शरीर सूरज की किरणों को विटामिन डी में नहीं बदल पाता। इसलिए विटामिन डी युक्त खाद्य जैसे कि सार्डिन, मैकेरल आदि वसा युक्त मछली का सेवन फायदेमंद है।
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जिंक
यह आपकी सूंघने और टेस्ट करने की क्षमता बढ़ाता है। साथ ही शरीर में इंफेक्शन और इंफ्लेमेशन से भी लड़ता है। जिंक से आंखों की रोशनी में भी सुधार आता है। इसकी कमी पूरी करने के लिए ओयस्टर खाए जा सकते हैं। आप इसे बीफ, क्रैब या ब्रेकफास्ट सीरियल्स से भी प्राप्त कर सकते हैं।
पोटेशियम
आपके हृदय, मसल्स, किडनी और नर्व के लिए पोटेशियम जरूरी होता है। यह आपको स्ट्रोक, हाई बीपी, हड्डियों की समस्या से बचा सकता है। लेकिन इसका सप्लीमेंट लेने से पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछ लें। पालक, दूध, केले आदि का सेवन करके इसकी मात्रा पूरी की जा सकती है।
अगर इन सब पोषक तत्वों की जरूरत पूरा करने के लिए सप्लीमेंट का सेवन करने की सोच रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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