संसद में पास हुआ मैटरनिटी लीव बिल, गर्भवती महिला को मिलेगी 26 हफ्ते की छुट्टी

आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार ने संसद में गर्भवती महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव से जुड़े संशोधित बिल को पास कर दिया है। मैटरनिटी लीव एर ऐसा एक्ट है, जहां 1961 के मुताबिक कामकाजी महिला को गर्भावस्था के दौरान बच्चे की देखरेख और पालन पोषण के लिए छुट्टी मिलती है।
  • SHARE
  • FOLLOW
संसद में पास हुआ मैटरनिटी लीव बिल, गर्भवती महिला को मिलेगी 26 हफ्ते की छुट्टी

डॉक्टर्स, गर्भावस्था के दौरान प्रेग्नेंट लेडीज को बेडरेस्ट करने की सलाह देते हैं। या फिर अगर वे स्वस्थ हैं, तो उन्हें रोज सुबह-शाम पार्क में वॉक करने के लिए कहते हैं। लेकिन, जो लेडीज वर्किंग हैं, वे इन दोनों में से कोई भी कार्य नहीं कर पाती हैं। आपको जानकर खुशी होगी कि सरकार ने संसद में गर्भवती महिलाओं के लिए मैटरनिटी लीव से जुड़े संशोधित बिल को पास कर दिया है। मैटरनिटी लीव एर ऐसा एक्ट है, जहां 1961 के मुताबिक कामकाजी महिला को गर्भावस्था के दौरान बच्चे की देखरेख और पालन पोषण के लिए छुट्टी मिलती है। ऐसे में उसे पूरी सैलेरी देने का नियम है।

maternity

इसके मुताबिक, गर्भवती महिला को उसके पहले दो बच्चों के लिए 26 हफ्तों की मैटरनिटी लीव मिल सकेगी, जो पहले केवल 12 हफ्ते हुआ करती थी। वहीं, अगर वह तीसरा बच्चा पैदा करती हैं, तो उसे इन नियमों का फायदा नहीं मिल सकेगा। क्या आप जानते हैं कि देश में करीब 18 लाख महिलाएं ऐसी हैं, जो वर्किंग हैं? वे सभी इन नियम का फायदे उठा सकती हैं। वहीं, अगर कोई महिला इसे नहीं मानती हैं, तो उसे पांच हजार रुपये जुर्माना और तीन से छह महिने के लिए सजा भी मिल सकती है।

जिस संस्था पर 10 या उससे अधिक एम्प्लॉय काम करते हैं, यह नियम वहीं लागू होगा। यह मैटरनिटी बेनिफिट बिल पहले 2016 में राज्यसभा में पास हुआ था, जिसके बाद यह लोकसभी में भी पास हो गया है। भारत, अब महिलाओं को मैटरनिटी लीव देने वाला तीसरा देश बन चुका है। पहले पर कनाडा और दूसरे पर नॉर्वे है, जहां गर्भवती महिलाओं को सबसे ज़्यादा मैटरनिटी लीव दी जाती है।

बिल की कुछ खास बातें...
नियम के मुताबिकअगर कोई महिला तीन महिने की उम्र का बच्चा गोद लेती है या सरोगेट मदर बनती है, तो उसे 12 हफ्तों की छुट्टी देने का तय किया गया है। जिस समस्था में 50 से ज्यादा एम्प्लॉय काम करते हैं, उसके आसपास क्रेच का इंतजाम होना चाहिए। ऐसे में महिला अपने बच्चे से दिन में चार बार मिलने भी जा सकती है। इसके अलावा अगर महिला मैटरनिटी लीव खत्म होने के बाद घर से काम करना चाहती है, तो वह इसके लिए ऑफिस में अर्जी दे सकती है। लेकिन यह नियम कंपनी के काम के नेचर पर डिपेंड करेगा।

इन सबके बाद अब गर्भवती महिला घर पर आराम करते हुए मैटरनिटी लीव के लिए अप्लाई कर सकती है।

Read More Health Related Articles In Hindi

Read Next

गर्भवती का लाइफस्टाइल बनाता है शिशु को कमजोर

Disclaimer