नवजात शिशुओं के साथ कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं जुड़ी हो सकती हैं जिनका इलाज जन्म के बाद करवा लेना चाहिए। ऐसी ही एक समस्या है क्लबफुट यानी पैरों का अंदर की तरफ टेढ़ा होना। ये एक जन्मजात विकार है जो आपको बच्चे के जन्म के ठीक बाद नजर आ सकता है। जिन बच्चों को क्लबफुट की समस्या होती है उनके पैर अंदर या बाहर की तरफ मुड़े होते हैं। लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती पर अगर आपके बच्चे के साथ भी यही समस्या है तो उसे ठीक किया जा सकता है। आपका बच्चा इलाज की मदद से इस समस्या से छुटकारा पा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बालरोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।
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नवजात शिशुओं में पैर टेढ़े होने के लक्षण (Symptoms of clubfoot in newborn)
- अगर जन्म के बाद पैर अंदर या बाहर की तरफ मुडे़े हुए नजर आएं।
- शिशु के पंजे उल्टे हों, ये क्लबफुट का गंभीर लक्षण हो सकता है।
- पैर और टांग की लंबाई छोटी नजर आती है तो क्लबफुट की समस्या हो सकती है।
- पिंंडली की मांसपेशियां अविकसित नजर आएं तो क्लबफुट की समस्या हो सकती है।
- अगर बच्चे के पैर जन्म से टेढ़े हैं तो पैर में आर्क शेप बनी नजर आती है।
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नवजात शिशुओं में क्लबफुट के कारण (Causes of clubfoot in newborn)
नवजात शिशुओं में जन्म से पैर टेढ़े होने या क्लबफुट की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं जैसे-
- अगर घर में किसी को क्लबफुट की बीमारी है तो अन्य लोगों को भी ये बीमारी हो सकती है।
- जो महिला प्रेगनेंसी में धूम्रपान करती हैं उनके होने वाले बच्चों में जन्मजात विकार की समस्या हो सकती है।
बच्चों में टेढ़े पैर का इलाज (Treatment of clubfoot in newborn)
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अगर नवजात शिशु के पैर टेढे़े हैं तो डॉक्टर इलाज के जरिए पैर को चलने लायक बना सकते हैं और ऐसा बच्चे के चलना सीखने से पहले संभव है। जन्म के बाद बच्चे के पैर की मांसपेशियां और हड्डी लचीली होती है इसलिए इलाज जन्म के कुछ हफ्ते बाद ही शुरू किया जा सकता है। टेढ़े पैर को कास्टिंग के जरिए ठीक किया जाता है। इस तरीके के जरिए बच्चे के पैर को सीधा किया जाता है जिसके बाद पैर पर प्लास्टर चढ़ाया जाता है जिसे कास्ट कहते हैं।
क्या हर केस में सर्जरी की जाती है? (Need of surgery in treatment of clubfoot)
ऐसा जरूरी नहीं है, केवल अधिक गंभीर मामलों में ही सर्जरी की जाती है। ऐसे केस जिनमें पैर सीधे नहीं हो सकते उन मामलों में पैर की सर्जरी की जाती है। डॉक्टर सर्जरी करते हैं जिसके लिए खास तरह के ब्रेसेस या जूते बच्चे को पहनाए जाते हें और ब्रेसेस को कई महीनों तक पहनकर रखना होता है।
इलाज के बाद लक्षणों पर गौर करें
अगर आप डॉक्टर से इलाज करवा रहे हैं और बच्चे के पैर की उंगलियों में सूजन या ब्लीडिंंग नजर आती है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर कास्टिंग के बाद बच्चे के पैर में दर्द है या पट्टी जगह से हट गई है तो भी डॉक्टर को बताएं। अगर इलाज के बाद भी पैर दोबारा क्लब फुट की स्थिति में आ जाता है तो आपको डॉक्टर से दोबारा संपर्क करना होगा।
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नवजात शिशु को क्लबफुट की समस्या से कैसे बचाएं? (How to prevent clubfoot in babies)
- प्रेगनेंसी में शराब, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थ का सेवन न करें।
- बिना डॉक्टर के सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें।
- संतुलित आहार लें और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें।
- अपने आसपास सफाई का ख्याल रखें और शारीरिक समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
- प्रेगनेंसी में फोलिक एसिड की जरूरत होती है और उसकी कमी से जन्म दोष हो सकता है इसलिए फोलिक एसिड की मात्रा डॉक्टर की सलाह पर लेते रहें।
जन्म से ही बच्चे के पैर टेढ़े हैं तो माता-पिता परेशान न हों, बच्चे का इलाज करवाएं आपके बच्चे के पैर बिल्कुल सामान्य हो जाएंगे।
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