चिकनपॉक्स एक प्रकार का वायरस है, जो फैलने के बाद शरीर में लाल रंग के चकत्ते या फिर खुजलीदार त्वचा होने लगती है। हाल ही में चिकनपॉक्स का एक नया वेरिएंट क्लैड 9 पाया गया है, जिसके भारत में फैलने की आशंका जताई जा रही है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वीरोलॉजी National Institute of Virology (NIV) की एक रिपोर्ट के मुताबिक चिकनपॉक्स पहली बार देश में varicella zoster virus (VZV) का कारण बन रहा है।
क्या है वैरिकेला जोस्टर वायरस
दरअसल, वैरिकेला जोस्टर वायरस चिकनपॉक्स को फैलाता है। यह बच्चों और टीनेज में चिकनपॉक्स होने का कारण माना जाता है। यह लोगों में खांसने या फिर छींकने के जरिए भी फैल सकता है। यह वायरस होने पर शरीर में 10 दिनों से लेकर 3 हफ्तों तक चकत्ते दिख सकते हैं। अब तक वैरिकेला जोस्टर वायरस कई देशों जैसे यूनाइटेड स्टेट, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी आदि में फैल चुका है। हालांकि, भारत में भी यह समस्या आम है। बहुत से लोग चिकनपॉक्स से पीड़ित रहते हैं। भारत में पहली बार साल 2023 में चिकनपॉक्स के क्लैड 9 वेरिएंट की पुष्टि हुई है। इससे पहले इस वेरिएंट के क्लैड 1 और क्लैड 5 के मामले सामने आ चुके हैं।
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चिकनपॉक्स के लक्षण
चिकनपॉक्स के लक्षणों को आसानी से पहचाना जा सकता है। ऐसे में आपको बुखार, सिर में दर्द, हर समय थकान महसूस होने के साथ ही स्वास्थ्य खराब रहता है। यही नहीं ऐसी स्थिति में भूख भी कम हो सकती है। चिकनपॉक्स होने पर शरीर में खुजलीदार और हल्के लाल रंग के चकत्ते और दाने हो सकते हैं। ऐसे में आपको 10 से लेकर 21 दिनों के भीतर इस वायरस के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। शरीर में ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
चिकनपॉक्स से बचने के तरीके
चिकनपॉक्स होने पर बहुत से लोग चिकित्सक से सलाह लेने के बजाय घर पर ही इसका इलाज करने लगते हैं। ऐसा करने से बचें। अगर आपको चिकनपॉक्स हो जाए तो ऐसे में खुद को आइसोलेट करना बेहतर होता है। ऐसी स्थिति में शरीर में तरल पदार्थों की कमी न होने दें। ऐसी स्थिति में खुजली करने से बचें साथ ही अपने आस-पास साफ-सफाई बनाए रखें।