डायबिटीज के रोगियों के लिए अच्छी खबर। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा विकसित करने का दावा किया है, जिससे टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों को जिंदगी भर इंसुलिन के इंजेक्शन लेने से मुक्ति मिलेगी। टाइप-1 डायबिटीज में मरीज के प्रतिरोधक तंत्र में गड़बड़ी के कारण इंसुलिन का स्राव करने वाली पैंक्रियाज (अग्न्याशय) की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं, जो खून में ग्लूकोज का स्तर बनाए रखती हैं।
ऐसे में इंसुलिन के नियमित इंजेक्शन के बिना मरीज कोमा में चला जाता है। स्थिति बिगड़ने पर उसकी मौत भी हो सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार नई दवा डायपेप-277 टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में शरीर के प्रतिरोधक तंत्र के पैंक्रियाज पर हमले की प्रक्रिया को रोक देगा। यह नया उपचार आगामी तीन साल में बाजार में उपलब्ध होगा।
वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि टाइप-1 डायबिटीज की पहचान होने के बाद रोगियों में इस बीमारी को विकसित होने से रोका जा सकेगा। उनके मुताबिक ये दवा कृत्रिम इंसुलिन के साइड इफेक्ट के खतरे को भी कम कर देगी जिससे हृदय और किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती थी। फिलहाल इस दवा का परीक्षण ब्रिटेन के लंदन किंग्स कॉलेज के साथ-साथ यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और इजरायल के 140 केंद्रों पर चल रहा है।
प्रमुख शोधकर्ता और इजरायल के एंड्रोमेडो बायोटेक संस्थान के डॉ. श्लोमो डैगन ने कहा कि हम पूर्व के परीक्षण में साबित कर चुके हैं कि यह दवा डायबिटीज के रोगियों के लिए कारगर होगी।