बच्चे अक्सर किसी न किसी चीज को लेकर जिद्द करते ही रहते हैं। ऐसे में अभिभावक पूरी कोशिश करते हैं कि वह बच्चों की इच्छा को न दबाएं और उनके द्वारा मांगे जाने वाली चीजों को उन्हें दे पाएं। अपने गौर किया होगा कि समय के साथ बच्चों को जंक फूड खाना अच्छा लगता है। ऐसे में बार-बार बच्चे को जंक फूड देने से उसको कई तरह की समस्याएं हो सकती है। डॉक्टर्स के अनुसार यदि आपके बच्चे की गर्दन पर काले रंग का निशान बनने लगे तो यह इंसुलिन रेसिसटेंस की ओर संकेत करता है। ऐसे बच्चों को डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है। बच्चों की डॉक्टर माधवी भारद्वाज ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि बच्चों को कैसे इन समस्याओं से दूर रखें।
गर्दन का कालापन क्यों है? What is Acanthosis Nigricans in Hindi
गर्दन का कालापन, जिसे अक्सर "एकैंथोसिस नाइग्रिकन्स" कहा जाता है, एक त्वचा की स्थिति है जिसमें गर्दन पर काले, मोटे धब्बे होते हैं, जो अक्सर खुरदुरे दिखाई देते हैं। ये धब्बे काले रंग के होते हैं और शरीर के अन्य क्षेत्रों, जैसे बगल, कमर और स्तनों के नीचे भी दिखाई देते हैं। हालांकि गर्दन का कालापन अपने आप में हानिकारक नहीं होते है, लेकिन बच्चों में यह लक्षण आगे चलकर किसी गंभीर रोग जैसे डायबिटीज, मेटाबॉलिक सिंड्रोम और मोटापे का कारण बन सकता है।
इंसुलिन प्रतिरोध और डायबिटीज के बीच संबंध - How Linked Between Insulin Resistance And Diabetes In Hindi
बच्चों में गर्दन के कालेपन तब चिंताजनक हो सकता है, जब यह इंसुलिन रेसिसटेंस की ओर संकेत करता है। पैंक्रियाज के द्वारा इंसुलिन बनाया जाता है. यह एक हार्मोन है, जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में सहायक होता है। जिससे ग्लूकोज सेल्स में प्रेवश कर शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। लेकिन, इंसुलिन रेसिसटेंस के मामले में शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं, जिससे रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। यह टाइप 2 डायबिटीज की वजह बन सकता है। आज यह समस्या तेजी से बच्चों को प्रभावित कर रही है।
गर्दन के कालेपन और इंसुलिन रेसिस्टेंस के बीच संबंधी की बात करें तो इंसुलिन रेसिस्टेंस से ब्लड सर्कुलेशन में इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है। अतिरिक्त इंसुलिन स्किन सेल्स के उत्पादन को उत्तेजित कर सकता है और त्वचा के रंगद्रव्य के उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे एकैन्थोसिस नाइग्रिकन्स में विशिष्ट काले धब्बे दिखाई देते हैं। हालांकि बच्चों में डायबिटीज होने का यह एक मात्र कारण नहीं माना जा सकता है। लेकिन इससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ सकता है।
बच्चों को डायबिटीज से बचाने के लिए क्या करें? Prevention Tips Of Diabetes In Children in Hindi
- स्वस्थ आहार दें: अपने बच्चे को फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम फेट वाले प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार खाने के लिए प्रोत्साहित करें। मीठी ड्रिंक्स और उच्च कैलोरी, कम पोषक तत्वों वाले खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित करें, यह इंसुलिन प्रतिरोध और वजन बढ़ा सकते हैं।
- शारीरिक गतिविधि को बढ़ाएं: नियमित व्यायाम इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करने में मदद करता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट की मध्यम से तीव्र शारीरिक गतिविधि से बच्चे को डायबिटीज के खतरे से बचाया जा सकता है।
- बच्चे के मोटापे को नियंत्रित करें: दरअसल, मोटापे की वजह से बच्चों को कई तरह बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे में आप बच्चे के संतुलित आहार दें।
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बच्चे के शरीर में होने वाले बदलावों को आप नजरअंदाज न करें। यदि, बच्चे को बार-बार एक ही तरह के लक्षण दिखाई दे रहें हैं तो डॉक्टर से मिलकर उसके कारण को समझें। साथ ही, बच्चों के साथ खेलें और उन्हें मोबाइल व वीडियो गेम्स से दूर रखें।