Natural Remedies For Premenstrual Syndrome Mood Swing : किशोरावस्था में प्रवेश करते ही लड़कियों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इस दौरान लड़कियों के पीरियड्स शुरू होते हैं। पीरियड्स के दौरान लड़कियों को अलग-अलग तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। पीरियड्स से पहले लड़कियों और महिलाओं के शरीर में कई संकेत दिखाई देते हैं। इन संकेतों या लक्षणों को प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। यह एक तरह का सिंड्रोम है, जो पीरियड शुरू होने से पहले महिलाओं के शरीर में होने वाले शारीरिक और इमोशनल बदलावों की ओर संकेत करता है। इस समय महिलाओं को इमोशनल बदलाव की वजह से तेजी से मूड स्विंग्स हो सकते हैं। इस विषय पर एनएच-एसआरसीसी चिल्ड्रेन अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रुजुल झावेरी से जानते हैं कि प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में मूड स्विंग्स से बचने के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) क्या है?
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) में पीरियड्स से पहले होने वाले विभिन्न शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक लक्षण शामिल होते हैं। ये लक्षण आमतौर पर पीरियड्स से कुछ दिन पहले शुरू होते हैं और अक्सर पीरियड्स शुरू होने के बाद ठीक हो जाते हैं।
प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में मूड स्विंग्स को कम करने के नेचुरल उपाय - Natural Remedies For Premenstrual Syndrome Mood Swing In Hindi
प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में मूड स्विंग्स होने के कारण महिलाओं और लड़कियों को अक्सर चिड़चिड़ापन रहता है। साथ ही, उनका किसी भी काम को करने में मन नहीं लगता है। आगे जानते हैं इससे बचने के नेचुरल उपाय।
डाइल में करें बदलाव
प्री मेंस्ट्रुअल सिंड्रोम में होने वाला मूड स्विंग शरीर में हार्मोनल बदलाव का एक मुख्य कारण माना जाता है। इसे आप डाइट में बदलाव कर कम कर सकते हैं। ऐसे में आप विटामिन बी और आरयन से भरपूर चीजों को शामिल करें। साथ ही, थकान को दूर करने के लिए फलों का सेवन करें। मीठा खाने से बचें। इस दौरान आप कद्दू, हरी पत्तेदार सब्जियां, दाल, व फाइबर युक्त चीजों का सेवन कर सकते हैं।
हल्दी वाली चाय
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन पीएमएस के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद होता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दर्द को कम करने में सहायक होते हैं। जिससे पेट में होने वाले दर्द और आपके मूड में सुधार होता है।
रेगूलर एक्सरसाइज करें
एक्सरसाइज हर व्यक्ति के लिए फायदेमंद होती है। पीएमएस में आप मेडिटेशन, व्यायाम और योग कर सकते हैं। इसमें आप एरोबिक एक्सरसाइज, जैसे साइकिलिंग, स्विमिंग और जॉगिंग कर सकते हैं। इससे एंडोर्फिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन रिलीज होने लगता है। जिससे मूड बेहतर होता है।
सप्लीमेंट्स लें
विटामिन और मिनरल्स से आप पीरियड्स के दौरान और उससे पहले की समस्याओ को दूर करे सकते हैं। कैल्शियम और मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स से मांसपेशियों की ऐंठन को दूर करने में मदद मिलती है। इससे मूड स्विंग्स के प्रभावों को भी कम किया जा सकता है।
तनाव को करें कम
अपने तनाव को कम करने और आराम करने से पीरियड्स से पहले के लक्षणों से जुड़े आपके इमोशनल असंतुलन को सुधारने में मदद मिल सकती है। सांस लेने के व्यायाम, नियमित ध्यान और योग अभ्यास से आपको नेचुरल रूप से आराम मिलता है।
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पीरियड्स से पहले कैफीन का सेवन कम करें, क्योंकि इससे आपके मूड में बदलाव, चिड़चिड़ापन, चिंता और नींद की समस्याओं हो सकती है। यदि समस्या अधिक है तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।