Doctor Verified

मेंस्ट्रुअल साइकिल त्वचा को कैसे करती है प्रभावित? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

मेंस्ट्रुअल साइकिल कई बार आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकती हैं। आगे जानते हैं इस बारे में।  
  • SHARE
  • FOLLOW
मेंस्ट्रुअल साइकिल त्वचा को कैसे करती है प्रभावित? जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। महिलाओं में पीरियड्स के समय उतार-चढ़ाव ज्यादा महसूस होता है। इस समय एस्ट्रोजन की कमी और बढ़ोतरी का त्वचा पर भी प्रभाव पड़ता है। हार्मोन बदलाव सीबम के निर्माण को भी प्रभावित करता है। सीबम नेचुरल ऑयल होता है। यह डेड सेल्स के साथ मिलकर रोम छिद्रों को बंद कर सकते हैं। जिससे मुंहासे और त्वचा की अन्य समस्याएं शुरु हो सकती हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं मेंस्ट्रुअल साइकिल में बदलाव होने पर त्वचा पर क्या प्रभाव पड़ते हैं।    

मेंस्ट्रुअल साइकिल (मासिक धर्म चक्र) और हार्मोन बदलाव से समझें 

महिलाओं का मासिक धर्म चक्र लगभग 28 दिनों तक चलता है, हालांकि ये दिन कम या ज्यादा हो सकते है। मेंस्ट्रुअल साइकिल के चार चरण होते हैं। इस पूरी साइकिल में हार्मोन का लेवल कम या ज्यादा होता है। इसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन शामिल होते हैं। आगे जानते है मेंस्ट्रुअल साइकिल के चारों चरणों के बारे में। 

  • पीरियड्स : इस चरण में महिलाओं के गर्भाशय में बनने वाली परत ब्लीडिंग के रूप में बाहर निकलती है। इस दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर सबसे कम होता है।
  • फॉलिक्यूलर फेस : जैसे ही शरीर ओव्यूलेशन के लिए तैयार होता है, एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है, जो ओव्यूलेशन के फॉलिक्यूल को मेच्योर करने का कार्य करता है। 
  • ओव्यूलेशन : चक्र के 14वें दिन के आसपास, एस्ट्रोजन का स्तर चरम पर होता है, जिससे मेच्योर एग का निकलना शुरू हो जाता है। इस चरण में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच) में वृद्धि होती है।
  • ल्यूटियल फेस (Luteal Phase) : ओव्यूलेशन के बाद, फॉलिक्ल ल्यूटियम में बदल जाता है, जिससे प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन होता है। इस चरण के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन दोनों का स्तर अपेक्षाकृत अधिक होता है।

periods impacts your skin

मासिक धर्म के दौरान, शरीर हार्मोन के स्तर में गिरावट होती करता है, जिससे सीबम उत्पादन में गिरावट हो सकती है। सीबम त्वचा का प्राकृतिक तेल है और इसकी कमी से त्वचा रुखापन और डिहाइड्रेशन हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कुछ महिलाओं को इस दौरान त्वचा में लालिमा और जलन महसूस हो सकती है। जबकि, कुछ महिलाओं को हार्मोनल बदलाव की वजह से मुंहासे भी हो सकते हैं। 

मेंस्ट्रुअल साइकिल से त्वचा पर पड़ने वाले प्रभाव कैसे कम करें - How To Treat Menstrual Cycle Impact On Your Skin In Hindi 

  • मुंहासे को कैसे कम करें - यदि महिला ल्यूटियल फेस में हैं तो उनको मुंहासे कम करने के लिए घेरलू उपचार करने चाहिए। इस दौरान मुंहासे ज्यादा हो, तो ऐसे में डॉक्टर की सलाह ली जा सकती है।
  • डाइट में बदलाव : मासिक धर्म के कारण त्वचा पर होने वाले प्रभावों को कम करने के लिए महिलाएं डाइट में बदलाव कर सकती हैं। इस दौरान महिलाओं को फलों, सब्जियों और ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार लेने चाहिए। 
  • तनाव को कम करें : हार्मोनल उतार-चढ़ाव को स्थिर करने और आपकी त्वचा में सुधार लाने के लिए रोजाना योग, ध्यान व व्यायाम करें। इससे तनाव कम होता है। 

इसे भी पढे़ं : प्रेग्नेंसी में यूट्रीन रप्चर (गर्भाशय का फटना) क्यों होता है? जानें इसके कारण और इलाज

मेंस्ट्रुअल साइकिल में हार्मोनल बदलाव आपकी त्वचा को प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान हार्मोन को नियंत्रितर कर त्वचा की समस्याओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इस समय महिलाओं को डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिसकी वजह से त्वचा में रुखापन हो सकता है, इससे बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। 

 

 

Read Next

क्या मानसून में प्रेग्नेंट महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है? डॉक्टर से जानें बचने के उपाय

Disclaimer