कम उम्र में मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय

पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए आप घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैँ। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में-
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कम उम्र में मेनोपॉज या पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए अपनाएं ये 5 घरेलू उपाय


मेनोपॉज शुरू होने से पहले महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजम हार्मोन का स्तर कम होने लगता है। इस स्थिति में महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं। आमतौर पर यह बदलाव मेनोपॉज शुरू होने से करीब 3 से 5 साल पहले दिखने लगता है। इस अवस्था को ही पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। पेरिमेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के लक्षण दिख सकते हैं। जैसे- योनि का सूखापन, होट फ्लैशेज, सोने में कठिनाई इत्यादि। इस दौरान आपकी सेक्स ड्राइव कम हो सकती है। साथ ही मेटाबॉलिज्म धीमा हो सकता है। पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा कुछ घरेलू उपायों की मदद से भी आप पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम कर सकते हैँ। आइए जानते हैं उन घरेलू उपायों के बारे में-

1. जिंनसेंग (Ginseng)

जिंनसेंग का सेवन आप चाय के रूप में या फिर सप्लीमेंट के रूप में कर सकते हैं। यह आपको किसी भी ऑनलाइन या सुपरमार्केट में आसानी से मिल सकता है। कई लोग जिंगसेन का इस्तेमाल औषिधि के रूप में करते हैं। इसके सेवन से हॉट फ्लैशेज को कम किया जा सकता है। अगर आपको पेरिमेनोपॉज के दौरान होट फ्लैशेज हो रहे हैं, तो जिंनसेंग की चाय पिएं। इससे आपको काफी फायदा हो सकता है। 

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2. सोया उत्पादनों का करें सेवन

पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए आप सोया उत्पादनों का सेवन कर सकते हैं। यह आपके शरीर में मेनोपॉज के लक्षणों को कम करता है। दरअसल, सोया में आइसोफ्लेवोन्स नामक प्लांट बेस्ड एस्ट्रोजन होता है। ऐसे में अगर आप इसे अपने डाइट में शामिल करते हैं, तो यह आपके शरीर में एस्ट्रोजन की कमी को पूरा कर सकता है। साथ ही इसके सेवन से रात में पसीना आना, योनि का सूखापन जैसी परेशानी दूर हो सकती है। सोया उत्पादन में आप सोयाबीन, टोफू और सोया मिल्क जैसी चीजों को शामिल कर सकते हैं। इससे आपको काफी फायदा होगा।

3. विटामिन डी का करें सेवन

महिलाओं की ओवरी जब एस्ट्रोजन का उत्पादन बंद कर देती है, तो इस स्थिति में महिलाओं को ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) होने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। ऐसे में महिलाओं को पेरिमेनोपॉज के दौरान विटामिन डी से युक्त आहार या फिर सप्लीमेंट लेना चाहिए। हालांकि, विटामिन डी से आप होट फ्लैशेज और योनि के सूखेपन की परेशानी को दूर नहीं कर सकते हैँ। लेकिन इसके सेवन से आपकी हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है।  साथ ही विटामिन डी आपके मूड को बेहतर करता है, जो आपके इमोशन को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है।

4. योग का लें सहारा

मेनोपॉज के दौरान आपको अनिद्रा, होट फ्लैशेज जैसे लक्षण दिख सकते हैँ। इन लक्षणों को कम करने के लिए आप योग का सहारा ले सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से योग करने से नींद को बेहतर किया जा सकता है। पेरिमेनोपॉज के दौरान आपको मूड स्विंग की परेशानी काफी ज्यादा होती है। ऐसे में आप योग का सहारा ले सकते हैं।

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5. मन को शांत रखें

मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं का मन काफी ज्यादा अशांत और विचलित रहता है। जिसकी वजह से उन्हें उदासी और अवसाद की समस्या हो सकता है। ऐसी स्थिति में महिलाएं काफी ज्यादा गुस्से वाली, चिड़चिड़ी हो जाती हैं। कुछ महिलाएं अपना नियंत्रण खो देती हैं। ऐसी स्थिति से बचने के लिए खुद के मन को शांत करें। मन को शांत करने के लिए मेडिटेशन करें, अपने आसपास के माहौल को ठंडा रखें, गर्म चीजें न खाएं इत्यादि तरीकों से आप मन को शांत कर सकते हैं।

पेरिमेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए आप इन घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि अगर आपकी परेशानी ज्यादा बढ़ रही है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। ताकि गंभीर लक्षणों से बचा जा सके।

 

 

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