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National Salt Awareness Week: नमक से जुड़े इन 3 मिथकों पर आप भी करते हैं भरोसा? तो एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्च

नमक की सीमित मात्रा खाने के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस साल 1 से 7 मार्च तक नेशनल सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जा रहा है।
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National Salt Awareness Week: नमक से जुड़े इन 3 मिथकों पर आप भी करते हैं भरोसा? तो एक्सपर्ट से जानें इनकी सच्च

National Salt Awareness Week: इंसान को अपनी जिंदगी में बातें और खाने में नमक संतुलित मात्रा में ही लेना चाहिए। ये बातें अक्सर आपने सुनी होगी। खाने में अगर नमक सही मात्रा में न डाला जाए तो यह उसका स्वाद बिगाड़ जाता है। वहीं खाने में नमक ज्यादा हो जाए तो जायके के साथ सेहत भी बिगड़ सकती है। नमक की सीमित मात्रा खाने के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए इस साल 1 से 7 मार्च तक नेशनल सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जा रहा है। इस जागरूकता अभियान के तहत आज इस आर्टिकल में हम आपको नमक से जुड़े ऐसे मिथकों की सच्चाई बताने जा रहे हैं, जिस पर लोग बिना किसी फैक्ट के भरोसा कर लेते हैं। नमक से जुड़े मिथक और इनकी सच्चाई की जानकारी दे रही हैं दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल की डॉक्टर प्रियंका सुहाग।

मिथक: नमक खाने की वजह से हाई ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम होती है

सच्चाई : डॉ. प्रियंका सुहाग का कहना है कि हद से ज्यादा नमक का सेवन किया जाए तो यह ब्लड प्रेशर को ट्रिगर कर सकता है। लेकिन सीमित मात्रा में नमक लिया जाए तो यह ब्लड प्रेशर के हाई होने का कारण नहीं बनता है। एक्सपर्ट का कहना है कि एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रति दिन 2000 से 2300 मिलीग्राम सोडियम का सेवन जरूर करना चाहिए। अगर आप इससे ज्यादा मात्रा में सोडियम का सेवन करते हैं यह ब्लड प्रेशर और हार्ट प्रॉब्लम का कारण बन सकता है। इसके अलावा कोई व्यक्ति कम मात्रा में सोडियम लेता है तो इसकी वजह से किडनी संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।

मिथक: तनाव में आपको अधिक नमक की आवश्यकता होती है

सच्चाई : कई लोगों का मानना होता है कि आपको स्ट्रेस में ज्यादा नमक की जरूरत होती है। लेकिन ऐसा नहीं है। स्ट्रेस में आपको ज्यादा सोडियम खाने की क्रेविंग हो सकती है। दरअसल, जब हम ज्यादा स्ट्रेस में होते हैं तब पेशाब के माध्यम से सोडियम की उच्च मात्रा शरीर से निकल जाती है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। इन परिस्थितियों में, शरीर थकान और चक्कर से उबरने के लिए आपको ज्यादा सोडियम खाने की इच्छा हो सकती है। सोडियम सिर्फ नमक से नहीं बल्कि केचअप, फ्राई चीजों से भी मिलता है।

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मिथक: सामान्य नमक के मुकाबले हिमालयन नमक में सोडियम की मात्रा कम होती है

सच्चाई : कई लोगों का मानना है कि सामान्य सफेद नमक की तुलना में हिमालयन नमक और समुद्री नमक में सोडियम की मात्रा काफी कम होती है। लेकिन सच्चाई यह है कि बात चाहे हिमालयन नमक की हो, समुद्री नमक की या फिर काले नमक की। सभी में सोडियम की मात्रा लगभग सामान्य ही होती है। सभी नमकों में सोडियम की मात्रा 1 या 2 प्रतिशत से कम ज्यादा हो सकती है, लेकिन इनका सेहत पर असर एक जैसा ही होता है। एक्सपर्ट का कहना है कि सफेद नमक हो या फिर काला नमक, हिमालयन नमक हर व्यक्ति को एक संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए।

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जो लोग डायबिटीज, हाइपरटेंशन, थायराइड जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं उन्हें एक दिन में कितने ग्राम नमक खाना चाहिए इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

Imgae Credit: Freepik.com

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