महिला हो या पुरुष सभी अपने लुक्स को लेकर काफी सजग रहते हैं। चेहरे की फाइन लाइंस और रिंकल्स को हटाने के लिए आजकल बोटोक्स का इस्तेमाल खूब बढ़ गया है। ऐसे में प्राकृतिक सुंदरता और बोटोक्स को लेकर बहस भी खूब हो रही है। नेचुरल ब्यूटी और बोटोक्स दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। बोटोक्स को लेकर अक्सर लोगों के मन में कुछ सवाल रहते हैं। इंटरनेट पर भी बोटोक्स को लेकर कई तरह की अलग-अलग बातें फैली हुई हैं, जिससे कन्फ्यूजन और ज्यादा बढ़ जाती है। बोटोक्स से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे जानना बेहद जरूरी है। इसलिए आज हम आपको बोटोक्स से जुड़े कुछ मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं।
पहला मिथक : बोटोक्स जहरीला होता है और स्किन के लिए नुकसानदायक होता है।
सच्चाई : बोटोक्स न्यूरोटॉक्सिन के लिए जाना जाता है, जिसे बोटुलिनम टॉक्सिन टाइप ए कहा जाता है। ये बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं होता है। ये मसल्स को रिलेक्स करने में मदद करता है। बोटोक्स का ट्रीटमेंट का इस्तेमाल लगभग 20 वर्षों से किया जा रहा है और इससे जुड़ी कोई भी गलत खबर सामने नहीं आई है। बोटोक्स वैज्ञानिक तरीके से काम करता है और इसकी बहुत छोटी मात्रा का उपयोग किया जाता है।
इसे भी पढ़ें : आपकी रसोई में ही छिपा है त्वचा को चमकदार बनाए रखने का राज, ये 16 पैक्स आएंगे काम
टॉप स्टोरीज़
दूसरा मिथक : ये आर्टिफिशियल लुक प्रदान करता है और चेहरे को फ्रीज कर देता है।
सच्चाई : ये एक आम गलतफहमी है, जो गलत तरीके से या अधिक मात्रा में बोटोक्स लेने के कारण फैली है। लेकिन अगर बोटोक्स का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए, तो इसके परिणाम बहुत अच्छे होते हैं। बोटोक्स के बाद होने वाले बदलाव बहुत मामूली होते हैं, इसलिए लोगों को आसानी से पता नहीं चलता है कि आपने बोटोक्स करवाया है। बोटोक्स ट्रीटमेंट आपके लुक को बदलने के बजाय उसे और खूबसूरत बनाता है। बोटोक्स से चेहरे को लिफ्ट देने के लिए, स्किन को रिकंल्स फ्री, सॉफ्ट और यंग बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
तीसरा मिथक : ट्रीटमेंट बंद करने के बाद चेहरा खराब होने लगता है।
सच्चाई : बोटोक्स ट्रीटमेंट परमानेंट नहीं होता है। एक बार बोटोक्स ट्रीटमेंट करवाने पर ये 3 से 4 महीने तक प्रभावी रहता है। इसके बाद ये बॉडी के अंदर टूट जाता है और घुल जाता है। अगर ट्रीटमेंट को रोक दिया जाए तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता कि चेहरा खराब होने लगे। चेहरे की मसल्स दोबारा फुल मूवमेंट में लौट आती हैं। ये आपकी मर्जी है कि आप इस ट्रीटमेंट को आगे जारी रखना चाहते हैं या नहीं।
चौथा मिथक : बोटोक्स इंजेक्शन दर्द भरे होते हैं।
सच्चाई : यह एक भ्रम है ऐसा कुछ नहीं होता।
पांचवा मिथक : एक बार बोटोक्स शुरू हो जाए तो बंद नहीं किया जा सकता।
सच्चाई : बोटोक्स से यंग लुक मिलती है। इसलिए लोग बोटोक्स को खुद ही बीच में बंद नहीं करना चाहते।
इसे भी पढ़ें : हमेशा दिखना चाहते हैं सुंदर? जानें घर पर कैसे करें त्वचा की देखभाल और इसको अपनाने का तरीका
छठा मिथक : बोटोक्स का शरीर पर हानिकारक प्रभाव हो सकता है।
सच्चाई : बोटोक्स मसल में दिए जाने वाला ट्रीटमेंट है। इसका शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
सातवां मिथक : बोटोक्स और फिलर्स एक सा इलाज है।
सच्चाई : बोटोक्स और फिलर्स दोनों का अलग-अलग तरह के इलाज होता हैं, लेकिन इनको साथ में प्रयोग किया जा सकता है।