
अस्थमा बीमारी नहीं बल्कि वंशानुगत रोग व एलर्जी है। अस्थमा चूंकि रोग नहीं है, बल्कि एलर्जी है इसलिये अस्थमा रोगियों के लिए धुंध और धूल भरा मौसम घातक हो सकता है। इसलिए ऐसे मौसम में अस्थमा रोगी के लिए आवश्यक देखभाल जरूरी हो जाती है। इन सब बातों से भी ज्यादा जरूरी है, अस्थमा रोग से संबंधी भ्रम और तथ्य पर नजर डालना।
भ्रम
दमा एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज सम्भव है।
तथ्य
यह आजीवन और लम्बे समय तक रहने वाली बीमारी है। न हर्बल दवाओं से, मछली की दवाओं से या दूसरी दवाओं से अस्थमा का इलाज सम्भव है।
भ्रम
अस्थमा के मरीज स्पोर्टस में भाग नहीं ले सकते।
तथ्य
अगर आपको अस्थमा है तो ऐसे में आपको स्पोर्टस से दूर रहने की कोई जरूरत नहीं है। स्पोर्टस में भाग लेने से आपकी अस्थमा की स्थिति ना ठीक होगी और ना ही बिगड़ेगी।
भ्रम
मेरे फेफड़े मजबूत हैं इसलिए मेरे अन्दर अस्थमा से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता है।
तथ्य
यह बिलकुल ही गलत है। ऐसा कोई तथ्य अब तक सामने नहीं आया है कि दवाएं ना लेने से आपके फेफड़े मजबूत होंगे। दवाएं ना लेने से अस्थमा और भी खतरनाक हो सकता है और यहां तक कि इससे मृत्यु भी हो सकती है।
भ्रम
अस्थमा एक सार्जिकल बीमारी है।
तथ्य
यह बीमारी तब होती है जब हमारे फेफड़ों की आंतरिक दीवारें एलर्जिक प्रतिक्रियाओं के कारण म्यूकस के अत्यधिक अवोत किये जाने से होती है। यह कोई सार्जिकल या हार्मोनल बीमारी नहीं है।
भ्रम
अस्थमा की दवाओं में स्टेरायड होने की वजह से वो सुरक्षित नहीं होतीं।
तथ्य
अस्थमा की दवाओं में स्टेरायड की बहुत कम मात्रा इस्तेमाल की जाती है। यह एथलीट द्वारा अपनी परर्फोमेंस को अच्छा करने की तुलना में बहुत कम होती है। यह स्टेरायड बिलकुल भी नुकसानदायक नहीं होते, इनकी मात्रा बस उतनी ही होती है जितनी की त्वचा पर लगाए जाने वाले क्रीम की होती है।
भ्रम
अस्थमा बस एक ही तरीके का होता है।
तथ्य
अस्थमा बहुत प्रकार का होता है और इसका प्रभाव अलग अलग लोगों में अलग अलग होता है। अस्थमा का कोल्ड या सर्दी की तरह कोई खास लक्षण नहीं होता। इसका प्रभाव और लक्षण लोगों में अलग अलग होता है।
भ्रम
अगर बच्चे को लम्बे समय तक अस्थमा की दवाएं लेते हैं तो उनके बीमार होने पर अन्य दवाओं का प्रभाव कम हो जाता है।
तथ्य
अलग-अलग दवाओं का प्रभाव अलग होता है। कुछ दवाएं सिर्फ तभी काम करती हैं जब आपको बीमारी के लक्षणों से निजात पानी होती है और कुछ दवाएं प्रतिदिन लेनी पड़ती है। ऐसे में दवाएं लेने से पहले डाक्टरी सलाह जरूर लें।
भ्रम
अगर मैं अच्छा महसूस करता हूं तो इसका मतलब है कि मेरा अस्थमा ठीक हो गया है।
तथ्य
अगर आपको अस्थमा के लक्षण नहीं पता लग रहे तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपका, अस्थमा ठीक हो गया है।
भ्रम
बच्चों को अस्थमा की दवा देने का सबसे अच्छा तरीका है नेबुलाइजर।
तथ्य
यह सही नहीं है, आज नेबुलाइजर इनहेलर की जगह स्पेसर मास्क का प्रयोग किया जा रहा है जो कि इतने ही प्रभावी है।
Image Courtesy : Getty Images
Read More Articles on Asthma in Hindi
Read Next
वजन को भी प्रभावित करता है अस्थमा
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version