शरीर में जितनी भी रासायनिक प्रतिक्रियाएं होती हैं उन्हे मेटाबॉलिज्म यानि चयापचय कहते हैं। इन रासायनिक प्रतिक्रियाओं का काम हमारे शरीर में भोजन को ऊर्जा में परिवर्तन करना होता है। उदाहरण के तौर पर रक्त संचार, सांस लेने की प्रतिक्रिया, भोजन का पचाना, शरीर के तापमान का नियंत्रण आदि सारी गतिविधियों के लिए मेटाबॉलिज्म जिम्मेदार होता है। ऐसे में इसे तंदुरुस्त रखना बेहद जरूरी है। लेकिन लोगों के मन में चयापचय को लेकर कुछ भ्रम हैं, जिसके कारण वे अपनी दिनचर्या में ना जानें क्या-क्या बदलाव करते रहते हैं। ऐसे में मेटाबॉलिज्म से जुड़े मिथक के बारे में पता होना जरूरी है। बता दें कि एक्सरसाइज मेटाबॉलिज्म को तंदुरुस्त रखने में आपके बेहद काम आ सकती हैं। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि मेटाबॉलिज्म को तंदुरुस्त रखने में कौन सी एक्सरसाइज आपके बेहद काम आ सकती हैं। साथ ही मेटाबॉलिज्म से जुड़े मिथक के बारे में भी बताएंगे। पढ़ते हैं आगे...
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज
1 - एरोबिक वर्कआउट के इस्तेमाल से - बता दें कि मेटाबॉलिज्म को तंदुरुस्त बनाने में एरोबिक वर्कआउट आपके बेहद काम आ सकता है। इसके अंदर स्विमिंग, रनिंग, डांसिंग, किक बॉक्सिंग, वॉकिंग आदि शामिल हैं। इन्हें करने से शरीर में कैलोरी बर्न होती है साथ ही ब्लड फ्लो भी सही रहता है।
2 - पुशअप्स के इस्तेमाल से - पुश अप करने से भी मेटाबॉलिज्म को तंदुरुस्त बनाया जा सकता है। बता दें कि पुशअप को करने से मसल्स पर जोर पड़ता है, जिससे उनकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं। पुशअप्स के दौरान ट्राइसेप्स मसल्स, कोर, पेक्टोरल आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके माध्यम से शरीर में काफी कैलोरी बर्न हो सकती हैं।
3 - स्कॉट के माध्यम से - स्कॉट्स घर पर रहकर बेहद आसानी से किए जा सकते हैं। यह बेहद आसान एक्सरसाइज है। इसमें व्यक्ति को अपना बॉडी वेट ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर की तरफ लेकर जाना होता है। हालांकि उस दौरान व्यक्ति के हाथ आगे की तरफ होते हैं। इसे करने से ग्लूट्स और हैमस्ट्रिंग मसल्स पर जोर पड़ता है। साथ ही कैलोरी भी बर्न होती है।
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4 - लंजेस के इस्तेमाल से - एक्सरसाइज के माध्यम से मेटाबॉलिज्म को बढ़ाया जा सकता है। इसमें सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और फिर अपने कंधों को पीछे की तरफ खींचते हुए अपने कदम को आगे की तरह लेकर जाएं। इस दौरान आप के दाएं पैर का घुटना जमीन पर लगा रहना चाहिए। अब ऐसे ही बाएं पैर के साथ करें। ऐसा करने से हैमस्ट्रिंग मसल्स पर खिचांव आता है। बता दें कि लंजेस करने से मैटाबॉलिज्म को मजबूत किया जा सकता है।
मेटाबॉलिज्म से जुड़े मिथक
1 - मेटाबॉलिज़्म कम होने का कारण खाना मिस करना है
यह मिथक है। जो ये लोग ये सोचते हैं कि दो-तीन घंटे के दौरान कुछ ना कुछ खाते रहेंगे तो उनका चयापचय बढ़ेगा उन्हें बता दें कि बीच-बीच में खाने से मेटाबॉलिज़्म प्रभावित नहीं होता है। हालांकि बार-बार खाने से व्यकित का पेट भरा रह सकता है।
2 - उम्र बढ़ने के बाद मेटाबॉलिज़्म धीमा होने लगता है
नहीं, ऐसा नहीं है। ये व्यक्ति पर निर्भर करता है कि उसका खानपान या जीवनशैली कैसी है। व्यक्ति चाहे तो बढ़ती उम्र के साथ मेटाबॉलिज़्म को तेज़ रख सकता है। हालांकि 40 के बाद टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन (मसल्स बनाने के लिए महत्वपूर्ण) का लेवल कम होने लगता है ऐसे में विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है।
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3 - डाइट में बदलाव करके मेटाबॉलिज़्म बढ़ सकता है
कहना मुश्किल है कि डाइट में बदलाव करके चयापचय को बढ़ाया जा सकता है। हालांकि कैफीन, एप्पल साइडर विनेगर आदि के सेवन से चयापचय के कार्य में सुधार लाया जा सकता है।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है की मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में कुछ आसान सी एक्सरसाइज आपके बेहद काम आ सकती हैं। हालांकि एक्सरसाइज करने के दौरान व्यक्ति को थोड़ी सी सावधानी बरतने की जरूरत है। यदि किसी एक्सरसाइज को करते वक्त बॉडी के किसी भी अंग में दर्द हो तो ऐसे में एक्सपर्ट की देखरेख में ही उस एक्सरसाइज को करें।
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