कोरोना महामारी के बीच कई अन्य बीमारियां भी लोगों पर कहर ढा रही हैं। भारत में जहां ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस जैसी बीमारियां सामने आई हैं, तो वहीं दूसरी ओर कनाडा में एक रहस्यमय बीमारी की चपेट में लोग आ रहे हैं। खबरों के अनुसार, कनाडा के एक ही प्रांत में 48 लोग इस रहस्यमय ब्रेन सिंड्रोम (Mysterious Brain Syndrome) की चपेट में आ चुके हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोरोना महामारी के बीच अब इस बीमारी ने लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि यह बीमारी प्रियन डिजीज से मिलती जुलती है। चलिए जानते हैैं इन समस्याओं के बारे में विस्तार से-
ब्रेन सिंड्रोम के एक ही प्रांत में मिले 48 मरीज
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, यह बीमारी कनाडा के न्यू ब्रंसविक (New Brunswick) प्रांत में रहने वाले लोगों में देखा जा रहा है। यहां 29 अप्रैल 2021 तक करीब 48 लोग इस बीमारी से ग्रसित हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन में से 6 मरीजों की मौत हो चुकी है। हालांकि, मौत की स्पष्ट वजहों का पता नहीं चला है। मिस्टीरियस ब्रेन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में अनिद्रा, कंफ्यूजन, अंगों की शिथिलता जैसे लक्षण दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह ब्रेन सिंड्रोम 2015 में पहली बार देखा गया था। 2015 में डॉक्टर एलियर मारेरो ने इस बीमारी पर सबसे पहले बात की थी। उस समय मरीजों में कंफ्यूजन और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या देखी गई थी। वहीं, इस साल न्यू ब्रंसविक के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने मार्च में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बीमारी की चर्चा की थी।
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मिस्टीरियस ब्रेन सिंड्रोम के लक्षण
कनाडा में फैल रहा यह ब्रेन सिंड्रोम हर एक वर्ग को समान रूप से अपनी चपेट में ले रहा है। इससे ग्रसित लोगों में निम्न लक्षण दिख रहे हैं।
- कनफ्यूजन (भ्रम)
- मांसपेशियों में जकड़न
- थकान, बोलने में परेशानी
- अनिद्रा, सिरदर्द
- चलने में कठिनाई
व्यवहार में बदलाव और सिरदर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। फिलहाल इस बीमारी का सटीक कारण सामने नहीं आया है।
सिंड्रोम को सार्वजनिक करने की अपील
हाल ही में एक महिला ने इस बीमारी को सार्वजनिक करने की अपील की है। न्यू ब्रंसविक में रहने वाली महिला का दावा है कि उसकी मां को रहस्यमय न्यूरोलॉजिकल बीमारी हुई थी। उनका सवाल यह है कि इसको प्रांत में सार्वजनिक क्यों नहीं किया जा रहा है? एक महीने पहले बोनी वौटोर की 77 वर्षीय मां सिल्विया कर्टिस की रहस्यमयी ब्रेन सिंड्रोम की वजह से मौत हो गई। महिला का कहना है कि उनकी मां पिछले दिसंबर से ही इस बीमारी से ग्रसित थीं, लेकिन कुछ महीनों से उनकी हालत बिगड़ती गई और उनकी मौत हो गई। उनकी अपील यह है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में जानना बहुत ही जरूरी है। प्रांत इसे लोगों के सामने सार्वजनिक करे।
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कुछ लोग मोबाइल टावर और वैक्सीन को ठहरा रहे जिम्मेवार
कनाडा के हेल्थ एजेंसियों को इस मिस्टीरियस ब्रेन सिंड्रोम हैरान में डाल दिया है। दुनियाभर के कई न्यूरोलॉजिस्ट इस बीमारी की जांच कर रहे हैं। न्यू ब्रंसविक में रहने वाले लोगों के बीच कोरोना के साथ-साथ इस बीमारी का भी डर बैठ गया है। कुछ लोग का मानना है कि यह बीमारी मोबाइल फोन टावरों के रेडिएशन से फैल रही है। वहीं, कुछ लोग इसे COVID-19 वैक्सीन का साइड इफेक्ट बता रहे है। लेकिन अभी तक इस बात की अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है कि आखिर यह बीमारी क्यों फैल रही है। फिलहाल इस पर गहन अध्ययन की आवश्यकता है।
वैज्ञानिकों के पास नहीं है सटीक जबाव
इस बीमारी से जुड़े कई सवाल लोगों द्वारा पूछे जा रहे हैं। जैसे- क्या यह बीमारी पर्यावरण से फैल रही है? क्या यह बीमारी अनुवांशिक है? क्या यह मांस खाने से फैल रही है? ऐसे कई सवाल लोगों के मन में है, लेकिन वैज्ञानिकों के पास अभी तक इसका फिलहाल कोई सटीक जबाव नहीं है।
प्रियन बीमारी से मिलता जुलता है यह सिंड्रोम
यह रहस्यमयी ब्रेन सिंड्रोम प्रियन बीमारी (prion diseases) से मिलती-जुलती बताई जा रही है। प्रियन डिजीज के बारे में नोएडा के न्यूरो सर्जन डॉक्टर अतुल गुप्ता बताते हैं कि यह एक ऐसी बीमारी है, जो प्रोटीनयुक्त संक्रामक कणों के कारण होती है। प्रियन न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों का एक समूह है। भारत में इस समस्या के मामले काफी कम सामने आए हैं। प्रियन (Prion) समस्या से ग्रसित लोगों की सोचने-समझने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा कुछ अहम लक्षण (Symptoms of Prion Diseases) होते हैं। जैसे-
- कंफ्यूजन
- सामान्यजस बैठाने में परेशानी
- अनिद्रा
- धुंधलापन

प्रियन डिजीज के कारण (Prion Diseases Causes)
मस्तिष्क में प्रोटीन मिसफॉल्ड की वजह से मस्तिष्क के कार्य करने की क्षमता में गिरावट आती है। मुख्य रूप से यह बीमारी प्रियन प्रोटीन नामक प्रोटीन के मिसफॉल्डिंग की वजह से होती है। प्रियन प्रोटीन के मिसफोल्डेड के कारण मस्तिष्क में यह प्रोटीन जमा होने लगती है, जो धीरे-धीरे तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाता है। इस क्षति की वजह से मस्तिष्क के ऊतकों में छोटे-छोटे छिद्र बनने लगते हैं, जिसकी वजह से माइक्रोसकोप से जांच करने पर यह स्पंज की तरह दिखाई देता है। इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी प्रियन डिजीज की समस्या हो सकती है। जैसे -
- दूषित आहार या फिर चिकित्सा उपकरणों के माध्यम से भी यह समस्या हो सकती है।
- अनुवांशिक कारणों से भी कुछ लोगों में यह बीमारी देखी गई है।
- बिना किसी ज्ञात कारणों से भी कुछ लोगों में यह समस्या हो सकती है।
प्रियन डिजीज के लिए जोखिम (Risk factor of Prion Diseases)
कई अन्य कारणों से कुछ लोगों में प्रियन डिजीज होने का खतरा ज्यादा रहता है।
अनुवांशिक- अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को यह बीमारी है, तो अन्य व्यक्तियों की तुलना में यह बीमारा का खतरा आपको अधिक है।
उम्र - बढ़ती उम्र के लोगों में भी यह समस्या देखी जा सकती है। खासतौर पर वृद्ध लोगों में यह समस्या विकसित हो सकती है।
पशु उत्पाद - दूषित पशुओं के उत्पादन का सेवन करने से भी प्रियन रोग हो सकता है।
चिकित्सा प्रक्रिया - दूषित चिकित्सा उपकरणों के इस्तेमाल से आपको यह समस्या हो सकती है।
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प्रियन डिजीज का इलाज (Treatment of Prion Diseases)
डॉक्टर का कहना है कि प्रियन रोग का फिलहाल कोई सटीक इलाज नहीं है। उचित देखभाल से ही आप मरीज की सहायता कर सकते हैं। जैसे-
दवाएं - डॉक्टर मरीज को कुछ दवाएं देते हैं, जिससे प्रियन के लक्षणों को कम किया जा सके। समय पर मरीजों को दवा दें, ताकि उनके अंदर होने वाले बदलाव को कम किया जा सके।
सही से देखभाल - बढ़ती उम्र के लोगों की देखभाल और सही से ख्याल रखकर उनकी मदद की जा सकती है। साथ ही उनकी दैनिक गतिविधियों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
शरीर को रखें हाइड्रेट - प्रियन डिजीज से ग्रसित मरीजों को हाइड्रेट रखने की आवश्यकता है। साथ ही उन्हें उचित पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें।
बता दें कि भारत में फिलहाल यह रहस्यमयी ब्रेन सिंड्रोम की समस्या नहीं देखी जा रही है। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अगर आप किसी अन्य मानसिक या फिर शारीरिक समस्या से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें। किसी भी समस्या को नजरअंदाज न करें। शारीरिक और मानसिक समस्या को नजरअंदाज करना आप पर और आपके परिवार पर भारी पड़ सकता है।
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