योग का अभ्यास करने से सेहत को कई लाभ मिलते हैं। क्या आप जानते हैं सिर्फ योगासन ही नहीं ऐसी कई योग मुद्राएं भी हैं जिनका अभ्यास सेहत के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। हम में से ज्यादातर लोग यह नहीं जानते हैं कि कुछ ऐसी योग मुद्राएं भी हैं जो आपके शरीर के साथ ही, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद है। ऐसी ही एक मुद्रा है अपान मुद्रा (Apana Mudra)। अपान मुद्रा के स्वास्थ्य संबंधी अनेक लाभ हैं। साथ ही इसका अभ्यास करना भी बहुत आसान है। आप इसका अभ्यास किसी भी समय और कहीं भी कर सकते हैं। इस लेख में हम योगाचार्य और सर्टिफाइड योगा टीचर संगीता पोरवाल से जानेंगे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कैसे फायदेमंद है अपान मुद्रा और अभ्यास का तरीका (Mudra To Detoxify Body Physically And Mentally)।
शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है अपान मुद्रा (Apana Mudra Benefits In Hindi)
योगाचार्य संगीता की मानें तो अपान मुद्रा डिटॉक्सिफाई मुद्रा भी कहा जाता है। क्योंकि यह आपके शरीर को डिटॉक्सिफाई करती है। साथ ही यह आपके मस्तिष्क को भी डिटॉक्सिफाई करती है, जिससे आप भावनात्मक रूप से भी स्वस्थ महसूस करते हैं। जिसका सीधा असर आपके संपूर्ण स्वास्थ्य पर देखने को मिलता है। खुश और उत्साहवर्धक महसूस करते हैं। इस मुद्रा का अभ्यास करना से आप मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं। साथ ही आप चिंता, तनाव और अवसाद जैसी मानसिक स्थितियों से भी दूर रहते हैं।
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अपान मुद्रा का अभ्यास करने के अन्य फायदे (Apana Mudra Benefits In Hindi)
- हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और सीने के दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार है।
- पेट के लिए बहुत फायदेमंद है। इसका अभ्यास करने से डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
- सिरदर्द की समस्या से छुटकारा दिलाती है
- कब्ज की समस्या दूर होती है। साथ ही उल्टी, दस्त
- महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याओं को कम करने में मददगार है
- अगर गर्भवती महिलाएं इसका अभ्यास करती हैं, तो इससे डिलीवरी के समय परेशानी नहीं होती है साथ ही इससे गर्भधारण में भी मदद मिलती है।
- आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करती है
- लिवर को स्वस्थ रखने और कामकाज को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
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अपान मुद्रा का अभ्यास कैसे करें (How To Do Apana Mudra In Hindi)
- अपान मुद्रा करने के लिए सबसे पहले किसी साफ और शांत जगह पर एक मैट बिछा लें। इस पर पद्मासन में बैठ जाएं। कमर और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें
- अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें।
- अब अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। इस दौरान हथेलियां ऊपर आसमान की तरफ होनी चाहिए।
- इसके बाद अपनी तर्जनी उंगुली (Index Finger) को हथेली की तरफ को मोड़ें।
- अपने मध्यमा या अनामिका उंगुली (Middle or Ring Finger) के सिरों को अंगूठे के सिरे से मिलाएं।
- इस दौरान आपकी छोटी उंगुली एकदम सीधी रहेगी।
- अब अपने मन को एकांत करने की कोशिश करें। आप चाहें तो इस दौरान कोई जाप भी कर सकते हैं। ओम का जाप किया जा सकता है।
- इस मुद्रा में आप आधे घंटे तक रह सकते हैं। आप चाहें तो इसका समय भी बढ़ा सकते हैं।
योग मुद्रा का अभ्यास करने से आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ मिलता है, आपको रोजाना इसका अभ्यास करने का प्रयास करना चाहिए।
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