सर्दियों में ये 7 बीमारियां हैं आम, मगर सामान्य लक्षणों के कारण नजरअंदाज करना हो सकता है घातक

सर्दी के द‍िनों में आम लक्षणों के साथ शुरू होने वाली इन 7 बीमारियों को ज्यादा समय तक नजरअंदाज करना ठीक नहीं, जानें इनसे बचाव के तरीके।
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सर्दियों में ये 7 बीमारियां हैं आम, मगर सामान्य लक्षणों के कारण नजरअंदाज करना हो सकता है घातक

बढ़ती सर्दी कभी-कभी हमारे स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। आम बीमार‍ियां भी ठंड के द‍िनों में अपना बुरा असर द‍िखाना शुरू कर देती हैं। हवा में ज्‍यादा नमी के कारण भी कई बीमार‍ियां पांव पसार लेती हैं। कुछ बीमार‍ियां तो आगे चलकर जानलेवा साब‍ित हो सकती हैं। सर्दी में आपको अपनी डाइट, व्‍यायाम और पोषण पर व‍िशेष ध्‍यान देने की जरूरत है। सर्द‍ियों में तापमान बदलने से गले में खराश जैसी परेशानी आम हो जाती है। ठंड के द‍िनों में वायरस तेजी से बढ़ते हैं। अगर आपके पास मौजूद कोई संक्रमित व्यक्ति छींकता है या खांसता है तो चंद सेकेंड्स में वायरस आपको पकड़ सकता है। सर्दी के वायरस से बचने के ल‍िये घरेलू उपचार असरदार साबित होते हैं।

सर्द‍ियों में रोग प्रत‍िरोधक क्षमता ठीक करने के ल‍िये गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें। गर्म दूध में काली मिर्च मिलाएं और ठंडा होने से पहले इसका सेवन करें। गुनगुने नमक के पानी से गरारे करें। छींकने और खांसी होने पर अपना मुंह ढंकने की आदत डालें। खुद को हाइड्रेटेड रखें। उन सभी चीजों से इस मौसम में दूरी बनायें जो गरम द‍िनों में आप बहुत शौक से खाते हैं। आइसक्रीम, कोल्‍डड्र‍िंक से उच‍ित दूरी बनाकर रखें। साइनस की परेशानी हो तो धूल-मिट्टी से खुद को बचाकर रखें। ठंड में बाहर जाते समय गर्म कपड़ा पहनें और अपने सिर और गला हमेशा ढक कर रखें इससे ठंड आपको  नहीं सतायेगी। इससे हम ठंड में होने वाली बीमार‍ियों से न‍िजात पा सकते हैं। अगर समय रहते आप डॉक्‍टर को नहीं द‍िखायेंगे तो आगे चलकर ये सामान्‍य बीमार‍ियां आपको ज्‍यादा नुकसान पहुंचा सकती है। इस समय अस्‍थमा के मरीजों की तादाद भी बढ़ जाती। बीमारियों को नजरअंदाज करना अच्छी बात नहीं है। कुछ बीमारियां तो ऐसी हं, जिनके लक्षण शुरुआत में सामान्य होते हैं, मगर अनदेखा करने से समस्याएं बढ़ती चली जाती हैं। आज हम आपको ऐसी ही 5 बीमारियों के बारे में बताएंगे।

common winter diseases

क्‍या आपको सर्द‍ियों के द‍िनों में कम सुनाई देता?

कई लोग ठंड के मौसम में बहरेपन की श‍िकायत करते हैं। ठंडी हवा का प्रकोप समझकर नजरअंदाज की जाने वाली इस समस्या के कारण आपकी तकलीफ बढ़ सकती है। कान का संक्रमण एक ऐसी समस्या है जो कान के बीच में बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। कान के बीच की जगह गीली होने की वजह से यहां सूजन हो सकती है ज‍िससे आपको तेज दर्द का अहसास होगा। सर्दियों की जलवायु से कान में संक्रमण होना आम है पर तेज दर्द होने पर ईएनटी (आंख-कान रोग) व‍िशेषज्ञ को द‍िखाना न भूलें। समय-समय पर कानों को साफ ईयरबड से क्‍लीन करते रहें ज‍िससे आपके कान में बैक्‍टेर‍िया लंबे समय तक घर न बनाने पाएं।

गरम कपड़ों में भी सताता है जोड़ों में दर्द?

गठिया से पीड़ित अधिकांश लोग सर्दियों के दौरान अपने जोड़ों में दर्द का सामना करते पाये जाते हैं। इस दर्द पर काबू पाने का एक तरीका है नियमित रूप से व्यायाम करना। यह आपकी जीवन शैली को बदलने में आपकी सहायता करेगा। जोड़ों का दर्द कई कारकों के कारण हो सकता है और यहां कुछ सबसे सामान्य कारक हैं जो आपको जोड़ों के दर्द को प्रभावित कर सकते हैं। सूजन, टूटी हुई कार्टिलेज, गठिया, इन्फ्लूएंजा और हेपेटाइटिस से पीड़ित लोग ठंड के द‍िनों में आम लोगों के मुकाबले जोड़ों में दर्द की श‍िकायत ज्‍यादा करते हैं। दर्द को कम करने के ल‍िये आप नी कैप (kneecap)का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा प्रोटीन युक्‍त डाइट का सेवन करें।

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खुजली वाली त्वचा से नहीं उठा पा रहे हैं सर्दी का मजा?

क्‍या आपने कभी सोचा है क‍ि सर्दियों में आपकी त्‍वचा शुष्क क्‍यों हो जाती है ? ऐसा इसलिए है क्योंकि ठंड के द‍िनों में हवा रूखी होती है और ये आपके त्वचा की ऊपरी नमी को उड़ा देती है। इसी तरह जब आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक तेलों और नमी नहीं बना रहा होता है, तो यह सूख जाता है जिससे सूखी-खुजली वाली त्वचा हो जाती है। आपको बस इतना करना है कि सर्दियों में पेट्रोलियम जेली और नारियल के तेल का उपयोग करके अपनी त्वचा को हर समय मॉइस्चराइज रखें। आपकी त्वचा की कोशिकाएं धूल और बहुत से पदार्थों के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं और इससे कई त्वचा रोग हो सकते हैं जो आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।  

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निमोनिया के लक्षण पर रखें नजर

दूसरी आम सर्दी की बीमारियों से उलट, निमोनिया अक्सर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। निमोनिया एक जानलेवा बीमारी है जो घातक हो सकती है और यह आमतौर पर वायरल और फंगल संक्रमण से शुरू होती है। यह बीमारी युवाओं में ज्‍यादा होती है लेकिन अगर कोई वृद्ध व्यक्ति इससे पीड़ित है तो यह खतरनाक हो सकता है। यह बीमारी घातक है क्योंकि यह खांसने, छींकने या किसी वस्तु को छूने से फैल सकती है। ध्यान रखें कि अगर आपके कई दिनों तक सर्दी जुकाम रहता है या तेज बुखार हो गया है, तो यह निमोनिया का संकेत हो सकता है। इसका इलाज ही इसका बचाव है इसल‍िये लक्षण जानकर तुरंत अस्‍पताल पहुंचें।

गले में खराश न बन जाये बेकाबू

आधे से ज्‍यादा लोग इसका इलाज करने की परवाह नहीं करते हैं और इससे स्‍थ‍ित‍ि और बेकाबू हो जाती है। यह रोग सर्दियों के सबसे आम रोगों में से एक है और आमतौर पर वायरल संक्रमण के कारण होता है। गले में खराश के कारण होते हैं जो गले में खराश को ट्रिगर कर सकते हैं लेकिन सर्दियों के दौरान यह बहुत आम है। क‍िसी प्रकार की एलर्जी, घर के अंदर सूखापन, वायु प्रदूषण, गले में ट्यूमर आद‍ि गले में खराश का कारण हो सकते हैं। खराश को ठीक करने के लिए एक सरल घरेलू उपाय है गुनगुने नमक के पानी से गरारे करना है। यह संक्रमण को ठीक नहीं करता है लेकिन इससे आपको राहत जरूर म‍िलेगी।

अस्थमा से बचें

ठंड की हवा में कई तरह के वायरस पनपते हैं ऐसे में ये आपकी श्‍वास नली में जाकर बीमारी का कारण बन सकते हैं। कई लोगों को इस कारण अस्‍थमा हो जाता है। अगर आप पहले से अस्थमा से पीड़ित हैं तो आपको ठंडी हवा के कारण सांस में तकलीफ हो सकती है। अपनी दवा को न छोड़ें और इनहेलर्स को अपने साथ रखें। अस्‍थमा होने के जैनेट‍िक कारण भी हो सकते हैं पर सर्द‍ियों के द‍िनों में प्रदूष‍ित हवा से खुद को बचाकर रखें। सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्‍टर को संपर्क करें।

asthma in winters

सर्दियों में  दिल जरा संभाल कर

दिल के दौरे आमतौर पर सर्दियों के दौरान अन्य मौसमों की तुलना में अध‍िक पड़ते हैं। ध्यान रखें कि सर्दियों के दौरान शरीर की गर्मी को बनाए रखने के लिए आपके दिल को अधिक मेहनत करनी होगी। हार्ट अटैक की समस्या सर्दियों में ब्लड प्रेशर के बढ़ जाने के कारण भी होती है। हृदय पर ज्‍यादा दबाव पड़ने से हृदयाघात का खतरा बना रहता है। तो इससे बचने के ल‍िये आपको बस इतना करना है कि अपने शरीर का तापमान गर्म रखें। दिल का दौरा तब तक बहुत घातक और जानलेवा हो सकता है जब तक आप पहले से अच्छा इलाज न करें।

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ऐसे कई तरीके हैं जिनसे बीमारी को हराया जा सकता है। आपको बस खुद पर ध्‍यान देने और साफ-सफाई पर सख्‍ती बरतनी है। अपने हाथों को लगातार धोते रहें। हैंड सेनिटाइजर का इस्‍तेमाल करें। अगर बुखार या जुकाम जैसी आम बीमार‍ियां दो हफ्ते से अध‍िक समय तक रहती हैं तो अपने चिकित्सक से जल्द से जल्द परामर्श लें।

Written by Yashaswi Mathur

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