Gestational Diabetes in Hindi: जेस्टेशनल डायबिटीज होने पर प्रेगनेंसी के दौरान शुगर का स्तर बढ़ जाता है यानी महिला डायबिटीज का शिकार हो जाती है। डायबिटीज के कारण शरीर में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बन पाती। इस कारण से बीपी बढ़ता है। हार्मोन्स का निर्माण असंतुलित हो जाता है। इस कारण से सेफ डिलीवरी की संभावना कम हो जाती है। होने वाले बच्चे का स्वास्थ्य भी खतरे में पड़ सकता है। इन समस्याओं से बचने के लिए जेस्टेशनल डायबिटीज के दौरान कुछ गलतियों से बचना चाहिए। इन गलतियों के बारे में हम आगे बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. शुगर की जांच न करवाना
कई महिलाएं जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति में भी लापरवाही बरतती हैं। चेकअप न करवाने की गलत आदत के कारण शुगर का स्तर बढ़ जाता है और प्रेगनेंसी की स्थिति में शुगर का स्तर सामान्य करने में परेशानी होती है। समय-समय पर शुगर की जांच करवाएं। साथ ही डॉक्टर की सलाह मानें। कुछ मामलों में डॉक्टर डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए दवा और इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की सलाह देते हैं। जेस्टेशनल डायबिटीज के मामले में चिकित्सा सहायता लेना न भूलें।
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2. गलत डाइट लेना
प्रेगनेंसी में महिलाओं को डाइट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। लेकिन आप जेस्टेशनल डायबिटीज का शिकार हैं, तो डाइट में सावधानी भी बरतें। डाइट कंट्रोल करने के लिए भूखा रहने की जरूरत नहीं है। बल्कि 3 मील्स की जगह 5 छोटे मील्स का सेवन करें। अपनी डाइट में ऑयली फूड, फास्ट फूड, पैकेट वाले फूड, जंक फूड को शामिल न करें। ज्यादा से ज्यादा घर के बने ताजे खाने का सही सेवन करें।
3. कसरत न करना
प्रेगनेंसी के दौरान कसरत न करने से डायबिटीज का स्तर बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान शरीर को डायबिटीज के खतरों से बचाने के लिए हर दिन वॉक करें। प्रेगनेंसी में इंटेंस वर्कआउट से बचना चाहिए हालांकि आप योगा, वॉकिंग, स्ट्रेचिंग, डीप ब्रीदिंग जैसे आसान व्यायाम कर सकती हैं। कसरत नहीं करेंगी, तो जेस्टेशनल डायबिटीज के कारण बीपी बढ़ेगा और प्रीक्लेम्प्सिया (Preeclampsia) का खतरा भी बढ़ जाएगा।
4. वजन कंट्रोल न करना
प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज का शिकार हुई हैं, तो ओवरवेट की स्थिति से बचें। अगर कंसीव करने से पहले आपका वजन सामान्य से ज्यादा है, तो आपको जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा हो सकता है। वहीं जेस्टेशनल डायबिटीज के बाद आप ओवरवेट दिख रही हैं, तो डायबिटीज को कंट्रोल करने में समस्या होगी। प्रेगनेंसी में डॉक्टर डाइटिंग करने की सलाह नहीं देते। इंटरमिटेंट फास्टिंग भी प्रेगनेंसी में एक अच्छा विकल्प नहीं है। लेकिन सिंपल डाइट लें और समय पर भोजन खाएं और रोजाना हल्के व्यायाम करें। इससे आपका वजन नियंत्रण में रहेगा और डायबिटीज कंट्रोल में रहेगी।
इन 4 गलतियों से बचेंगी, तो जेस्टेशनल डायबिटीज की स्थिति में भी सेफ डिलीवरी की ओर बढ़ पाएंगी और आपके स्वास्थ्य को भी कम से कम नुकसान पहुंचेगा।