मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम में आपका मध्यम वाला बच्चा, जो सबसे बड़े और छोटे के बीच आता है, उसके व्यवहार और मानसिक स्थितियों के बारे में बताता है। "मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम" में यह विश्वास किया जाता है कि मध्यम बच्चे को उनके जन्म क्रम के कारण अनदेखा किया जाता है या फिर कह सकते हैं कि उपेक्षित किया जाता है। ऐसे बच्चों में कुछ अलग व्यवहारिक और रिश्तों को लेकर सोच हो सकती है। दरअसल इस सिद्धांत को अल्फ्रेड एडलर ने जन्म दिया था। उनका मानना था कि बच्चे के जन्म क्रम के कारण उनके मनोवैज्ञानिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। उनके अनुसार घर का सबसे बड़े बच्चा अधिक प्रिय और पेरेंट्स को उससे अधिक उम्मीद होती है। इसके अलावा सबसे छोटा बच्चा घर का सबसे दुलारा होता है। वह लाड़-प्यार के कारण थोड़ा बिगड़ भी जाता है। लेकिन मध्यम वाला बच्चा समभाव होता है। उसे सबसे बड़े बच्चे और छोटे बच्चे के लिए सामंजस्य बैठाने में परेशानी भी हो सकती है।
क्या है मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम
व्यक्तित्व अध्ययन में ये बात कही जाती है कि आपके परिवार में आपका जन्म क्रम आपके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर अपने अपने घर में की मध्यम संतान है, तो आपके माता-पिता आप पर कम ध्यान देते हैं और आपको इग्नोर किया जाने जैसा महसूस हो सकता है। आपके अंदर कुछ अलग लक्षण हो सकते हैं। हालांकि इसके लिए हमने गुड़गांव के आर्टेमिल अस्पताल के चीफ पीडियाट्रीशियन डॉ राजीव छाबड़ा से बात की। इस मामले में उनका कहना था कि बच्चे के व्यवहार या पेरेंट्स के प्यार में कमी बच्चे के जन्म क्रम पर निर्भर नहीं करती है। साइंस में ऐसी किसी बात का माना नहीं गया है।
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मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम के लक्षण
मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम मध्यम बच्चे को कैसे प्रभावित करता है, उसे समझा जा सकता है। दरअसल उनके व्यक्तित्व की कुछ विशेषताएं देखने को मिलती है।
1. व्यक्तित्व
मध्यम वाले बच्चे अन्य भाई-बहनों की तुलना में शांत स्वभाव के होते हैं क्योंकि आमतौर पर बड़ा बच्चा मजबूत इरादों वाला और छोटा बच्चा स्वभाव से बच्चा होता है। लेकिन मध्यम वाले बच्चे को घर में उस तरह का माहौल नहीं दिया जाता है इसलिए वह शांत और कम बोलने वाले होते हैं।
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2. रिश्ते
ऐसे बच्चे अपने पेरेंट्स से अधिक लगाव महसूस नहीं कर पाते हैं। वे खुद को बड़े और छोटे भाई-बहनों की तरह बराबर महसूस नहीं करते हैं। जहां बड़े भाई-बहन पर अधिक जिम्मेदारियां होती है। वहीं छोटे भाई-बहन का पेरेंट्स अधिक ध्यान रखते हैं। ऐसे में बीच वाले बच्चे पर पेरेंट्स का अधिक ध्यान नहीं जाता है।
3. विरोध
कई बार आपने ये नोटिस किया होगा कि पेरेंट्स का ध्यान आकर्षित करने के लिए मध्यम बच्चा बड़े और छोटे भाई या बहन से प्रतिस्पर्धा करने लगता है। उसे यह देखकर परेशानी होती है कि पेरेंट्स बड़े या छोटे भाई-बहन को अधिक प्यार करते हैं। उनकी ओर कम ध्यान दिया जाता है।
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यह बच्चे को कैसे प्रभावित करता है?
मिडिल चाइल्ड सिंड्रोम समस्या बचपन से अधिक किशोरावस्था में बच्चों को परेशान कर सकती है। बच्चे बड़े होने के दौरान अपने भाई-बहनों से अधिक प्रतिस्पर्धा करते हैं। मध्यम बच्चा होने के कारण आपके बच्चे को ये लग सकता है कि आप उन्हें वे सारी चीजें नयी नहीं देते हैं, जो उनसे बड़े या छोटे भाई या बहन को मिल रही है। इसके अलावा वे कई बार अपने भाई-बहन द्वारा उपयोग किए सामान को इस्तेमाल करने के दौरान भी छोटा और इग्नोर महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में धीरे-धीरे बच्चे के मन में पेरेंट्स के प्रति गलत भावना घर करने लगती है। उन्हें ऐसा लग सकता है कि उनके पेरेंट्स उसे प्यार नहीं करते हैं और दूसरे भाई-बहनों को अधिक प्यार करते हैं। ऐसे में वह धीरे-धीरे आपसे अपनी भावनाएं छिपाने लगते हैं और आपको अपने मन की बात बताना भी बंद कर देते हैं। इस सभी स्थितियों में आपका बच्चा आपसे धीरे-धीरे दूर होने लगता है।
इन तरीकों से करें उपाय
एक पेरेंट्स के तौर पर आपको अपने मिडिल बच्चे की भावनाओं का भी पूरा ध्यान रखना चाहिए। जब भी बाहर से कोई सामान लाएं। हमेशा एक या दो लाने की बजाय तीनों के लिए लाएं। किसी भी चीज को तीनों से बराबर भाग में बांटे ताकि सभी बच्चों में सामनता का भाव बना रहे। अगर आप बच्चे को ऐसा महसूस कराते हैं कि वह आपके लिए अन्य भाई-बहनों की तुलना में ही सबसे प्रिय है और उनकी आपकी नजरों में एक अलग जगह है, तो उनमें पक्षपात और विरोध की भावना जन्म नहीं लेगी।
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