इंसान के हार्ट में पहली बार पाए गए प्लास्टिक के कण, जानें रोज की गलतियां जिनसे शरीर में जाता है प्लास्टिक

शरीर में प्लास्टिक जाने से कई तरीकों से नुकसान पहुंच सकता है। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इंसान के हार्ट में प्लास्टिक के कण पाए जाने का दावा किया है। 
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इंसान के हार्ट में पहली बार पाए गए प्लास्टिक के कण, जानें रोज की गलतियां जिनसे शरीर में जाता है प्लास्टिक


खराब खान-पान और प्रदूषण के जरिए इंसान की शरीर में दूषित कण जमा हो जाते हैं। ऐसे में कई बार शरीर के कुछ हिस्सों जैसे गर्दे और पेट में प्लास्टिक के टुकड़े भी जम सकते हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इंसान के हार्ट में प्लास्टिक के कण पाए जाने का दावा किया है। दरअसल, एसीएस एनवायरमेंट साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा की गई एक रिसर्च के मुताबिक वैज्ञानिकों ने हार्ट की सर्जरी करते समय कई लोगों के हार्ट में प्लास्टिक के कण पाए। 

मुंह और नाक के जरिए कर सकते हैं प्रवेश 

शोधकर्ताओं ने स्टडी में पता लगाया कि प्लास्टिक के कण इंसान के मुंह और नाक के जरिए भी शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। यही नहीं यह अन्य कारणों से भी हार्ट या फिर शरीर के अन्य हिस्सों तक जा सकते हैं। अमेरिकन केमिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित अध्ययन की मानें तो चीन के बीजिंग एंज़ेन अस्पताल के वैज्ञानिकों ने हार्ट की सर्जरी करते समय 15 मरीजों के हार्ट टिशु की जांच की तो उसमें हजारों माइक्रोप्लास्टिक के टुकड़े मिले। ऐसा एक ही नहीं बल्कि कई मरीजों की हार्ट सर्जरी के बाद ऐसी स्थिति देखी गई। 

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किन गलतियों से शरीर में जाता है प्लास्टिक 

इंसान अपने दिनभर के रूटीन में ऐसी बहुत सी गलतियां करता है, जिससे शरीर में प्लास्टिक के कण जा सकते हैं। प्लास्टिक के ग्लास और बोतल में पानी पीना या फिर प्लास्टिक की प्लेट में गर्म खाना खाने से प्लास्टिक पिघलकर शरीर में प्रवेश कर सकता है। प्लास्टिक फेस मास्क या फिर घरों में दीवार को रंगने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों के जरिए भी प्लास्टिक शरीर में पहुंच सकता है। कई बार यह जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड खाने और प्रदूषित हवा के जरिए भी शरीर में जा सकता है। 

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कैसे पहुंचाता है नुकसान? 

शरीर के किसी भी हिस्से में प्लास्टिक पहुंचना आपको गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। यह न केवल हार्ट में पहुंचने वाले ब्लड फ्लो को कम करता है, बल्कि  हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है। यही नहीं इससे कैंसर होने की आशंका भी बढ़ जाती है। 

 

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