What Is mania Disease In Hindi: सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखना बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल हम देखते हैं कि लोग एंग्जायटी, तनाव और डिप्रेशन आदि की चपेट में बहुत आ रहे हैं। इसके अलावा, भी कई अन्य मानसिक रोग जैसे अल्जाइमर, बाइपोलर डिसऑर्डर और सिजोफ्रेनिया आदि भी बहुत आम हो गए हैं। ये सभी व्यक्ति के स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करते हैं। आजकल लोगों में मेनिया रोग भी काफी देखने को मिल रहा है, लेकिन इस रोग के बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। यह भी एक गंभीर मानसिक स्थिति है। मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ओनलीमायहेल्थ अपने यूट्यूब चैनल पर एक सीरीज चला रहा है, जिसका नाम है "मेंटल हेल्थ A-Z"। इस सीरीज में मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में पॉपुलर विशेषज्ञ डॉ. निमेश जी देसाई मानसिक कल्याण से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर जानकारी शेयर करते हैं। हाल ही में उन्होंने एम. मेनिया रोग को लेकर बहुत जरूरी जानकारी शेयर की है। एम. मेनिया रोग क्या है, इसके प्रकार क्या होते हैं और इसका इलाज कैसे किया जाता है? उन्होंने इसके बारे में विस्तार से बताया है। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं...
मेनिया रोग क्या है- What Is mania Disease In Hindi
डॉ. निमेश के अनुसार, एम. मेनिया असल में बायपोलर रोग का ही एक हिस्सा है। यह एक ऐसी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें व्यक्ति के मूड में बहुत ज्यादा बदलाव देखने को मिलते हैं, जिनमें भावनात्मक उतार-चढ़ाव शामिल हैं। जब कोई व्यक्ति उदास होता है, तो वह उदास या निराश महसूस कर सकते हैं। ज्यादातर गतिविधियों में उनकी रुचि नहीं होती है और वे आनंद खो सकते हैं। जब व्यक्ति का मूड मेनिया या हाइपोमेनिया में बदल जाता है, तो ऐसे में वह उत्साहपूर्ण, ऊर्जा से भरपूर या असामान्य रूप से चिड़चिड़ा महसूस कर सकते हैं। मूड में ये बदलाव व्यक्ति की ऊर्जा, नींद, निर्णय लेने की क्षमता, व्यवहार और स्पष्ट रूप से सोचने की क्षमता को प्रभावित करते हैं।
टॉप स्टोरीज़
मेनिया रोग के प्रकार- Types Of Mania Disease In Hindi
डॉ. निमेश के अनुसार, मेनिया के मोटे तौर 2 प्रकार, लेवल या स्टेज समझे गए हैं। पहला हाइपोमेनिया,इसमें एक व्यक्ति अपने सामान्य दैनिक जीवन की तुलना में थोड़ा अधिक खुश, कुछ ज्यादा एक्टिव है, अधिक खर्च करता है और दोस्त बनाता है। लेकिन जीवन में कोई बड़ी परेशानी उन्हें परेशान नहीं कर रही है। जब यह स्थिति गंभीर हो जाती है तो यह फुल ब्लाउन मेनिया में बदल जाता है, जो मेनिया का दूसरा चरण है। इसमें इन्सान अक्सर चिड़चिड़ा हो जाता है, लड़ाई-झगड़े और मारपीट में शामिल होने लगता है और बहुत ज्यादा पैसे खर्च करता है।
हाइपोमेनिया की पहचान कैसे करें?- How To Identify Hypomania In Hindi
अगर कोई व्यक्ति अपनी असली पर्सनालिटी की तुलना में अधिक हंसमुख, उत्साहवर्धक, खर्चीला हो जाता है, अनिद्रा का अनुभव करता है, या अपने प्राकृतिक व्यवहार की तुलना में जल्दी जाग जाता है, तो वह हाइपोमेनिया का अनुभव कर सकता है। इन समस्याओं को व्यक्ति हाइपोमेनिया के लक्षणों के रूप में देख सकता है। वहीं फुल ब्लाउन मेनिया की स्थिति में व्यक्ति काफी हाइपरएक्टिव हो जाता है, वह अपने आसपास काफी अफरा-तफरी मचाने लगता है। परवार, समाज या कोई भी अन्य सिस्टम उन्हें कंट्रोल नहीं कर पाता है। आप सामान्य व्यक्ति में इन लक्षणों के आधार पर हाइपोमेनिया या फुल ब्लाउन मेनिया की पहचान कर सकते हैं।
यहां देखें विडियो:
मेनिया का इलाज कैसे किया जाता है- Mania Treatment In Hindi
डॉ. निमेश की मानें, तो मेनिया बाइपोलर रोग के एक हिस्से के रूप में देखने को मिलता है। आमतौर मेनिया से पीड़ित व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया जाता है और कुछ दवाओं की मदद से उनकी लक्षणों में सुधार करने की कोशिश की जाती है। अच्छी बात यह है कि बाइपोलर रोग के भाग रूप मेनिया और डिप्रेशन का उपचार दवाओं की मदद से किया जा सकता है। ऐसी कई दवाएं मौजूद हैं, जिनकी मदद से इन स्थितियों में सुधार किया जा सकता है। इन दवाओं की मदद से भविष्य में इन स्थितियों से सिर्फ बचाव संभव है, बल्कि इनका उपचार भी किया जा सकता है।